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andra pradesh आस्था और धर्म के नाम पर आज भी जानवरों पर अत्याचार किए जाते हैं। उन्हें मारा जाता है और उनकी बलि चढ़ाई जाती है । यह एक बहुत बड़ा अंधविश्वास है कि किसी जानवर की बलि चढ़ा कर कोई भी भगवान प्रसन्न होते हैं। यह बहुत बड़ा अंधविश्वास है कि जानवरों का कान या फिर उनकी गर्दन काट कर थोड़ा सा रक्त या फिर मांस भगवान को प्रसाद के तौर पर चढ़ा दिया जाता है और फिर वही जानवर का मांस पका कर लोग खा जाते हैं। दरअसल यह मनुष्य की ही कोई मांस खोरी करने के लिए बनाई गई नीति है।
मामला andra pradesh के चित्तूर स्थित बलसापल्ले का है। जहां एक मंदिर में संक्रांति के अवसर पर जानवरों की बलि चढ़ाने का कार्यक्रम चल रहा था। हर साल की तरह इस साल भी संक्रांति के दिन लोग जानवरों की बलि चढ़ा रहे थे लेकिन कुछ ऐसा हुआ कि लोगों के बीच हड़कंप मच गया। यहां जानवर की बलि चढ़ाने का काम चलापथी नाम के एक शख्स को सौंपा गया था। लेकिन andra pradesh में चलापथी इतना नशे में धुत था कि उसने बकरे को पकड़े हुए सुरेश नाम के शख्स की ही बलि चढ़ा दी। खून से लथपथ सुरेश का शरीर नीचे गिर कर फड़फड़ाने लगा आनन-फानन में लोगों ने सुरेश को अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां पर डॉक्टरों ने सुरेश को मृत घोषित कर दिया। यह घटना आंध्र प्रदेश के चित्तूर स्थित बलसापल्ले के येल्लम्मा मंदिर की है।
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बताया जा रहा है कि andra pradesh आरोपी चलापथी नशे में धुत था। बताया जा रहा है कि बलि के लिए बकरे को लाया गया था जिसे सुरेश नाम का शख्स पकड़े हुए था। सुरेश के दो बच्चे भी हैं और उसकी पत्नी भी है ।चलापथी ने बकरे की गर्दन पर वार किया लेकिन नशे में धुत चलापथी को कुछ पता था या नहीं लेकिन उसका वार सुरेश की गर्दन पर हुआ और सुरेश की मौत हो गई। आरोपी चलापथी को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है और पुलिस कई एंगल से इस बात की जांच कर रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि चलापथी का सुरेश से किसी प्रकार की लड़ाई – झगड़ा तो नहीं था । किसी प्रकार की रंजिश के कारण तो चलापथी ने ऐसा नहीं किया।