Work On Environment: जैसे-जैसे पर्यावरण दिवस नजदीक आ रहा है। देश में पर्यावरण की चर्चा जोर पकड़ रही है, एक तरफ जब विगत दिवस लोकसभा में हरे पेड़ों की कटाई को लेकर के सवाल किया गया। तो दूसरी ओर इस संदर्भ में और भी तमाम प्रश्न खड़े होने लगे। जिसमें एक बड़ा प्रश्न यह है, कि बीते वर्ष पर्यावरण को लेकर के भारत के किस राज्य ने क्या कार्य किया?
इस प्रश्न का उत्तर तलाशना जागरूकता और जानकारी दोनों के दृष्टिकोण से बहुत आवश्यक है। अतः आज हम आपको इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास कर रहे हैं, कि विगत वर्ष में पर्यावरण को लेकर किस राज्य ने क्या प्रयास अथवा कार्य किए हैं।
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क्योंकि हम बात कर रहे हैं, पर्यावरण पर विभिन्न राज्यों द्वारा किए गए कार्यों की तो इसमें सबसे पहले नाम आता है। मध्य प्रदेश का आपको बता दें, कि मध्यप्रदेश ने विगत वर्ष अपने राज्य में कुल 1640532 पेड़ लगाएं। वर्ष 2020-21 में लगाए गए पौधों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। इस प्रकार मध्य प्रदेश इस सत्र में देश का सबसे ज्यादा पौधा लगाने वाला राज्य बन गया।
अगर वृक्षारोपण की बात आगे की जाए, तो उत्तर प्रदेश को इसमें देश में दूसरा स्थान प्राप्त होता है। आपको बता दें, कि उत्तर प्रदेश ने इसी अवधि में कुल 311998 पेड़ लगाए हैं, पौधों का रोपण करते हुए उत्तर प्रदेश में पर्यावरण की दिशा में अपना योगदान देते हुए देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है।
वृक्षारोपण में देश में तीसरा सबसे बड़ा राज्य उड़ीसा है, आंकड़ों के मुताबिक उड़ीसा राज्य ने देश में वृक्षारोपण के मामले में तीसरा स्थान हासिल किया है। आपको बता दें, कि रिपोर्ट बता रही है, कि उड़ीसा राज्य में विगत सत्र में कुल 223375 वृक्ष लगाए गए। जो पर्यावरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।
अब जरा सी बात राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की भी की जानी चाहिए। हालांकि वृक्षारोपण के मामले में तो दिल्ली का आंकड़ा इतना बड़ा नहीं है। लेकिन फिर भी यह बहुत महत्वपूर्ण है। आपको बता दें, कि प्रतिपूरक वनीकरण योजना के तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली परिक्षेत्र में कुल 53000 से भी अधिक वृक्षों का रोपण किया गया। लेकिन सबसे खास बात दिल्ली के संदर्भ में जो है, वही इस अवधि में दिल्ली में एक भी पेड़ काटा नहीं गया।
एक ओर तो दिल्ली यह कह रही है। कि प्रतिपूरक वनीकरण योजना के तहत हमने 53000 से भी ज्यादा पेड़ लगाए हैं, तो दूसरी ओर यह भी कह रही है। कि विकास परियोजना के नाम पर हमने अपने क्षेत्र में एक भी पेड़ काटा नहीं है, यह संभव है, कि विकास परियोजना बिना पेड़ों की कटाई के भी आगे बढ़ सकती है।
थोड़ा सा बात उस बजट की भी की जानी चाहिए। जो बजट वनीकरण पर खर्च किया गया है। वनीकरण पर खर्च हुए कुल बजट का सबसे बड़ा हिस्सा गुजरात में खर्च किया है। आपको बता दें, कि गुजरात ने वनीकरण पर इस वर्ष में कुल ₹520000000 खर्च किए हैं। जो कि भारत में वनीकरण पर खर्च किए जाने वाले बजट का सबसे बड़ा हिस्सा है।
वनीकरण पर खर्च किए जाने वाले बजट के मामले में देश में दूसरे नंबर पर उत्तराखंड राज्य आता है।आपको बता दें, कि उत्तराखंड राज्य ने विगत सत्र में वनीकरण के नाम पर कुल 48.2 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। और इस प्रकार उत्तराखंड का इस मामले में राज्य में दूसरा स्थान रहा है।
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वृक्षारोपण के नाम पर हरियाणा ने क्या किया है। यह तो पता नहीं, लेकिन वनीकरण के नाम पर पैसा खर्च करने के मामले में हरियाणा ने देश में तीसरा स्थान हासिल किया है, आंकड़ों के मुताबिक, हरियाणा राज्य ने कुल ₹450000000 वनीकरण के नाम पर खर्च किए हैं। इस प्रकार वनीकरण पर पैसा खर्च करने के मामले में देश में तीसरा सबसे बड़ा राज्य हरियाणा है। पहला स्थान गुजरात का तथा दूसरा स्थान उत्तराखंड का है।
वहीं पर वृक्षारोपण के मामले में सबसे पहला स्थान मध्य प्रदेश का दूसरा स्थान उत्तर प्रदेश का और तीसरा स्थान उड़ीसा का है। जबकि दिल्ली ऐसा प्रदेश है, जिसने विकास के नाम पर विगत सत्र में एक भी पेड़ नहीं काटा है।