Vodafone Idea Tax Case: बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट प्रक्रिया का पालन करने में विफल रहा और कर अधिकारियों को वोडाफोन आइडिया को 1,128 करोड़ रुपये वापस करने का निर्देश दिया। अदालत ने सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए मूल्यांकन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कोर्ट ने प्रक्रिया 30 दिन में पूरी करने का निर्देश दिया है।
इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस नीला गोखले और जस्टिस के.आर श्रीराम। की बेंच ने इस माना है कि फेसलेस एसेसिंग ऑफिसर (AFO) द्वारा 31 अगस्त, 2023 को जारी आदेश को लागू नहीं कर सकते , क्योंकि AFO ने डिस्प्यूट रिजल्यूशन पैनल के निर्देश जारी करने के 30 दिन की बजाय दो साल बाद फैसला लिया है, जो कि तय लिमिट को पार कर चुका है। कोर्ट ने कहा कि इसी वजह से आदेश को लागू करना नामुमकिन है।
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टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने बुधवार को टेलीकॉम प्रमुख के खिलाफ मूल्यांकन आदेश को “अस्थिर” और “समय-बाधित” बताया।
इसके अलावा कोर्ट के आदेश में ये भी कहा गया है, “कानून के सख्त दायरे में रहकर काम करने की जिम्मेदारी सौंपे गए अधिकारियों की ओर से लापरवाही और चूक सरकारी खजाने को प्रभावित करने के साथ ही देश की समृद्धि और आर्थिक स्थिरता पर भी दूरगामी परिणाम देती है।”
मामला असेसमेंट ईयर 2016-17 के लिए रिटर्न दाखिल करने के बाद रिफंड के लिए टेलिकॉम कंपनी के दावे से संबंधित है। रिफंड के लिए टेलीकॉम प्रमुख (Vodafone Idea) के दावे पर, डिस्प्यूट रिजल्यूशन पैनल (डीआरपी) ने 25 मार्च, 2021 को एक आदेश जारी किया था, जिसे उसी दिन इन्कमटैक्स बिजनेस एप्लिकेशन (आईटीबीए) पोर्टल पर भी अपलोड किया गया था। लेकिन एक मूल्यांकन अधिकारी ने इस साल अगस्त में करीब दो साल बाद अंतिम आदेश जारी किया।
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मुंबई उच्च न्यायालय ने भी ढिलाई के लिए जिम्मेदार मूल्यांकन अधिकारी के खिलाफ जांच के साथ-साथ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की। कोर्ट ने कहा कि ऑफिसर की इस गैर जिम्मेदारी वाली हरकत से सरकारी खजाने को भी काफी नुकसान हुआ है। कोर्ट ने इस प्रक्रिया को 30 दिन में पूरी करने का निर्देश दिया है।
वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea tax refund case) ने दलील दी थी कि मूल्यांकन अधिकारी अनिवार्य 30 दिनों में डीआरपी के निर्देशों के संदर्भ में अंतिम आदेश पारित करने में असफल रहा तो वह ब्याज सहित रिफंड पाने का हकदार है। इसके अलावा कंपनी के वरिष्ठ वकील ने तर्क दिया कि एक बार जब डीआरपी ऑर्डर अपलोड होता है और एक महीने में कोई ऑर्डर पारित नहीं होता है, तो वोडाफोन आइडिया द्वारा जाहिर की गई इनकम को आईटी विभाग द्वारा स्वीकार किया गया माना जाता है, और याचिकाकर्ता, अतिरिक्त कर की वापसी का हकदार है।
Vodafone Idea Tax Case, वोडाफोन आइडिया ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 8737.9 करोड़ रुपये के घाटे का सामना किया है। इसी समय में पिछले साल कंपनी को 7595.5 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी का ऑपरेशन से जेनरेट रेवेन्यू 10,716.3 करोड़ रुपये दर्ज हुआ था। टेलीकॉम कंपनी अपने घाटे से उबरने के लिए लगातार प्रयास भी कर रही है, लेकिन अब तक इसमें सफलता नहीं हुई है। गुरुवार को कंपनी का शेयर भाव 14 रुपये के करीब कारोबार कर रहा था।
वोडाफोन आइडिया ने यह कहते हुए आदेश का विरोध किया था कि अधिकारी 30 दिनों के भीतर अंतिम फैसला देने में विफल रहे थे।