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Bala Saheb ने जहां से हिंदुत्व की राजनीति शुरू की, राज ठाकरे की वहीं पर रैली आज, प्रशासन सतर्क

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Bala Saheb: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे औरंगाबाद में रैली करने निकल पड़े हैं । हिंदुत्व की राजनीति पर आगे बढ़ रहे राज ठाकरे की इस रैली पर औरंगाबाद ही नहीं बल्कि समूचे महाराष्ट्र में सरगर्मी तेज है । महाराष्ट्र सरकार ने 15 शर्तों के साथ मनसे प्रमुख को रैली करने की इजाजत दी है । कानून व्यवस्था को चाक चौबंद रखने हेतु भारी मात्रा में पुलिस बल सभा स्थल के पास मौजूद हैं । बता दें कि इस रैली की घोषणा राज ठाकरे ने करीब 8 दिन पहले की थी जब उन्होंने सरकार को 3 मई तक मस्जिदों से लाउडस्पीकर उतारने को कहा था ।

ऐसा न करने पर उन्होंने मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा बजाने की धमकी दी थी । राज ठाकरे की रैली के मद्देनजर राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है । यह रैली राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे के नेतृत्व में हो रही है ।

कोई कहीं भी रैली कर सकता है लेकिन कानून व्यवस्था बिगाड़ने पर कड़ी कार्यवाही होगी- डिप्टी सीएम अजित पवार

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मनसे प्रमुख राज ठाकरे की रैली को महाराष्ट्र प्रशासन ने कुछ शर्तों के साथ इजाजत दे दी है । डिप्टी सीएम और NCP नेता अजित पवार ने कहा कि हमने कुछ शर्तों के साथ रैली को अनुमति दी है । कानून का पालन करना होगा। किसी को भी राज्य की कानून व्यवस्था से खेलने नहीं दिया जाएगा । बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने सम्भावित हाई वोल्टेज ड्रामे वाली रैली को 15 शर्तों के साथ परमिशन दी है । इन शर्तों के अनुसार रैली में 15000 से अधिक लोगों की भीड़ नहीं हो,

मनसे प्रमुख राज ठाकरे अपने भाषण में किसी भी तरह की साम्प्रदायिक और तनाव भड़काने वाली बातें नहीं करेंगे साथ ही सभा मे लगने वाले लाउडस्पीकर की आवाज सुप्रीम कोर्ट के तय मानकों के अनुसार रखनी होगी। इन कुछ शर्तों के साथ आज शाम मनसे प्रमुख सम्भाजी नगर में रैली करेंगे। वहीं महाराष्ट्र के ग्रह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने भी कहा कि रैली के मद्देनजर सुरक्षा चाक चौबंद है और प्रशासन मुस्तैद है । उन्होंने लोगों से अपील की कि राज्य की शांति व्यवस्था को बनाये रखने में मदद करें।

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रैली में कुछ गड़बड़ हुआ तो जिम्मेदार महाराष्ट्र सरकार होगी- ओवैसी

हैदराबाद से सांसद और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने राज ठाकरे की रैली को अनुमति देने को लेकर महाराष्ट्र सरकार को घेरा है । उन्होंने कहा- आप जानते हुए भी कि यह रैली किस तरह की रैली है फिर भी इजाजत दे दी । यदि राज्य में अशांति फैली तो इसके जिम्मेदार आप( महाराष्ट्र सरकार) होंगे । बता दें कि ओवैसी इस वक्त औरंगाबाद में ही हैं । वह इस वक्त अपनी पार्टी के नेता और औरंगाबाद से AIMIM के सांसद इम्तियाज जलील के यहां इफ्तार पार्टी में शामिल होने आए हैं । इम्तियाज जलील ने 2019 के लोकसभा चुनावों में शिवसेना के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत खैरे को हराया था।

सूत्रों के अनुसार AIMIM सांसद इम्तियाज जलील के यहां आयोजित हो रही इफ्तार पार्टी में मनसे प्रमुख राज ठाकरे को भी आमंत्रित किया गया है । यद्यपि उनकी राजनीति को देखते हुए उनका AIMIM सांसद के यहां इफ्तार पार्टी में जाना संदिग्ध लग रहा है ।

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34 साल पहले यहीं से Bala Saheb ने की थी हिंदुत्व की राजनीति की शुरुआत

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Bala Saheb आज के 34 साल पहले 1988 में शिवसेना प्रमुख Bala Saheb ने औरंगाबाद से ही हिंदुत्व की राजनीति की शुरुआत की थी । ऐसे में माना जा रहा है कि बाला साहेब के भतीजे और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी हिंदुत्व की राजनीति करने की शुरुआत अपने चाचा की भांति औरंगाबाद से की है । तब से ही औरंगाबाद शिवसेना का गढ़ रहा है । बता दें कि 1988 में बाला साहेब ने जब यहां से हिंदुत्व की हुंकार भरी थी उसके बाद से शिवसेना को इसका फायदा मिलना शुरू हुआ था ।

रैली के कुछ ही समय बाद नगर निगम चुनावों में शिवसेना को 60 में से 27 सीटें मिलीं थी और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी । जबकि अगले वर्ष के लोकसभा चुनावों में भी शिवसेना ने 4 सीटें जीतीं जिनमे से 2 औरंगाबाद जिले से थीं । बता दें कि औरंगाबाद में 30-35 % जनसंख्या मुसलमानों की है । 34 साल पहले बाला साहेब ने रैली के दौरान औरंगाबाद जिले का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज के बेटे सम्भाजी महाराज के नाम पर सम्भाजी नगर रखने का आह्वान किया था । जनश्रुति के अनुसार सम्भाजी की मुगल शासक औरंगजेब ने हत्या कर दी थी।

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