हमारे बारे में

भारत एक नै सोच का मतलब क्या है ?

सबसे पहले हम बात करते हैं नाम की भारत एक नई सोच जैसा की नाम से ही पता चल रहा है की एक नई सोच की बात की जा रही है,

भारत एक नई सोच का मतलब है एक ऐसी सोच विकसित करना जो सबको बराबरी दिला सके ऊच नीच की सोच से , जाती धर्म की बेड़ियों को तोड़ कर सबको एक साथ ले कर कंधे से कन्धा मिला कर आगे बढ़ने की ताकत दे सके |

भारत एक नई सोच का मतलब है की लिंग के आधार पर कोई भी भेद भाव न हो सके ऐसी सोच विकसित करना | दोस्तों जैसा की हमारे समाज में देखा जाता है की एक तरफ लड़कों की पढाई के लिए पैसा जोड़ा जाता है वहीँ दूसरी तरफ लड़कियों की शादी के लिए पैसा बचाया जाता है ऐसे में हमारा काम है की हम ऐसी सोच विकसित करें की लड़कियों की पढाई के लिए भी पैसा जोड़ा जाए और जबतक वो स्वलम्बी न हो जाए उन्हें शादी के लिए विवश न किया जाए |

सरकार के खिलाफ पहली आवाज क्यों ?

अब अगर हम बात करे अपने टैगलाइन की जो की है “सरकार के खिलाफ पहली आवाज” इस टैगलाइन को लेकर लोग हमसे कई तरह के सवाल करते हैं और लोग कई तरह की बातें भी करते हैं जिसमे हमे सरकार विरोधी बताना और न जाने क्या क्या होता है | तो दोस्तों हम आपको बता देते हैं इस टैगलाइन का असली मतलब क्या है, आज के युग में जब हम मीडिया से ये भी उम्मीद नहीं कर सकते हैं की वो जनता की आवाज बनेगी और हमारे मूल भूत जरूरतों को लेकर सरकार से सवाल करेगी |

मीडिया का काम था की वो सरकरी योजनाओं को देख समझ कर उसकी जांच करले ये जानने की भी कोशिश करले की वो जनता के हित में है या नहीं उसे जनता की समस्या ख़तम होगी या नहीं बस इतना ही नहीं इसके अलावा ये भी देखना मीडिया का काम है की सभी योजना जनता तक पहुंची की नहीं और क्या क्या कमी रह गई है | ये सारे सवाल सरकार से करना मीडिया का कार्य है, अगर कमी है तो कब पूरी होगी लेकिन इनसब कामो को छोड़ कर मीडिया सरकार की तारीफ करने में जुटी है, दोस्तों हमारा सवाल आपसे है की क्या मीडिया ये सारे काम कर रही है | ये आप भली भाति समझ भी रहें होंगे | दोस्तों दुनिया की सभी सरकारे आपने कामों की प्रशंशा स्वम ही करती है, और यहाँ तक की सरकार का अपना खुद का एक डिपार्टमेंट होता है जो सरकार के कामो की तारीफ के पुल बनती है ऐसे में दोस्तों अगर मीडिया भी सरकार की ही तारीफ करेगी तो आम जान मानष की आवाज को सरकार तक कौन पहुचाएगा ? दोस्तों ये तो लोकतंत्र है और मीडिया को लोकतंत्रा का चौथा स्तम्भ इसी लिए तो कहा जाता है, एक मजबूत्त लोकतंत्र में मीडिया का पहला काम की है की वो सरकार के कार्यों पे ऊँगली उठाये और कमी ढूंढे, दोस्तों सरकारें बदलती रहती हैं, लेकिन मीडिया सरकार की पहली विपक्ष होता है | यही है एक मजबूत लोकतंत्र की ख़ूबसूरती |

दुर्भाग्यवश आज जब मीडिया सरकार की चाटुकारिता में जूटी है तो कोई तो चाहिए जो सरकार से सवाल करे, सरकार के कार्यों की कमिया गिनाए, जनता की आवाज बने ऐसे में हमने यही से अपनी टैगलाइन सोची “सरकार के खिलाफ पहली आवाज”, यहाँ एक और बात मै साफ़ कर देना चाहती हूँ सरकार कोई भी हो आवाज जरूर उठेगी और पूरी मजबूती और पूरी ताकत के साथ उठेगी, और हम अपने मीडिया धर्म का पालन युहीं करते रहेंगे |

भारत एक नई सोच एक चैनल नहीं है एक आवाज है, एक सोच है, एक माध्यम है, एक उम्मीद है, एक विश्वाश है की अब जनता के हक़ की बात होगी और सरकार की चाटुकारिता बंद होगी | धन्यवाद !

-संपादक

पल्लवी राय

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