Wali Rahmani Collected 6 Crore For Child Education In Bengal: इस बात में कोई भी दो राय नहीं है कि, “प्रतिभा परिस्थितियों की मोहताज नहीं होती”। यदि किसी भी बात को पक्के मन से ठान लिया जाए तो कोई भी लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं होता। ऐसी ही बात को साबित कर दिखाया है बंगाल के 25 वर्ष के युवक वली रहमानी ने। राज्य के दक्षिण 24 परगना जिले के रहने वाले वली ने गरीब बच्चों के लिए भव्य इंग्लिश मीडियम स्कूल बनाने के लिए 6 दिन में जुटा लिए 6 करोड़।
देश के सभी लोगों ने वली रहमानी का साथ देते हुए उसके इस काम की सराहना की है। वली रहमानी ने वह कर दिखाया है जो बड़े-बड़े लोग भी नहीं कर पाए हैं। आज हमारे देश में लाखों ऐसे लोग हैं जिनके पास धन दौलत की बौछार है लेकिन उनमें से अधिकतर लोग ऐसे हैं जिन्होंने कभी किसी ने किसी भी समुदाय के बच्चों के एजुकेशन के लिए कोई पहल नहीं की है। इस तरह के सामाजिक पहल का समर्थन करना बच्चों के शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है और समाज को सुधारने में मदद करता है।
Wali Rahmani ने सिर्फ दिनों में 6 करोड़ का फंड जुटाया है । दरअसल उन्होंने 10 करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है, जिनमें से 6 करोड़ क्राउड फंडिंग के जरिये उनके खाते में सिर्फ 6 दिन में आ चुके हैं। बंगाल का यह नौजवान लड़का गरीब तबके के बच्चों की बेहतर तालीम के लिए विशाल इंग्लिश मीडियम स्कूल बनाने का ख्वाब पिछले 3 सालोक्षसे संजोए बैठे हैं।
इसलिए अपने (Wali Rahmani Collected 6 Crore For Child Education In Bengal) स्कूल को उन्होंने नाम दिया है ‘उम्मीद एकेडमी’। फिलहाल स्कूल का निर्माण कार्य जारी है और किराए के मकान में उनकी उम्मीद एकेडमी चल रही है। वली रहमानी की इस अकादमी में फिलहाल 300 बच्चे पढ़ रहे हैं और 1500 बच्चे स्कूल में एडमिशन के इंतजार में हैं।
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Wali Rahmani ने स्कूल निर्माण के लिए वीडियो बनाकर लोगों से डोनेशन की अपील की है। वह 1500 गरीब बच्चों के लिए स्कूल बना रहे हैं। इतना ही नहीं उनके इस सराहनीय कार्य को देखते हुए बैंक ने भी उन्हें हर मुमकिन मदद का भरोसा दिया है।
TOI की एक रिपोर्ट के मुताबिक उम्मीद अकादमी की बिल्डिंग बनाने के लिए रहमानी ने पिछले सालों में बहुत से डोनर्स से कांटेक्ट किया था। वली रहमानी कहते हैं कि,” मैं लोगों से पैसे मांग कर थक चुका था। कुछ ऐसे लोग थे जिसे मुझे बहुत बड़े फंड मिलने की उम्मीद थी लेकिन वह मुझे घंटे बिठा रखते थे और बाद में देते थे सिर्फ 1000 रुपए। एक शख्स ने तो मुझे 5 करोड रुपए देने की बात कही थी लेकिन उन्होंने तो फूटी कोड़ी भी नहीं दी। इसलिए मैंने क्राउड फंडिंग का फैसला लिया और मुझे उम्मीद है कि जल्दी 10 करोड रुपए भी आ जाएंगे”।
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रहमानी ने क्राउड फंडिंग के लिए वीडियो रिकॉर्ड किया। इसमें उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से से मार्मिक अपील करते हुए कहा कि, “देश में 20 करोड़ मुसलमान हैं और इनमें से केवल 20 लाख लोगों से ही मैं अपील कर रहा हूं। अगर 20 लाख मुस्लिम 100-100 रुपये डोनेशन देंगे तो मैं अपने स्कूल के लिए 10 करोड़ रुपये जुटा लूंगा।”
वली रहमानी के इस वीडियो को देखते ही लोगों ने फौरन ही हाथों हाथ लिया और बड़े पैमाने पर उन्हें फंड मिलना भी शुरू हो गया। वली रहमानी ने कहा कि जब उनके बैंक अकाउंट में 5 लाख से ज्यादा का ट्रांजैक्शन हुआ तो बैंक ऑफिसर्स ने उन्हें स्कैम को लेकर सतर्क किया। लेकिन उन्होंने जब अपनी अपील के बारे में बताया तो बैंक ऑफिसर भी स्कूल निर्माण के साइट पर पहुंचकर सारे डॉक्यूमेंट और जरूरत की चीज वेरीफाई करते हुए उनके प्रयास की सराहना की।
इतना ही नहीं बैंक ऑफिसर्स ने भी रहमानी से वादा किया है कि स्कूल बनाने के लिए बैंक की ओर से कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी फंड की सिफारिश भी की जाएगी।
गरीब बच्चों के लिए इंग्लिश स्कूल बनाने की जद्दोजहद कर रहे रहमानी (Who is Wali Rahmani of Bengal) का बचपन भी मुफलिसी में बीता है। रहमानी के पिता एक रिक्शा ड्राइवर थे लेकिन बाद में उन्होंने चमड़े का व्यवसाय शुरू किया। रहमानी कहते हैं कि,” मैं चाहता हूं कि बच्चों के लिए एक ऐसा स्कूल बने जहां बड़े स्कूलों की तरह सभी फैसिलिटी प्रोवाइड की जाए”।
रहमानी (West Bengal Man Wali Rahmani ) के इस प्रयास की देशभर में सराहना हो रही है। एसोसिएशन ऑफ मुस्लिम प्रोफेशनल्स (AMP) के अध्यक्ष मुंबई निवासी आमिर इदरीसी ने भी कहा, “इस लड़के ने जो कर दिखाया है वह बहुत ही शानदार उदाहरण है। हमने भी वली रहमानी की इस कोशिश को सपोर्ट करने के लिए अपने वेब प्लेटफार्म पर एक फंड रेजर क्रिएट किया है। साथ ही उसके इस नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाने के प्रयास पर स्टोरी भी छापी है।”