Child Care Tips: अक्सर हम देखते हैं कि बच्चे किसी न किसी बात पर चिल्लाने लगते हैं । हमें लगता है कि कोई बड़ी बात नहीं लेकिन ऐसा सच नहीं होता । हमारे नजरिये से भले ही उनके चिल्लाने की वजह बहुत बड़ी न हो लेकिन उनके नजरिए से देखेंगे तो समझ जाएंगे कि उन्हें दिक्कत है । यदि बच्चा चिल्ला रहा हो तो समझ जाना चाहिए कि उसे किसी चीज की दिक्कत है और वह अपनी बात कह नहीं पा रहा । अक्सर हम देखते हैं कि बच्चे जब अपनी बात किसी से कह नहीं पाते और दूसरों का ध्यान अपनी तरफ खींचना चाहते हैं तब वह चिल्लाने लगते हैं ।
कभी कभी गुस्से में या ऊब जाने पर भी वह चिल्लाने लगते हैं । आइये आज के आर्टिकल में जानते हैं कि बच्चे ऐसा कब करते हैं और ऐसी स्थिति में हमें क्या करना चाहिए।
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बच्चों का चिल्लाना उनके स्वभाव पर निर्भर करता है और यह उनके भावनात्मक विकास का एक हिस्सा होता है । बता दें कि बच्चा 2-3 साल का होते ही चिल्लाना सीख लेता है । प्रायः इन बच्चों को टॉडलर कहा जाता है । टॉडलर बच्चों में चिल्लाना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और वह इसे अपनी बात कहने, मनवाने आदि के रूप में व्यक्त करते हैं । इस तरह के कुछ बच्चे कुछ सेकेंड चिल्लाते हैं तो कुछ काफी देर तक चिल्लाते रहते हैं ।
अमेरिकन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अध्ययन के अनुसार बच्चे तमाम तरह से अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं जिनमे से एक चिल्लाना भी है । सर्वे के अनुसार डेढ़ से 2 साल के बच्चे टैन्टरम दिखाते समय चिल्लाते रहते हैं । वहीं ढाई से तीन साल के 91 % बच्चे ऐसा करते हैं । अमेरिकन अकादेमी के अनुसार हर दूसरा बच्चा एक दूसरे से अलग होता है इसलिए कोई बच्चा शांत तो कोई बहुत अधिक चिल्लाने वाला होता है ।
बच्चों के चिल्लाने की कुछ वजहों में से एक फ्रस्ट्रेशन और उनका तनावग्रस्त होना भी है। अक्सर जब उनके मन मुताबिक काम नहीं होता तो वह फ्रस्टेट और स्ट्रेस में आ जाते हैं । ऐसी स्थिति में वह चिल्लाना शुरू कर देते हैं । चूंकि वह बोल नहीं पाते इसलिए चिल्लाकर अपनी भावनाओं से सबको अवगत कराते हैं ।
बता दें कुछ बच्चे मानसिक या फिर शारीरिक तनाव में होने पर भी चिल्लाना शुरू कर देते हैं । यदि बच्चों को भूख नहीं लगती या वो थके होते हैं या फिर उन्हें दर्द हो रहा होता है तब ऐसी स्थिति में भी वह चिल्लाने लगते हैं ।
चूंकि टॉडलर बच्चे ज्यादा बोल नहीं पाते और अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए वह शब्द भी नहीं ढूंढ पाते ऐसी स्थिति में भी वह चिल्लाने लगते हैं । ऐसा वह इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें पता होता है कि चिल्लाने से उनकी तरफ ध्यान दिया जाएगा ।
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यदि बच्चा बार बार चिल्ला रहा हो तो समझ जाएं कि उसे कोई प्रॉब्लम है । ऐसी स्थिति में चेक करें कि बच्चे को कोई बीमारी, दर्द तो नहीं हैं । कई बार बच्चे बुखार में होने के चलते या दांत, कान में दर्द के चलते भी चिल्लाने लगते हैं । ऐसी स्थिति मे बच्चों के चिल्लाने को इग्नोर करना सही नहीं है । कभी कभी इसका उल्टा भी होता है ।
बच्चे यदि आपका ध्यान खींचने के लिए चिल्ला रहे हैं तो ऐसी स्थिति में उनका ध्यान कहीं और लगा दीजिए । वहीं अगर बच्चा किसी फ्रस्टेशन की वजह से चिल्ला रहा है तो बेहतर है कि आप उसपर ध्यान दें। आपके ध्यान देते ही बच्चा चिल्लाना बन्द कर देगा ।