Face Payment: यूपीआई के माध्यम से डिजिटल भुगतान बढ़ने के साथ धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। बढ़ते मामलों को देखते हुए नियामक ने धोखाधड़ी रोकने के लिए नई व्यवस्था की है। इसके लिए यूपीआई ट्रांजेक्शन को पिन की जगह बायोमेट्रिक से प्रमाणित करने पर काम चल रहा है।
इस पोस्ट में
मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रिटेल पेमेंट सिस्टम के संचालक नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया या एनपीसीआई ने यूपीआई के जरिए भुगतान को सुरक्षित बनाने के लिए बड़े बदलाव की तैयारी की है। यूपीआई के माध्यम से किए गए भुगतान को सत्यापित (प्रमाणित) करने के लिए अब बायोमेट्रिक्स का उपयोग किया जाएगा। बायोमेट्रिक विकल्प जैसे फ़िंगरप्रिंट या चेहरे का प्रमाणीकरण आदि पर विचार किया जा रहा है।
ब्राह्मण उच्च कुल के होते हैं बोलने वाले युवक से भिड़ गया ये लड़का
राज्यसभा में हंगामा: जया बच्चन और सभापति धनखड़ के बीच तीखी नोकझोंक
रिपोर्ट के मुताबिक, एनपीसीआई यूपीआई में बायोमेट्रिक फीचर लाने के लिए कई स्टार्टअप कंपनियों से बात कर रही है। अब ज्यादातर फोन फिंगरप्रिंट स्कैनर और फेस रिकग्निशन जैसे फीचर्स के साथ आ रहे हैं। एनपीसीआई की योजना स्मार्टफोन में मौजूद इन सुविधाओं का उपयोग करके यूपीआई के माध्यम से लेनदेन और भुगतान को सुरक्षित करने की है।
उदाहरण के लिए, एंड्रॉइड फोन चलाने वाले युजर्स फिंगरप्रिंट सेंसर का उपयोग करके भुगतान कर सकेंगे। अधिकांश एंड्रॉइड स्मार्टफोन फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ आते हैं। कई एंड्रॉइड फोन फेस रिकग्निशन फीचर से भी लैस हैं। इसी तरह आईफोन यूजर्स फेस आईडी के जरिए यूपीआई पेमेंट कर सकेंगे।
Face Payment: वर्तमान में UPI के माध्यम से भुगतान करने के लिए पिन की आवश्यकता होती है। उपयोगकर्ता 4 या 6 अंकों का पिन बनाते हैं, जिससे लेनदेन प्रमाणित होता है। Google Pay, Phone Pay और Paytm सहित सभी UPI भुगतान ऐप्स के माध्यम से लेनदेन के लिए प्रमाणीकरण के लिए 4 या 6 अंकों का पिन आवश्यक है। बदलाव के बाद पिन की जगह फिंगरप्रिंट या फेस रिकग्निशन का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे यूपीआई भुगतान पहले से अधिक आसान और सुरक्षित हो जाएगा।