Yogi Adityanath ने लावारिस पशुओं पर लगाम लगाने को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। यूपी सरकार ने उन किसानों पर FIR लिखने के आदेश दिए हैं जो बेचारी गाय को दूध देना बंद कर देने के बाद ऐसे मरने के लिए बेसहारा छोड़ देते हैं। 31 मई यानी की आज सोमवार को यूपी सरकार द्वारा कहा गया है कि जो किसान गाय के काम ना आने पर उन्हे बेसहारा छोड़ देते है उन किसानों पर पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत मुकदमा लिखा जाएगा।
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वहीं विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान सपा विधायक अवधेश प्रसाद की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए पशुपालन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि कसाई और किसानों में बहुत अंतर होता है, हम किसानों का ध्यान रखेंगे ना कि कसाइयों का। अपने पशुओ को छोड़ने वालों पर पशु क्रूरता रोकथाम अधिनियम के तहत केस होगा।
आपको बता दें, विधानसभा में सपा विधायक अवधेश प्रसाद ने यूपी सरकार से अवारा पशुओं की समस्या पर योजना और इन पशुओं के कारण लोगों की मौत के मुआवजे को लेकर सवाल पूछा था। जिसके जवाब में मंत्री धर्मपाल ने कहा कि ये जो जानवर सड़कों पर धूम रहे हैं वह आवारा नहीं है, बल्कि उन्हे छोड़ा गया है। यह बात हर कोई जानता है किसानों ने इन मवेशियों को छोड़ा है। जब तक एक गाय दूध देती रहती है, उनके काम आती रहती है तो उसे रखा जाता है लेकिन जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसे बेसहारा छोड़ दिया जाता है।
इस दौरान मंत्री ने बताया कि 15 मई तक शहरी और ग्रामीण इलाकों में 6 हजार 187 गौ आश्रय केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें से 8 हजार 38 हजार 15 पशुओं को रखा गया है। वहीं सभी को साफ जाहिर है उत्तर प्रदेश में आवारा मवेशियों के कारण किसानों की फसलों का काफी ही नुकसान हो रहा है।
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Yogi Adityanath, इस समस्या को विपक्ष ने विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा बनाया था। दरअसल खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने BJP को चुनाव में नुकसान की आशंकाओं के बीच कई रैलियों में ऐलान किया था कि प्रदेश में दोबारा सरकार बनने पर इस समस्या का समाधान किया जाएगा। वहीं आपको ज्ञात होगा कि योगी सरकार ने 2017 में सत्ता में आने के बाद अवैध बूचड़खानों को बंद कर दिया था।