Delivery Hero: आधी रात को बीच सड़क पर फंस गए थे भाई-बहन, फ़रिश्ता बनकर आया डिलीवरी बॉय रोशन

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Delivery Hero: इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता है। हमें सदा ही किसी भी दुःख ,दर्द या परेशानी में फंसे मजबूर लोगों की सहायता करनी चाहिए। क्योंकि कुछ लोगों की दरियादिली और इंसानियत की वजह से ही इस दुनिया का वुजुद बरकरार है। ऐसे लोग ही लोग ही हमारे आने वाले एक बेहतर कल की, एक सुंदर दुनिया की उम्मीद है। जहां धर्म और जातपात के भेदभाव से मिलों दुर इंसान सिर्फ और सिर्फ इंसान ही बनकर रहेगा। वैसे तो हमारे खून के रिश्ते नाते अक्सर हमारे लिए जी जान से हाजिर होते हैं

किंतु कई बार ऐसा भी होता है कि कोई अजबनी भी हमारे लिए कुछ ऐसा कर जाते है जिससे न सिर्फ़ हम मुसीबत की मार से सभी सलामत रहते हैं बल्कि वो घटना समाज के लोगों के लिए एक प्रेरणा लेने वाला उदाहरण भी बन जाता है।

यहां पर अक्षिता चंगन (Akshita Changan) नामक एक महिला ने लिंक्डइन (LinkedIn) पर मानवता के जितने जागते एक ऐसे वाकए का जिक्र किया है जो हमारे अंतर्मन को झिंझोड़कर एक भारत का सफल सपना देखने पर मजबूर कर देता है। वैसे तो अक्षिता के साथ हुई ये घटना कुछ हफ़्तों पुरानी है लेकिन इसके बारे में हम सभी को जरूर ही पढ़ना चाहिए।

आधी रात को सुनसान सड़क पर फसे थे भाई-बहन

Delivery Hero कंटेंट राइटर और सोशल मीडिया मार्केटियर अक्षिता ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि आधी रात को घर जाते समय उनकी बाइक बीच सड़क पर बंद हो गई थी। गाड़ी में पेट्रोल भी बिल्कुल ही ख़त्म हो गया था। भाई बहन को सुनसान सड़क पर कोई भी नज़र नहीं आ रहा था। अक्षिता और उनके भाई सड़क किनारे खड़े होकर किसी के आने का इंतज़ार कर रहे थे। तभी अचानक ही दोनों की नज़र एक डिलीवरी वाले पर पड़ती जो अपने फ़ोन पर किसी का पता चेक कर रहा था।

अक्षिता के भाई ने उस डिलीवरी वाले से अपनी बाइक टो करवाने के बारे में पूछा। डिलीवरी वाले ने कहा कि उसे दूसरी तरफ़ जाना है और वो डिलीवरी के लिए भी लेट हो सकता है।

फ़रिश्ता के स्वरूप था रोशन

Delivery Hero ग़ौरतलब बात तो यह है कि उस डिलीवरी वाले युवक ने मौके की नजाकत को समझा। उसने भाई-बहन को आधी रात सड़क पर अकेला नहीं छोड़ा और उनसे एक खाली बोतल भी मांगी। भाई बहन के पास कोई खाली बोतल भी नहीं थी। यहां पर भी डिलीवरी वाले युवक रोशन ने अपने बैग से पानी की बोतल निकाली और उसे खाली कर दिया। फ़रिश्ते के दुसरे रुप के समान यह शख़्स अपनी बाइक से पेट्रोल निकालकर बोतल में भरने लगा ताकि अक्षिता और उसका भाई किसी करीबी पेट्रोल पंप तक पहुंच पाए। अक्षिता और उनके भाई को मानवता का यह अनोखा नजारा देख अपनी आंखों पर भी यक़ीन नहीं हो रहा था।

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इंसानियत और दया का सच्चा वाक्या

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अक्षिता ने आगे अपनी पोस्ट में यह लिखा है कि उस डिलीवरी बॉय का नाम रौशन डालवी था। अक्षता कहती हैं कि उन्होंने इंसानियत और दया के कई क़िस्से पढ़े-सुने थे। ऐसी कई फिल्में भी देखी थी जहां हिरो आकर किसी अजनबी की आधी रात को मदद करता है लेकिन पहली बार उनके साथ मानवता का यह सच्चा अनुभव हुआ।

” भारत एक नई सोच” की और से रौशन डालवी की दिलेरी को लाखों सलाम!

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