Chief Economic Advisor: क्टर भी आनंद नागेश्वरन आईएफएमआर ग्रैजुएट स्कूल आफ बिजनेस के डीन तथा Krea विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के विशिष्ट विजिटिंग प्रोफेसर भी थे। वो वर्ष 2019 से 2021 तक भारत के पीएम के आर्थिक सलाहकार परिषद के अंशकालिक सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा एवं विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की डिग्री भी प्राप्त की है। एमहर्स्ट में मैसाचुसेट्स विश्वविद्यालय से ही डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की है।
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मोदी सरकार ने डॉक्टर वी. आनंद नागेश्वरन को चीफ इकोनामिक एडवाइजर (मुख्य आर्थिक सलाहकार) नियुक्त किया है तथा उन्होंने आज कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। शिक्षक, सलाहकार तथा लेखक के रूप में काम कर चुके हैं। इन्होंने भारत का सिंगापुर के बिजनेस स्कूलों तथा प्रबंधन संस्थानों में पढ़ाया है एवं बड़े पैमाने पर प्रकाशित किया है।
आपको बता दें कि वी अनंत नागेश्वरन को मुख्य आर्थिक सलाहकार उस समय बनाया गया है जब 31 जनवरी 2022 से संसद का बजट सत्र भी शुरू हो रहा है। इसके पहले ही दिन इकोनामिक सर्वे पेश किया जाता है। जिसको तयार करने की जिम्मेदारी मुख्य आर्थिक सलाहकार की ही होती है।
Chief Economic Advisor आर्थिक सर्वेक्षण या फिर इकोनामिक सर्वे देश के आर्थिक विकास की जानकारी देने वाला वार्षिक लेखा-जोखा होता है। आर्थिक सर्वेक्षण में बीते 1 साल में अर्थव्यवस्था की स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट शामिल की जाती है। जिसमें योजनाओं तथा प्रमुख चुनौतियों का जिक्र होता है। इसके साथ ही यह बताया जाता है कि इन तमाम चुनौतियों को पूरा करने में कितना सफल रहा देश। हालांकि आर्थिक सर्वेक्षण में भी जानकारी देता है कि छोटी तथा मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था में किस प्रकार की संभावनाएं मौजूद हैं।
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Chief Economic Advisor यह महत्वपूर्ण दस्तावेज आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) के आर्थिक प्रभाग द्वारा सीईए के मार्गदर्शन में ही तैयार किया जाता है। दस्तावेज तैयार होने के बाद से सर्वेक्षण को वित्त मंत्री द्वारा अप्रूवल किया जाता है। आर्थिक सर्वे को सबसे पहले ही संसद के दोनों सदनों में वित्त मंत्री द्वारा सदन के पटल पर भी पेश किया जाता है। इसके बाद से ही मुख्य आर्थिक सलाहकार सर्वे के बारे में जानकारी देते हैं। जिसमें से मौजूदा वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था की दिशा दशा क्या रही है इसकी जानकारी तो वह देते ही हैं। इसके साथ ही साथ आने वाले वित्तीय वर्ष के लिए विकास दर का अनुमान भी वही देते हैं। आर्थिक सर्वे की छाप दो पेश होने वाले बजट पर भी नजर आती हैं।
आपको बता दें कि पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम का कार्यकाल दिसंबर 2021 में ही खत्म हो गया था। उनका कार्यकाल खत्म होने से पहले ही उन्होंने पद छोड़ने की घोषणा करते हुए यह कहा था कि वह अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद भी शिक्षा जगत में वापस लौट जाएंगे। कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन आईबीएस (Indian Business School) में पढ़ाते हैं।