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Up cm list के इस सीएम को दी गई भयंकर यातनाएं, फिर भी पहली बार विधानसभा चुनाव में चुने गए निर्विरोध

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Up cm list सियासत की दुनिया के किस्‍से बड़े ही गजब के रोचक और की बार चौंकाने वाले होते हैं। इसी कड़ी में अगर बात उत्‍तर प्रदेश की राजनीति की हो तो मामला और भी ज्‍यादा गंभीर, रोचक और खास हो ही जाता है। इन दिनों भारत के पांच राज्यों समेत यूपी के विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग का दौर चल रहा है। अब किसकी ताजपोशी होगी इसका फैसला तो 10 मार्च 2022 के पहले नहीं होगा। तब तक यूपी के पोलिटिक्स के किस्‍सों, सीटों के गणित, जीत-हार की चर्चाओं का शमा अपने शबाब पर रहेगा।

Up cm list उत्तर प्रदेश के इतिहास को देखें तो वहां पर एक मुख्‍यमंत्री ऐसे भी हुए जिनकी लोकप्रियता का आलम कुछ ऐसा था कि जब वे पहली बार ही विधानसभा चुनाव में लडने के लिए मैदान में उतरे तो निर्विरोध ही चुन लिए गए थे। जेल में रहते हुए उन्होंने अंग्रेजों की भयंकर यातनाएं भी सहीं थीं।

Up cm list अब आज भारत एक नई सोच में हम भी यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्रियों से जुड़े रोचक किस्‍सों की कड़ी में आज बात करेंगे यूपी के 11 वें मुख्यमंत्री रहे बाबू बनारसी दास की। वे एक ऐसे नेता थे जिन्हें देश हमेशा याद रखेगा। वे राजनीति में अपने बेबाक अंदाज के साथ ही अपनी सादगी के लिए भी खासे मशहूर रहे थे।

15 साल की उम्र में स्‍वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय हो गए थे बाबू बनारसी दास

Up cm list बाबू बनारसी दास देश के लिए स्‍वतंत्रता आंदोलन में महज 15 साल की उम्र में कूद पड़े थे। इतनी कम उम्र होने के बाद भी वे ना तो वे कभी जेल जाने से डरे और ना ही जेल में मिलने वाली भयंकर यातनाओं ने उनके कदमों को डगमगाया। बाबू बनारसी दास ने तो फिरंगियों की घोर प्रताड़ना के आगे कभी भी सिर न झुकाने की कसम खाई हुई थी।

Up cm list आलम तो यह था कि एक ओर जेल में अंग्रेजों की यातनाएं बढ़ती हघ जा रही थी तो बाहर उनकी लोकप्रियता भी बढ़ती ही जा रही थी। यही सबसे अहम वजह थी कि 1946 के विधानसभा चुनाव में वह बुलंदशहर से निर्विरोध ही चुन लिए गए थे। साथ ही वे बुलंदशहर कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष भी बना दिए गए थे

पेड़ से बांधकर जुल्म करते थे अंग्रेज

Up cm list 1930 से 1942 के बीच बाबू बनारसी दास 4 बार जेल गए थे। यहां तक कि एक बार तो उन्‍हें बड़ा ही खतरनाक कहेकर बुलंदशहर जेल में नजरबंद कर दिया गया था। अंग्रेजों ने बड़ी बेरहमी से उन्‍हें खूब यातनाएं दी थी।. 1943 की एक रात तो उन्‍हें बैरक से बाहर निकालकर जामुन के पेड़ से बांध कर इतना पीटा कि वह बेहोश हो गए।

मुख्यमंत्री बनने के बाद भी नहीं चुनी आलीशान सरकारी कोठी

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Up cm list देश के पूर्व नेता और स्वतंत्र सेनानीयों की फेहरिस्त में अगर बाबू बनारसी दास का नाम स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाए तो भी इसमें कोई हर्ज नहीं है। वे एक ऐसे राजनेता थे जो बेहद ही सादगी पसंद थे। अक्सर ही वे मुख्‍यमंत्री , मंत्रियों पर होने वाले बेवजह के खर्च को लेकर अपनी नाराजगी का इजहार करते रहते थे।

Up cm list वे खुद भी अपने जीवन में सादगी और सच्चाई का अनुसरण करते थे। आप पढ़ कर चौंक जाएंगे कि 28 फरवरी, 1979 से लेकर 17 फरवरी, 1980 तक मुख्यमंत्री पद पर तैनात रहने के बावजूद वे आलीशान सरकारी कोठी में रहने की बजाय अपने निजी घर में ही रहे थे। उन्होंने हमेशा ही यही प्रयास किया
कि आम आदमी उनसे जब चाहे आसानी से मिल सके।

बने थे राष्‍ट्रपति के अनुवादक भी

Up cm list बाबू बनारसी दास की स्‍कूली शिक्षा बहुत उच्च नहीं थी लेकिन उनकी हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी पर उनकी बहुत ही अच्छी पकड़ थी। इस बात को लेकर भी उनका एक किस्‍सा बड़ा ही मशहूर है। एक बार तत्‍कालीन राष्‍ट्रपति डॉ. राधाकृष्‍णन कहीं पर अंग्रेजी में भाषण दे रहे थे । वहां उसका अनुवाद करने वाला कोई व्यक्ति मौजूद नहीं था। उस समय बाबू बनारसी दास ने ही उनके भाषण का अनुवाद किया और राष्‍ट्रपति की प्रशंसा भी पाई थी।

Up cm list मुख्यमंत्री रहने के अलावा सूचना, सहकारिता, श्रम, बिजली, सिंचाई के अलावा संसदीय कार्य मंत्री पद पर रहे बाबू बनारसी दास जब 1980 के विधानसभा चुनाव में हार गए तो उन्‍होंने राजनीति को हमेशा के लिए अलविदा कहे दिया। इसके बाद 3 अगस्‍त, 1985 में उनका निधन हो गया था।

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