CM Yogi: यूपी में मदरसों का जो सर्वे करवाया गया है, ज्यादातर उसमें बड़ी संख्या में गैर मान्यता प्राप्त मदरसे सामने आए हैं। करीब 8000 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे सामने आए हैं। इनमें 16 हजार से ज्यादा छात्र पढ़ाई किया करते हैं। सर्वेक्षण पूरा होने के बाद अब मदरसा संचालक योगी सरकार के किसी एक्शन को लेकर चिंतित हो गया हैं। प्रदेश में तरह तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है। इस बीच अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री दानिश आजाद अंसारी ने इसे लेकर स्थिति साफ कर दिये है।
दानिश अंसारी ने कहा कि फिलहाल गैर मान्यता प्राप्त मदरसों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सर्वे को लेकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा है।
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अयोध्या पहुंचे मंत्री ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश सरकार सबके विकास के लिए ही काम कर रही है। और धरातल पर हो रहे विकास कार्यों का असर भी स्पष्ट दिख रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वास और भरोसा योगी सरकार की पहचान हो गई है। मदरसों के सर्वे के बारे में उन्होंने कहा कि अभी सर्वे रिपोर्ट की विस्तृत जानकारी एकत्र नहीं हो पाई है। इसलिए फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं होने वाला है। रिपोर्ट सरकार के पास आने के बाद ही सरकार किसी निष्कर्ष पर जाएगी।
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इससे पहले उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद ने भी बताया था। कि बिना मान्यता के 7189 मदरसे चल रहे हैं। इन मदरसों से 16 लाख से अधिक छात्रों को शिक्षित भी किया गया है। जावेद ने यह भी कहा कि इन मदरसों में लगभग 3000 शिक्षक और अन्य कर्मचारी भी हैं। उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड के अनुसार, राज्य में लगभग 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। इनमें से 560 उत्तर प्रदेश सरकार से अनुदान प्राप्त कर पाते हैं। मान्यता प्राप्त मदरसों में 20 लाख से अधिक बच्चे पढ़ाई भी कर रहे हैं।
जावेद ने कहा- ”बिना मान्यता वाले मदरसों की संख्या बढ़ने की उम्मीद बहुत ज्यादा है, क्योंकि जानकारी अभी भी आ रही है। अगले कुछ दिनों तक बहराइच और गोंडा के बाढ़ प्रभावित इलाकों में सर्वेक्षण जारी रहने की उम्मीद भी है। उन क्षेत्रों के कर्मचारियों ने सर्वेक्षण पूरा करने के लिए कुछ और समय भी मांगा है।
हालांकि जावेद ने कहा कि सर्वेक्षण के परिणामों का विश्लेषण 15 नवंबर तक किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि इन 7189 मदरसों को जल्द से जल्द मान्यता मिल जाए। हम करीब 16 लाख छात्रों का भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि इन मदरसों के छात्र छोटे-मोटे काम करें। छात्रों को मुख्यधारा में लाना हमारा उद्देश्य है।