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Biggest Joint Family: एक छत के नीचे रहता है 72 लोगों का परिवार,रोज 10 लीटर दूध और 1200 की सब्जी की हो जाती है खपत, ऐसी है डेली लाइफ

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Biggest Joint Family: भारतीय संस्कृति में संयुक्त परिवार का कॉन्सेप्ट सदियों पुराना है जो कि अब बदलते समय के साथ बदलता जा रहा है । अब लोग विकास के नाम पर एकल परिवार में रहना अधिक पसन्द करते हैं पर भारत में आज भी संयुक्त परिवार की परंपरा पूरी तरह से मिटी नहीं है और कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों में यह आज भी देखने को मिल जाती है । संयुक्त परिवार का ऐसा ही एक उदाहरण महाराष्ट्र के सोलापुर में आज भी मौजूद हैं ।

महाराष्ट्र की दोइजोडे फैमिली में 2-4 लोग नहीं बल्कि 6 दर्जन लोग एक साथ रहते हैं । इस फैमिली का कल्चर ऐसा है कि फैमिली की 4 पीढियां एक ही छत के नीचे एक साथ रहते हैं ।

रोज लगता है 10 लीटर दूध,1200 रुपये की सब्जी

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72 लोगों के इस संयुक्त परिवार की चर्चा आजकल सोशल मीडिया पर खूब हो रही है । हो भी क्यों न आखिर एकल परिवार की रेलमपेल में यह फैमिली एक मॉडल फैमिली बनकर उभरी है । इस परिवार के बारे में लोग जानना चाहते हैं । बता दें कि इस जॉइंट फैमिली में बच्चे से लेकर बूढ़ों और महिलाओं सबकी भावनाओं का ख्याल रखा जाता है । परिवार में खाना एक साथ बनता है और घर की महिलाएं एक साथ 8 चूल्हों पर परिवार के लिए खाना पकाती हैं ।

यही नहीं सुबह से लेकर शाम तक दोइजोडे परिवार में 10 लीटर दूध और तकरीबन 1200 रुपये की सब्जी की खपत हो जाती है ।

थोक में खरीदा जाता है सालभर का राशन

परिवार के पुरूष सदस्य बताते हैं कि 72 लोगों की उनकी फैमिली में राशन बार-बार नहीं खरीदा जाता बल्कि एक साथ सालभर का राशन थोक में खरीद लिया जाता है । यह उन्हें काफी सस्ता भी पड़ता है । परिवार के सदस्य अश्विन दोइजोडे बताते हैं कि एक साल में करीब 50-60 बोरी गेंहू,चावल और दालों की खपत होती है । वहीं वह ये भी बताते हैं कि नॉनवेज खाने में उन्हें ज्यादा खर्च करना पड़ता है ।

कर्नाटक से आकर बसे, कपड़ों का है पुश्तैनी कारोबार

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चर्चा में आई महाराष्ट्र की इस फैमिली का वीडियो ट्विटर पर @Ananth IRAS ने शेयर किया है । सोलापुर में रहने वाली इस जॉइंट फैमिली का वीडियो बीबीसी ने बनाया है । बता दें कि कर्नाटक से करीब 100 साल पहले इस परिवार के दम्पत्ति महाराष्ट्र के सोलापुर आये थे । तब से यह समूचा परिवार यहीं रहता है और इसके बाद की पीढियां भी एक ही मकान में एक ही छत के नीचे रहने लगी जो कि अब भी जारी है । दोइजोडे परिवार का कपड़ों का कारोबार है और परिवार के पुरूष सदस्य इस कारोबार को मिलकर चलाते हैं ।

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नई नवेली बहुओं को शुरू में होती है परेशानी

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Biggest Joint Family में कई तरह की सहूलियतें मिलती हैं तो कुछ परेशानियां भी होती हैं । जहां पहले से रह रहे इस परिवार के सदस्यों को इतनी बड़ी फैमिली से कोई खास दिक्कत नहीं होती तो परिवार की नई सदस्य यानी ब्याहकर आने वाली बहुओं को एडजस्ट होने में काफी समय लगता है । दोइजोडे परिवार की बहू नैना दोइजोडे बताती हैं कि शुरू में उन्हें काफी दिक्कतें आती थीं और इतने बड़े परिवार को देखकर उन्हें डर लगता था पर धीरे धीरे सब सामान्य हो गया ।

नैना बताती हैं कि उन्हें परिवार में एडजस्ट होने में समय लगा और इसमें उनकी सास,बहन और देवर ने काफी मदद की । वह कहती हैं कि अब वह परिवार में घुल मिल गयी हैं और उन्हें कुछ खास दिक्कत नहीं होती है ।

बच्चों को नहीं जाना पड़ता कहीं और खेलने

Biggest Joint Family 72 लोगों के इस परिवार में जितने भी बच्चे हैं उन्हें खेलने कूदने के लिए घर से बाहर नहीं जाना पड़ता । बच्चे परिवार के ही अन्य बच्चों के साथ खेल लेते हैं । वहीं जहां पुरूष सदस्य कपड़ो के कारोबार में लगे हैं तो इस संयुक्त परिवार की अगली पीढ़ी यानी बच्चे स्कूल और कालेज जाते हैं । बता दें कि कर्नाटक से महाराष्ट्र के सोलापुर में आकर बसे दोइजोडे परिवार की चर्चा सोशल मीडिया पर खूब हो रही है ।

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