Ayodhya UP: राम नगरी कही जाने वाली अयोध्या में राम भक्तों का पथ दुश्वारियों भरा है, यहां राम जन्मोत्सव का मेला चल रहा है हजारों की संख्या में श्रद्धालु रामलला के दरबार में रोज पहुंच रहे हैं और अनुमान यह लगाया जा रहा है सप्तमी से नवमी तक लगभग 10 लाख श्रद्धालु अयोध्या में होंगे। ऐसे में रामलला के श्रद्धालु की दुश्वारियां राम नगरी के पथ पर बढ़ गयी हैं। भगवान राम की नगरी की सभी गलियां धूल दूषित और उखड़ी हुई है। श्रद्धालुओं को चलना मुश्किल है, प्रमुख मार्गों को जोड़ने वाली सभी गलियां खोदी गई हैं कहीं पर सीवर का काम चल रहा है तो कहीं अंडरग्राउंड बिजली का काम चल रहा है।
Ayodhya UP मेले को देखते हुए जिला प्रशासन चाक-चौबंद व्यवस्था का दावा कर रहा है, लेकिन महीनों से खुदी सड़के नगर निगम और जिला प्रशासन के दावों की पोल खोल रही है श्रद्धालुओं की सुविधा का संज्ञान ना ही जिला प्रशासन इसका संज्ञान ले रहा है और ना ही नगर निगम अब संत समाज मुखर हो गया हैं। और उनका कहना है कि मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत अयोध्या का जिला प्रशासन और नगर निगम काम कर रहा है ।
इस पोस्ट में
जहां मुख्यमंत्री अयोध्या को त्रेतायुग की अयोध्या बनाने वाले हैं वही अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के सामने ऐसी अयोध्या का दर्शन होगा। जिससे अयोध्या समेत संत समाज में गलत संदेश जाएगा अयोध्या की सड़कें पिछले कई महीनों से खुदी पड़ी है, लेकिन बावजूद उसके सड़को का पुरसाहाल लेने वाला कोई भी नहीं है मात्र मेले के नाम पर मिट्टी हटाकर और लोगों को उबड़ खाबड़ सड़क और गड्ढा युक्त सड़क पर चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है
राम नगरी का ऐसा नजारा देखकर श्रद्धालु भी शर्मसार हैं तो अयोध्या के संतों ने अब मुख्यमंत्री से शिकायत का मन बना लिया है। रामलला के प्रधान पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि अयोध्या की सभी सड़कों को खोद करके उन्हें गड्ढा मुक्त नहीं गड्ढा युक्त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या को त्रेता युग की अयोध्या बनाएंगे जबकि मुख्यमंत्री की मंशा को जिला प्रशासन और नगर निगम ही उपेक्षित कर रहा है।
पाई पाई जोड़ कर बच्चों के लिए घर बनवाया था और बच्चे ही घर से निकाल दिए
हद हो गई! आधार कार्ड में नाम लिखा था ‘मधु का पांचवां बच्चा’, दंग रह गए टीचर और अधिकारी भी
अयोध्या की सड़के बद से बदतर स्थिति में है उबड़ खाबड़ सड़को पर जब राम भक्त पहुंचेंगे तो वह अयोध्या के बारे में क्या सोचेंगे अयोध्या की सड़कों की स्थिति बहुत ही दयनीय है अयोध्या में केवल कागजों में काम हो रहा है जबकि अयोध्या का नगर निगम और जिला प्रशासन अयोध्या की उपेक्षा कर रहा है आचार्य सत्येंद्र दास ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि मुख्यमंत्री अयोध्या की बदहाल सड़कें और योजनाओं का संज्ञान में लें साथ ही मांग की है कि राम नगरी में रामनवमी के पहले अयोध्या की गड्ढा युक्त सड़कों को ठीक किया जाए साथ ही आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा है कि टूटी सड़कों की वजह से कोई घटना दुर्घटना होती है
तो उसका जिम्मेदार अयोध्या का नगर निगम और जिला प्रशासन होगा अयोध्या की विकास की योजनाओं आईना दिखाती अयोध्या के सड़के बहुत कुछ बयां कर रही हैं पर जब इस विषय पर अयोध्या के नगर निगम के अधिकारी और महापौर से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से ही साफ मना कर दिया लिहाजा संतों की नाराजगी तो बढ़ रही है लेकिन क्या देखना होगा कि राम जन्मोत्सव पर जब लाखों की संख्या में राम भक्त अयोध्या में होंगे तो क्या उनको यही धूल दूषित उबड़ खाबड़ सड़के ही दिखेंगी या उनके आराध्य के पथ ऐसे ही पथरीले और संघर्षों भरे होंगे या उन्हें अयोध्या की गरिमा के अनुरूप मार्ग देखने को मिलेगा