Akshay Kumar Joker Movie: इस गांव के नसीब जोकर मूवी के पगलापुर जैसा है यहां के 200 लोगों को ना तो रतलाम जिला अपनी आबादी मानता है और ना ही मंदसौर जिला अपनी आबादी मानता मंदसौर के सीहोर गांव के 200 लोग रतलाम सीमा में बसे पहचान मंदसौर की है लेकिन घर का स्वामित्व कहीं का नहीं प्रशासन ने अतिक्रमण माना आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला
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अक्षय कुमार की फिल्म जोकर की कहानी गुमनाम गांव पगलापुर के इर्द-गिर्द घूमती है यूं ही समझ लीजिए कि रतलाम मंदसौर जिले के बॉर्डर पर सिहोर व बोरवानी गांव के बीच 200 लोगों की आबादी वाली बस्ती की कहानी बिल्कुल उससे मिलती-जुलती है । पगलापुर नक्शे पर नहीं रहता है मूलभूत सुविधा मांगने एमपी के नेता कहते हैं गांव राजस्थान में होगा और राजस्थान वाले एमपी में बताते हैं।
मंदसौर जिले की सिहोर पंचायत और रतलाम जिले के गांव बोरवानी के बीच जो गुमनाम बस्ती है। वहां 51 मकान बने हैं, स्कूल संचालित है, स्कूल सरकारी है इसलिए परेशानी नहीं लेकिन लोगों के पास स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं है मंदसौर प्रशासन चाहकर भी इन लोगों को पट्टे का स्वामित्व प्रमाण पत्र नहीं दे सकता रतलाम प्रशासन भी आबादी को बेघर नहीं करना चाहता लेकिन मजबूरी यह है कि स्वामित्व प्रमाण पत्र के लिए इनके वोटर कार्ड राशन व आधार कार्ड मंदसौर के हैं दूसरे जिले के निवासी को रतलाम प्रशासन पट्टे कैसे दे सकता है
जावरा एसडीएम हिमांशु प्रजापति एवं मंदसौर तहसीलदार राहुल डावर ने मौके का निरीक्षण किया लेकिन हल नहीं निकला अफसर परेशान इसलिए हैं कि मसले का हल निकाले तो निकाले कैसे क्योंकि 200 लोगों को सिर्फ अतिक्रमण बताकर बेघर भी नहीं किया जा सकता।
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बस्ती के लोगों का कहना है हम मंदसौर की सीहोर पंचायत के निवासी हैं सीहोर में कमला नदी के किनारे घर थे जो बाढ़ में डूबते थे। वर्ष 2006 में वह जगह छोड़कर सभी परिवार रतलाम मंदसौर की सीमा पर बस गए तब पंचायत व तत्कालीन प्रशासन ने सीमा क्षेत्र की जानकारी नहीं दी।
सीहोर पंचायत रुकमणदेवी नायक का कहना है पूर्व के सरपंच ने राजनीतिक लाभ के लिए पट्टे बांटने का लालच देकर यहा बसाया था बाद में पट्टे नहीं दिए अब दोनों जिला प्रशासन से बात कर हल निकालेंगे