Divorce For Maggi: कर्नाटक के बेल्लारी से एक पति पत्नी के तलाक का एक बड़ा ही अजीबोगरीब मामला सामने आया है। मैगी की वजह से एक शख्स ने अपनी बीवी से डायवोर्स ले लिया है। वहीं, मैसूर प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट जज एम.एल. रघुनाथन ने इस अजीबोगरीब मामले को ‘मैगी केस’ नाम दिया है।हमारे देश में मैगी एक लोकप्रिय स्नैक है।
लोगों ने अक्सर दावा किया है कि वे दिन भर में कभी भी “दो मिनट का नूडल्स” खा सकते हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि हर कोई “मैगी का बहुत बड़ा प्रशंसक” नहीं है। एक अजीबोगरीब, पुराना मामला तब सामने आया जब भारत में एक न्यायाधीश ने खुलासा किया कि कैसे मैगी ने पति और पत्नी के बीच तलाक को जन्म दिया।
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शहरी जीवन इतना फास्ट हो गया है कि लोगों के पास खाना बनाने का भी समय नहीं है। इतना ही नहीं खाना बनाने की तो बात तो दूर है लेकिन वर्तमान समय में कुछ लोगों के पास खाना खाने का समय भी नहीं होता है, इसी के कारण फास्ट फूड का चलन भी बढ़ता जा रहा है। मैसूर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एम. एल शुक्रवार को यहां एक ‘मैट्रीमोनियल केसेज’टॉपिक पर हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि उनके संज्ञान में तलाक के कई मामले आए हैं,
और कहा कि “आजकल पति-पत्नी तुच्छ कारणों से तलाक ले रहे हैं। जो हमारे समाज में एक गंभीर तस्वीर पेश करती है। अगर तलाक से पहले एक साल तक साथ रहने का कानून नहीं बनाया गया होता तो मैरिज हॉल से तलाक का मुकदमा दायर किया जाता तो इसमें भी आश्चर्य नहीं होता।’
एमएल रघुनाथ द्वारा इस मामले का खुलासा होने के बाद यह विचित्र घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का हवाला देते हुए कई भारत-आधारित मीडिया आउटलेट्स द्वारा कहानी प्रकाशित की गई है। उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति ने सिर्फ इसलिए तलाक के लिए अर्जी दी क्योंकि उसकी पत्नी केवल मैगी ही बना रही थी। वह कोई खाना बनाना नहीं जानती थी और सीखना भी नहीं चाहती थी।
Divorce For Maggi, इस अजीबोगरीब “मैगी केस” दायर करने वाले व्यक्ति ने यह भी कहा कि उसकी पत्नी राशन के नाम पर दुकान से सिर्फ और सिर्फ इंस्टेंट मैगी के पैकेट ही खरीद कर लाती थी। पत्नी उस व्यक्ति को सुबह नाश्ते से लेकर दोपहर के लंच और रात के डिनर तक में मैगी ही खिलाती थी। उन्होंने आगे खुलासा किया कि इस कपल की शादी आपसी सहमति पर तलाक में समाप्त हुई। हालांकि, लोग सोच रहे हैं कि क्या अलग होने की मुख्य वजह मैगी ही थी। क्या इस स्थिति से निपटने के अन्य विकल्प नहीं थे?
ये सुनने में बड़ा हीअजीब लगते हैं लेकिन देश में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं, इसे देखते हुए इस तरह की घटनाएं काफी ही चिंताजनक हैं। न्यायाधीश रघुनाथ ने कहा, “पिछले कुछ वर्षों में तलाक के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। तलाक लेने से पहले हसबैंड एंड वाइफ को कम से कम एक साल तक साथ रहना पड़ता है। यदि ऐसा कोई कानून नहीं होता, तो सीधे शादी के हॉल से ही तलाक की याचिका दायर हो जाती।”
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पति का कहना था कि शादी के बाद से ही पत्नी को मैगी के अलावा कुछ पकाना आता ही नहीं था और वह कुछ और डिशेज बनाना सीखना भी नहीं चाहती थी। पति की इस शिकायत को कोर्ट ने भी गंभीरता से लेते हुए तलाक की मंजूरी दे दी थी। इस तरह पति-पत्नी के सात जन्मों का रिश्ता सिर्फ 2 मिनट में बनने वाली मैगी की वजह से टूट गया।
Divorce For Maggi, जज एम.एल. रघुनाथन ने तलाक के और भी कई अजीबोगरीब मामलों के बारे में भी बताया। उन्होंने बताया कि एक पति सिर्फ इस वजह से डिवोर्स लेना चाहता था, क्योंकि उसकी पत्नी ने प्लेट के ‘गलत’ साइड में नमक रख दिया था, जबकि एक पत्नी को अपने पति का वेडिंग सूट पसंद नहीं आया था, इसलिए उसने डिवोर्स की अर्जी डाल दी थी।