टीके को इंसान का परीक्षण किया जाना अप्रैल से शुरू हो जाएगा, लेकिन अगर सब कुछ ठीक रहा तो भी इसे पूरे दुनिया के लिए उपलब्ध कराए जाने से पहले इसे कई सारी बाधाएं पार करनी पड़ेगी।
दुनिया भर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए जटिल से जटिल और कठोर से कठोर कदम के बाद भी कोरोना वायरस के मामले को लेकर इसे रोकने में सिर्फ थोड़ी सी सफलता मिली है,
अंत में बीमारी को विश्व स्वास्थ संगठन ने वैश्विक महामारी घोषित करने के साथ ही पूरी दुनिया की आंखें इस के टीके की ओर लगाने की अपील की, क्योंकि एक टीका ही वह इलाज हो सकती है जिससे बीमारी से बचा जा सकता है,
करीब 35 कंपनियां और एकेडमिक संस्थाएं ऐसी एक वैक्सीन बनाने के लिए एक दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रही हैं, कम से कम चार तो इन तीनों का पहले ही जानवरों पर परीक्षण कर भी चुकी हैं। इसमें सबसे पहले यह काम बोस्टन बेस्ट बायोटेक कंपनी ने किया है जो अप्रैल में इसका परीक्षण इंसानों पर करने वाली है।
यह अभूतपूर्व गति इसलिए आ सकती है , क्योंकि सार्स cov_2 के जेनेटिक पदार्थ की शुरुआत जांच चीन ने कर ली थी , यह वायरस है जो क्रोना वायरस के प्रचार के लिए जिम्मेदार होता है । चीन ने इस जांच को जनवरी की शुरुआत में ही दुनिया के साथ शेयर किया था । इसने पूरी दुनिया में रिसर्च समूह को जिंदा वायरस को बढ़ने और यह अध्ययन करने में की यह कैसे इंसानी कोशिकाओं में घुसता है और लोगों को बीमार करता है । यह बताने में मदद करता है लेकिन इसका टीका बनने में मिली शुरुआती बढ़त की एक वजह और बताई गई है हालांकि किसी ने भी इसकी भविष्यवाणी नहीं की थी दुनिया को संकट में डालने वाली अगली बीमारी कोरोना वायरस होगी |
लेकिन फ्लू को हमेशा से ही पूरी दुनिया में महामारी बन फैलने वाली सबसे खतरनाक बीमारी माना जाता है । ऐसे में टीका बनाने वाले इसके प्रोटोटाइप पर हाथ आजमाते रहते हैं । इससे उसी तरह के दूसरे कोरोना वायरस के लिए टीका बनाने में मदद मिली।
सार्स और मर्स दोनों का नहीं बना था टीका और बीमारी पर हो गया था काबू,
कोरोना वायरस के चलते ही हालिया में 2002 से 2004 में चीन में फैली severe acute respiratory syndrome (SARS) और Middle East respiratory syndrome (MERS),जो कि 2012 में सऊदी अरब में फैला था दोनों ही मामलों में टीके पर काम शुरू हो गया था और बाद में इसे रोक दिया गया जब इसका प्रकोप खत्म हो गया,
कोरोना वायरस के टीके के मामले में मेरीलैंड में बसी एक कंपनी नोवावैक्स ने कहा है कि इसके टीके के परीक्षण के लिए कई सारे इंसानों ने इच्छा जताई है।
कई ऐसे वायरस आए हैं ,जिनका वैक्सीन और टीका नहीं बना है । लेकिन इस पर काबू पा लिया गया है, आने वाले समय में पता चल ही जाएगा कि कोरोना वायरस का टीका या वैक्सीन बनता है या किसी अन्य उपाय से इस पर काबू पाया जाता है । बरहाल यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा लेकिन तब तक हम इसको रोकने के लिए कारगर प्रयास करते रहेंगे ,और सरकारें भी महत्वपूर्ण कदम उठा ही रही है।