Bullet Baba Temple: एक ऐसा मंदिर जहाँ Bullet Bike की पूजा होती है, जानिये बुलेट मंदिर की कहानी

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Bullet Baba Temple: भारत में मंदिरों की कोई कमी नहीं है। हर एक गली चौराहे पर आपको एक मंदिर दिख जाएगा। इसके अलावा प्राचीन मंदिरों की भी यहां पर अच्छी भली संख्या है। हम सभी यह जानते हैं कि मंदिरों को देवालय यानी कि देवताओं का घर कहा जाता है। भगवान की मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा स्थापित किया जाता है एवं फिर लोग इन मूर्तियों को भगवान मानकर पूजा करते हैं। आज हम जिस मंदिर की बात करने जा रहे हैं वह बिल्कुल ही अलग है।

Bullet Baba Temple

दूर-दूर से लोग आते हैं इस अनूठे मंदिर को देखने

Bullet Baba Temple, राजस्थान का ये मंदिर इसलिए अनूठा है क्योंकि यहां किसी भगवान की मूर्ति स्थापित नहीं है। बल्कि यहां पर एक 350cc रॉयल एनफील्ड बुलेट को रखा गया है। इसमें खास बात यह है कि इस मंदिर को दूर-दूर से लोग देखने के लिए आते हैं एवं यहां मौजूद बुलेट मोटरसाइकिल के दर्शन कर उसकी पूजा करते हैं।

Bullet Baba Temple

यह मंदिर “Bullet Baba Temple” नाम से प्रसिद्ध है

दरअसल आम बोलचाल में लोग इस Temple को Bullet Baba Temple कहते हैं। लेकिन इसका असली नाम “ओम बन्ना धाम” रखा गया है। यह Bullet Baba मंदिर राजस्थान के जोधपुर से करीब 50 किलोमीटर दूर पाली शहर के पास बसे चोटिला गांव में स्थित है। इस मंदिर को बनाने की कहानी बहुत ही ज्यादा दिलचस्प है। चूंकि यह मंदिर किसी की याद में बनवाया गया था। लगभग 30 वर्ष पहले इस गांव के ठाकुर जोग सिंह राठौर ने अपने बेटे ओम सिंह राठौर को एक सड़क दुर्घटना में खो दिया था। ओम सिंह के निधन के बाद मंदिर उन्हीं के याद में बनवाया गया।

कहानी मोटरसाइकिल के भगवान बनने के पीछे की

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ओम सिंह राठौर एक सड़क हादसे में इस दुनिया को अलविदा कह गए। उनकी मौत के बाद से पुलिस ने बाइक एवं उनके शव को अपनी कस्टडी में ले लिया। बाइक थाने में खड़ी थी लेकिन हर कोई तब हैरान हो गया जब दूसरे दिन यह बाइक थाने में ना होकर उस स्थान पर मिली जहां दुर्घटना हुई थी।

Bullet Baba Temple

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इसके बाद से ही इस बुलेट मोटरसाइकिल को फिर से थाने में ले आया गया। लेकिन फिर से यह बाइक हादसे वाली जगह पर पहुंच गई। रोज-रोज का यही नियम हो गया था। पुलिस के लिए यह एक अनसुलझी गुत्थी बन गई कि आखिर कैसे यह बाइक अपने आप दुर्घटना स्थल पर पहुंच जाती है। यह बताया जाता है कि इसके बाद से पुलिस ने बाइक पर कड़ी निगरानी रखनी शुरू कर दी। एक रात पुलिस तब हैरान हो गई जब उन्होंने देखा कि रात में बाइक खुद स्टार्ट हो गई और हादसे की जगह पर जाकर रुक गई।

इस घटना को देखने के बाद से पुलिस ने परिवार वालों को बाइक वापस लौटा दी। इस घटना के बाद से ओम सिंह राठौर के पिता ठाकुर जोग सिंह राठौर ने अपने बेटे के नाम पर मंदिर बनवा दिया व मंदिर में वही बुलेट रखवा दी जिस पर उनके बेटे की मौत हुई थी। अब यह मंदिर बुलेट बाबा मंदिर नाम से फेमस हो चुका है।

इस अनूठे मंदिर की कहानी पर फिल्म बनी है

गौरतलब है कि खास बात यह है कि अब इस बुलेट वाले देवता को समर्पित मंदिर की इस हैरान कर देने वाली कहानी पर आधारित एक फिल्म बनी है। जो अंतरराष्ट्रीय Film समारोह में धूम मचा रही हैं। हालांकि फिल्म का नाम Bullet Motorcycle की खास आवाज “डुग डुग डुग” पर “डुग डुग” रखा गया है। 

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