आज ही का दिन यानी 18 अगस्त भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के लिए बहुत ही खास है। ठीक तेरह साल पहले आज इसी दिन (18 अगस्त) भारतीय बल्लेबाज विराट कोहली ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना पहला कदम रखा था। चूंकि क्रीज पर उनका पहला दिन ज्यादा देर तक नहीं रहा,क्योंकि विराट कोहली ने अपने पहले इंटरनेशनल मैच में सिर्फ 12 रन बनाए थे। भारत के लिए विराट ने बल्लेबाजी में ओपनिंग के तौर पर वन-डे क्रिकेट की शुरुआत की थी। और उस समय कोहली ने 22 रनों का सामना करते हुए 12 रन बनाए थे।
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Virat Kohli एक ऐसा नाम जिनके बारे में कौन नहीं जानता। जो भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी है। इंडियन क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी के बाद जिस खिलाड़ी ने भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी धाक जमाई व उसको मजबूती दी है। वो है विराट कोहली। जिसने क्रिकेट में अपनी शानदार प्रदर्शन से हर एक व्यक्ति के दिल मैं अपनी जगह बनाई है। कोहली को भारतीय क्रिकेट का बेक बोन भी कहा जाता है, क्योंकि वह दाएं हाथ से खेलने वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर, सबसे प्रतिभाशाली और होनहार क्रिकेटरों में से एक है। वर्तमान समय में विराट कोहली भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान होने के साथ ही साथ सैकड़ों यूथ के स्टाइल आईकन भी है।
भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज क्रिकेटर का जन्म 5 नवंबर 1988 को दिल्ली की एक पंजाबी परिवार में हुआ था। इनके पिता प्रेम कोहली एक क्रिमिनल एडवोकेट थे और इनकी माता का नाम सरोज कुमारी है जो कि एक हाउसवाइफ हैं। इसके अलावा कॉलिंग का एक बड़ा भाई विकास और बड़ी बहन भावना है। हालांकि जब विराट महज तीन वर्ष के थे। तभी से विराट के खिलौने में क्रिकेट का बल्ला था। विराट जैसे-जैसे बढ़ती गए हैं उनका रुझान क्रिकेट के तरफ बढ़ता चला गया।तभी विराट के पिता समझ गए थे कि विराट को क्रिकेट में दिलचस्पी है। इसीलिए वह विराट को हर रोज क्रिकेट की ट्रेनिंग के लिए लेकर जाते थे।
विराट कोहली के प्रारंभिक शिक्षा विशाल पब्लिक स्कूल दिल्ली से हुई थी। पढ़ाई लिखाई में तो विराट कोहली ठीक थे। इनका सारा ध्यान हमेशा क्रिकेट पर ही था।जिसकी वजह से विराट के पिता ने महज 9 साल की उम्र में क्रिकेट क्लब में दाखिल करा दिया था। चूंकि शुरुआत से ही विराट का क्रिकेट पर ध्यान था। वही सिर्फ खेल में ही रुचि होने की वजह से उन्होंने महज 12वीं कक्षा तक शिक्षा हासिल की और इसके बाद से उन्होंने पूरी तरह से क्रिकेट पर ध्यान देना शुरू किया। विराट ने राजकुमार शर्मा से दिल्ली क्रिकेट सीखा और सुमित डोगरा नाम की एकेडमी में पहला मैच खेला।
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विराट कोहली ने साल 2011 टेस्ट मैच में अपनी जगह बना ली थी। इसके बाद विराट ने ओडीआई 6वें स्थान पर बैटिंग शुरू की। इस दौरान उन्हें लगातार दो मैचों में हार का भी सामना करना पड़ा। लेकिन वह अपनी हार से कभी निराश नहीं हुए बल्कि विराट ने अपनी हार से सीख ली, और वह लगातार खुद को बेहतर साबित करते रहें। इसके बाद के मैच में विराट ने 116 रन बनाए। यही नहीं इसके बाद भी विराट ने कॉमनवेल्थ बैंक ट्रायंगुलर सीरीज में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 7 से 2 मैच में जीत हासिल की।इसके फाइनल में जाने के लिए श्रीलंका के खिलाफ 321 रन का टारगेट था। लेकिन विराट ने 133 रन बनाकर भारत को जीत हासिल करवाई और मैन ऑफ द मैच का खिताब भी जीता। इसके बाद साल 2012 में एशिया कप के लिए वाइस कैप्टन चुने गए थे। इस दौरान विराट को भारतीय क्रिकेट टीम का कप्तान बनाने की बात कही गई थी, और बाद में उन्हें भारतीय इंडियन टीम का कप्तान भी चुन लिया गया।
-विराट ने वर्ष 2011 में वर्ल्ड कप में सेंचुरी बनाई है।
-2013 में जयपुर में आस्ट्रेलिया के खिलाफ 52 रनों की सेंचुरी बनाई है।
-महज 22 साल में ओडीआई में 100 रन बनाने वाले तीसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
-ओडीआई में 7500 रन बनाने वाले सबसे तेज भारतीय क्रिकेटर हैं।
-ओ डी आई क्रिकेट में 1000,3000,4000 और 5000 रन बनाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।
विराट कोहली आज उस मुकाम पर पहुंच गए हैं। जहां पर पहुंचना लोगों का सपना है। लेकिन यहां तक पहुंचन के लिए उन्हें बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। विराट को क्रिकेट में अपनी योगदान के लिए कई अवार्ड भी मिले।
-2012 आईसीसी ओडीआई प्लेयर ऑफ द ईयर अवार्ड.
-2012 पीपुल चॉइस अवॉर्ड फॉर फेवरेट क्रिकेटर.
-2013 अर्जुन अवॉर्ड फॉर क्रिकेट.
-2017 पदम श्री अवार्ड
-2017 सीएनएन-आईबीएन इंडियन ऑफ द ईयर.
-2018 सर गार्फिएल्ड सोबर्स ट्रॉफी शिव विराट को नवाजा गया है.