Economy of India: IMF (अंतर्रष्ट्रीय मुद्रा कोष) ने मंगलवार को 2022 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.2 फ़ीसदी रहने का अनुमान जताया। भारत इसी अनुमान के साथ ही तीव्र वृद्धि वाली बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा। भारत की वृद्धि दर चीन की 4.4 फ़ीसदी की वृद्धि की तुलना में करीब दोगुनी है। चूंकि आईएमएफ का ये अनुमान पिछले साल जताई गई वृद्धि संभावना से 0.8 फ़ीसदी कम है।
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अंतर्रष्ट्रीय मुद्रा कोष ने यहां जारी सालाना विश्व आर्थिक परिदृश्य रिपोर्ट में यह बताया है कि वैश्विक वृद्धि दर चालू वर्ष में 3.6 फ़ीसदी रहने का अनुमान है। ये वर्ष 2021 के 6.1 फ़ीसदी से काफी कम है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2021 में 8.9 फ़ीसदी थी। हालांकि अब 2023 में इसके 6.9 फ़ीसदी रहने की संभावना है। साल 2023 की आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान में कमी का एक प्रमुख वजह यूक्रेन युद्ध भी है। इसी वजह से ईंधन तथा खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़े हैं एवं वृद्धि की गति नरम पड़ी हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक जापान सहित एशिया के लिए वर्ष 2023 की आर्थिक वृद्धि अनुमान को 0.9 फ़ीसदी जबकि वहीं पर भारत के मामले में 0.8 फ़ीसदी कम किया गया है। ये कमजोर घरेलू मांग को बताता है। यह भी बताता है कि तेज उचित दाम से निजी खपत तथा निवेश पर प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपनी रिपोर्ट में वैश्विक वृद्धि दर 2022 तथा 2023 में 3.6 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया है।
यह अनुमान जनवरी में बताए गए अनुमान से क्रमश 0.8 फीसदी तथा 0.2 फ़ीसदी कम है। वृद्धि दर अनुमान में कमी युद्ध का रूस तथा यूक्रेन के साथ-साथ दुनिया के अन्य देशों पर पड़ने वाले प्रभाव को बताता है। हालांकि रिपोर्ट में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2022 में 4.4 फ़ीसदी तथा 2023 में 5.1 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। इनकी वृद्धि दर वर्ष 2021 में 8.1 फ़ीसदी रही।
अमेरिका की वृद्धि दर इस साल 2022 में 3.7 फ़ीसदी तथा 2023 में 2.3 फ़ीसदी रहने की संभावनाएं जताई गई है। साल 2021 में अमेरिका की आर्थिक वृद्धि दर 5.7 फ़ीसदी थी। कोर्ट के मुताबिक रूस तथा यूक्रेन दोनों के सकल घरेलू उत्पाद यानी की जीडीपी में वर्ष 2022 में बड़ी गिरावट की आशंका है। सबसे बड़ी गिरावट यूक्रेन में ही होगी। इसका वजह है यूक्रेन पर हमला तथा बुनियादी ढांचा को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाना तथा लोगों को सुरक्षित स्थानों की तरफ ले जाना है।
Economy of India, अंतर्रष्ट्रीय मुद्रा कोष ने जनवरी में लगाए गए अनुमान मुताबिक चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 9 फ़ीसदी कर दिया है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पहले भी कई एजेंसियां कोविड-19 के नए स्वरूप ओमीक्रोन के कारण से कारोबारी गतिविधियों तथा आवागमन पर पड़ने वाले प्रभाव के चलते अपने वृद्धि दर के अनुमान में कमी कर दी हैं।
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Economy of India, दरअसल वाशिंगटन स्थित अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्था ने विश्व आर्थिक परिदृश्य पर अपनी ताजा अनुमान में यह कहा है कि अगले वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था से 1.7 फ़ीसदी की दर से बढ़ेगी। इससे पहले भी अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पिछले साल अक्टूबर में 2021-22 में भारत की वृद्धि दर 9.5 फ़ीसदी रहने का अनुमान लगाया था।