तनाव, चिंता, दुख… अस्थाई है। अपनी इस अस्थाई भावना के लिए कोई अस्थाई निर्णय ना लें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहली महानिर्देशक ब्राॅक चिशफूल एक मनोरोग चिकित्सक थे। उनकी एक प्रसिद्ध पंक्ति है, बगैर मानसिक स्वास्थ्य के सच्चा शारीरिक स्वास्थ्य हो ही नहीं सकता है। हमारी थकान मानसिक तौर पर हमें चिंता और तनाव की ओर धकेलती है। तथा जब ज्यादा बढ़ जाता है तो डिप्रेशन यानी अवसाद का रूप ले लेता है। चूंकि शारीरिक परेशानियों की ओर तो हमारा ध्यान चला ही जाता है। मानसिक परेशानियों को लेकर हम लोग बहुत कम ही जागरूक होते हैं। मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से ही प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भारत में एक बड़ा मुद्दा मेंटल हेल्थ का है। तथा इससे निपटने के लिए साइकेट्रिस्ट यानी मनोचिकित्सक की संख्या बढ़ाई जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 18 फ़ीसदी भारतीय डिप्रेशन यानी कि अवसाद के शिकार हैं। डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि भारत में मेंटल हेल्थ एक बहुत बड़ा चिंता का विषय है। तथा बड़ी तादाद में मौजूद है। हमें चिंता तनाव देती है वह यह अगर तनाव लंबे समय तक बना रहे तो यह डिप्रेशन यानी अवसाद में बदल सकता है। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बहुत जरूरी हो जाती है। वैसे भी तो मेंटल हेल्थ शरीर के नजरअंदाज किए जाने वाले हिस्सों में से एक है। मानसिक समस्याओं के प्रति जागरूकता को बढ़ाने के लिए प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है।
साल 1992 में वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे की शुरुआत हुई थी। पहली बार इस दिन को संयुक्त राष्ट्र के उप महासचिव रिचर्ड हंटर वह वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ की पहल पर मनाया गया था। सन् 1994 में इस दिन को मनाने की सलाह संयुक्त राष्ट्र के तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने दी थी। तथा इसे मनाए जाने के लिए एक थीम निर्धारित की गई थी। तब से प्रत्येक वर्ष यह दिन एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है।
मानसिक तनाव, प्रेषण और चिंता की वजह से पूरी दुनिया में बहुत सारे लोग सोशल स्टिग्मा, हिस्टीरिया, एंग्जाइटी, आत्महीनता, डिमेंशिया जैसी कई तरह दिक्कतो व मानसिक बीमारियों से जूझ रहे हैं। लोगों का ध्यान इन दिक्कतों की ओर आकर्षित करने तथा लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। जिससे लोग बीमारियों के प्रति जागरूक हो, मानसिक दिक्कतों के प्रति जागरूक हो तथा समय रहते ही अपना इलाज करा सकें।
प्रत्येक वर्ष विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाने के लिए एक थीम निर्धारित की जाती है। इस साल 2021 में डब्ल्यूएफएमएच के प्रेसिडेंट डाॅ इंग्रिड डेनियल ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए थीम की घोषणा की है। इस वर्ष 2021 की थीम है… Mental Health in an Unequal World “एक असमान दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य”। इसी थीम पर इस दिन आयोजित होने वाली सभी कार्यक्रम आधारित होंगे।