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Varanasi: 34 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुआ काशी का “नमो घाट”, अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनकर तैयार हुआ

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Varanasi: PM Narendra Modi के संसदीय क्षेत्र Varanasi में अंतरराष्ट्रीय स्तर का पर्यटन स्थल बनकर तैयार हो गया है। संस्कृति तथा आधुनिकता को संजोए काशी के घाटों में एक और घाट “नमो घाट” का नाम जुड़ गया है। Social media पर इसको लेकर पहले भी कई यूजर्स तस्वीरें तथा वीडियो शेयर कर चुके हैं। घाट की बनावट नमस्ते करता हुआ स्कल्पचर पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी बन रहा है। यही वजह है कि सोशल मीडिया पर इसे लोग #namokaar लिखकर भी शेयर कर रहे हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही कर सकते हैं उद्घाटन “नमो घाट”



रिपोर्ट के अनुसार करीब 34 करोड़ की लागत से बनी खिड़कियां घाट का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी जल्द ही कर सकते हैं। इस घाट से जल मार्ग तथा हवाई मार्ग को भी जोड़ा जाएगा। जिससे पर्यटक अन्य शहरों तक भी जा सकेंगे।

नमो घाट का पहला पेज बनकर तैयार हो गया


Varanasi Smart City के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. डी. वासुदेवन ने यह बताया है कि लगभग 21000 स्क्वायर मीटर बन रहे इस घाट का पहला पेज बनकर अब तैयार हो गया है। इसके निर्माण में Make in India का विशेष ध्यान भी दिया गया है। हालांकि इस घाट पर ओकल फाॅर लोकल भी दिखाया गया है। यहां पर्यटक सुबह ए बनारस का नजारा भी देख सकेंगे तथा गंगा आरती में शामिल भी हो सकेंगे। वॉटर एडवेंचर स्पोर्ट्स का मजा भी ले सकेंगे। इसके अलावा भी दिव्यांगजन तथा बुजुर्गों के लिए मां गंगा के चरणो तक रैप बना है। बीते महीने पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद खिड़कियां घाट यानी कि नमो घाट का अवलोकन किया था।

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Multipurpose platform होगा


इसके अलावा भी यहां पर ओपन थिएटर भी है। लाइब्रेरी, बनारसी खानपान के लिए फूड कोर्ट है। यहां पर Multipurpose Platform भी होगा। जहां पर हेलीकॉप्टर उतरने के साथ ही साथ अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन भी हो सकता है। यहां पर पर्यटक काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन के लिए भी आसानी से टिकट ले सकते हैं। खिड़कियां घाट से क्रूज के जरिए पास के अन्य शहरों में भी भ्रमण करना और आसान है।

Engineer India limited कि मैनेजर दुर्गेश ने बताया है कि गाबियन तथा रेटेशन वाल से घाट तैयार किया गया है। जिससे बाढ़ में भी घाट सुरक्षित रहेगा। गाड़ियां घाट तक भी जा सकती है तथा यहां पर वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था भी है।

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इसे नमो घाट का नाम क्यों दिया गया??



आपको बता दें कि घाट पर सूर्य तथा गंगा को प्रणाम करती 3 जोड़ी हाथ की आकृतियों की वजह से इसे “नमो घाट” का नाम दिया गया है। अभी हाल ही में एक अधिकारी ने बताया था कि 34 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ ये घाट वाराणसी का 85वां घाट होगा।

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घाट पर आधुनिक सुविधाएं पर्यटकों को मिलेंगी



अधिकारी ने कहा है कि घाट पर्यटकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। घाट की एक दीवार पर काशी की विरासत को भी प्रदर्शित करती हुई कलाकृतियां भी बनाई गई है। इसके अलावा भी घाट पर एक कैफेटेरिया ही बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि इस घाट के बनने से दशाश्वमेध घाट पर भीड़भाड़ कम करने में भी मदद मिलेगी।


उन्होंने यह भी कहा कि सुगम दर्शन के लिए काशी विश्वनाथ धाम के टिकट में भी यहां उपलब्ध होंगे तथा तीर्थ यात्रियों को घाट से नाव से काशी विश्वनाथ जाने में भी सुविधा मिलेगी। हालांकि गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए भी घाट पर सीएनजी नौकाओं के लिए तैयारी सीएनजी स्टेशन भी बनाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि एक पुरुष के माध्यम से आसपास के अन्य शहरों में जाने की भी सुविधा होगी।



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