Bullet Proof Jacket: Jammu Kashmir में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में ऐसे आर्मी पियर्सिंग बुलेट सेना के हाथ लगे हैं। जिससे कि जवानों की बुलेट प्रूफ जैकेट को भेदा जा सकता है। अभी हाल ही में मुठभेड़ में सेना के जवानों पर इसी प्रकार के बुलेट चलाए गए हैं। कुछ घटनाओं में यह Bullet Proof Jacket को भेदने की क्षमता भी रखती है।
हालांकि अब इस बुलेट से बचने के लिए जवानों को अत्याधुनिक Bullet Proof Jacket के ऑर्डर भी दिए गए हैं। हालांकि श्रीनगर में चिनार क्राप्स के टॉक अधिकारी ने एएनआई को यह बताया है कि मुठभेड़ के दौरान आतंकी इस प्रकार के बुलेट का उपयोग करते हैं। कुछ मामलों में यह बुलेट प्रूफ जैकेट को भी भेद देते हैं। अभी तक हम लोग level-3 के जैकेट का उपयोग करते हैं। लेकिन इस घटना के बाद से अब हम भी बहुत जल्द ही level-4 के जैकेट अपनी जवानों को देंगे। ये जैकेट आर्मी पियर्सिंग बुलेट के प्रहार को भी आसानी से झेल लेंगे।
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एएनआई रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी सूत्रों ने यह बताया है कि सुरक्षा बलों के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में आतंकवादियों ने आर्मर पियर्सिंग बुलेट का उपयोग किया है। हालांकि इससे कुछ जवानों के जैकेट को नुकसान भी पहुंचा है। इसके साथ ही साथ आतंकियों के पास से कर्नाटक निर्मित एडवांस नाइट साइट भी मिले हैं।
जो कि अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों द्वारा आनन-फानन में छोड़ दिए गए हैं। आतंकियों द्वारा ही इस प्रकार के घातक मूल्य तथा हथियारों का उपयोग पर सेना कमांडर कॉन्फ्रेंस की बैठक में भी चर्चा की गई थी। आर्मर पियर्सिंग बुलेट जिसे स्टील कोर बुलेट भी कहते हैं, से ही Bullet Proof Jacket से मिलने वाली सुरक्षा को खत्म हो सकती है। जबकि इससे ऑपरेशन में शामिल सुरक्षाबलों को भी खतरा पैदा हो सकता है।
एक अनुमान के अनुसार, अमेरिका सेना ने अफगानिस्तान में लगभग 7 से 8 अरब डॉलर के गोला बारूद छोड़कर गए हैं। जिसमें हेलीकॉप्टर, गाड़ियां, कम्युनिकेशन उपकरण तथा बख्तरबंद भी शामिल है। हालांकि इन खतरनाक हथियारों में से अधिकांश को आतंकियों ने अपने कब्जे में भी ले लिया है।
इसमें से मैक्सिमम तालिबान के हाथ लगे हैं तथा कुछ अन्य इस्लामिक आतंकियों के कब्जे में आ गए हैं। जबकि यहां त्यार पाकिस्तानी आतंकी अब कश्मीर में भेजने लगे हैं। हालांकि इन हथियारों में अमेरिकन m16 असाल्ट राइफल, m4a कार्बाइन कश्मीर में आतंकियों से बर्बाद किए गए हैं। जल्दबाजी में ही अफगानिस्तान को खाली करने के चक्कर में अमेरिकन फौजे कई सारे घातक हथियारों को छोड़कर चली गई।
जम्मू कश्मीर आतंकियों को यह घातक गोलियां अफगानिस्तान से मिल रही हैं। जिन्हें अमेरिकी सेना ही वहां छोड़ गई है। सेना के जवान अब जिस बुलेट प्रूफ जैकेट का उपयोग कर रहे हैं। उनको यह गोलियां आसानी से भेद दे रही हैं। सरकारी सूत्रों ने बताया है कि आतंकियों द्वारा कनाडा निर्मित नाइट साइट्स का भी उपयोग किया जा रहा है। जोकि नाटो सैनिकों द्वारा अफगानिस्तान में छोड़ दिया गया था। सूत्रों ने भी आ बताया है कि अप्रैल में सेना के कमांडर कांफ्रेंस में सिर्फ अधिकारियों ने इस मुद्दे पर चर्चा की थी। सूत्रों से पता चला है कि Bullet Proof Jacket के साथ ही सेना इस नए खतरे से निपटने के उपाय भी तलाशने में जुट गई है।
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जानकारी के अनुसार आर्मर पियर्सिंग बुलेट या फिर स्टील कोर बुलेट एक निश्चित स्तर के जैकेट द्वारा गोलियों के खिलाफ प्रदान की गई सुरक्षा को भंग भी कर सकते हैं तथा ऑपरेशन में शामिल सैनिकों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। भारतीय सेना ने भी इन गोलियों से खतरे का मुकाबला करने के लिए उपचारात्मक उपाय कराना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही यह अमेरिकी सैनिकों द्वारा छोड़े गए हथियार का उपयोग आतंकवादी समूहों द्वारा भारत में हिंसा करने के लिए किया जाएगा।