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इस जमाने में मानव अपनी कला से ऐसी कलाकृतियां बना देता है। जो जीवित दिखाई देती हैं। कभी पेंटिंग, कभी मूर्तियां, कभी खेल खिलौने इस प्रकार बना देते हैं कि ऐसा लगता है जैसे उनमें प्राण हो। मानव की बनाई हुई कलाकृतियों को कभी-कभी मानव भी पहचानने में गलती कर देता है। यह घटना फिलीपींस के अमाया ब्लू एम्यूज़मेंट पार्क की है। जहां एक शख्स पार्क में घूम रहा था तभी उसे मगरमच्छ दिखा वह मगरमच्छ को नकली समझ कर उसके साथ सेल्फी खींचने लगा। तभी मगरमच्छ ने उसे पकड़ा और पानी में खींचने लगा जैसे तैसे उस शख्स मगरमच्छ के मुंह से छूट कर अपनी जान बचाई।
दरअसल उस शख्स को तनिक भी भनक नहीं लगी कि यह मगरमच्छ नकली नहीं असली है। वह शख्स अपने परिवार के साथ अपने जन्मदिन पर पार्क में घूमने के लिए आया था। वह सारी चीजों को बड़े ध्यान से देख रहा था और सब लोग सेल्फी खींच रहे थे। वह सभी प्रकार की कौतूहल वाली चीजों को देखते देखते मगरमच्छ के पास जा पहुंचा। मगरमच्छ तालाब के किनारे आराम से पड़ा था शख्स को लगा कि यह मगरमच्छ का प्लास्टिक मॉडल है। वह शख्स खुद और उसका परिवार मगरमच्छ के साथ जिसे वह प्लास्टिक मॉडल समझ रहा था, सेल्फी खींचने लगे इतने में ऐसा हुआ कि किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी । मगरमच्छ ने मुंह खोला और उस शख्स की बांह को अपने मुंह में डाल लिया। और पानी में खींच कर ले जाने लगा। शख्स के परिवार वालों ने चिल्ला चिल्ला कर शोर मचाया। तभी वहां पर गार्ड आए तब तक तक शख्स खुद को मगरमच्छ के मुंह से छुड़ाकर तालाब के बाहर निकल आया और जमीन पर गिर पड़ा। उससे जल्दी अस्पताल में एडमिट कराया गया। डॉक्टर ने बताया कि उसके हाथ की हड्डी टूट गई है। और कई टांके भी आए हैं।
इस प्रकार की घटना को सुनकर और पढ़कर मन में यह सवाल तो उठा ही होगा कि क्या कोई बोर्ड पर चेतावनी वहां नहीं लगी थी। जिससे लोग पढ़ कर, देख कर सतर्क हो पायें कि यहां असली मगरमच्छ है । तो इसका जवाब है नहीं। वहां पर किसी प्रकार की कोई चेतावनी या प्रतीक नहीं लगा था। जिससे लोग समझ पाए कि यहां तालाब में असली मगरमच्छ है । इस बात से नाराज लोगों ने गार्ड और मालिक की एफ. आई. आर. दर्ज कराई है।
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