Twin Sisters Marry: एक अजीबो-गरीब घटना के अन्तर्गत महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में एक कार्यक्रम में मुंबई की दो जुड़वा बहनों ने एक ही शख्स से शादी की। हैरानी की यह बात है कि दोनों बहनें आईटी इंजिनियर हैं। पुलिस ने रविवार को ये जानकारी दी। सोलापुर जिले के मालशिरस तहसील में ये शादी हुई। जिसका वीडियो social media पर सामने आया है।
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जानकारी के अनुसार शिकायत के आधार पर अकलुज थाने में दूल्हे के विरूद्ध भादंसं (भड़ास निकालना) की धारा 494 (पति या फिर पत्नी के जीवित रहते फिर से शादी करना) के अन्तर्गत असंज्ञेय (न्यायालय के निदेश या फिर बिना अनुमति के गिरफ्तार, अपराध के प्रकार, जिसमें पुलिस प्रथम सूचना report दर्ज नहीं कर सकता है, और न ही छानबीन कर सकता है उसे ही असंज्ञेय अपराध कहते हैं।) अपराध का मामला दर्ज किया गया है।
शिकायत के मुताबिक इस व्यक्ति ने 36 वर्षीय दो जुड़वा बहनों से शादी की, जो कि आईटी पेशेवर हैं। दूल्हा व दुल्हन के परिवार वाले इस विचित्र शादी के लिए राजी हुए थे। यह दोनों लड़कियां कुछ ही दिनों पहले अपने पिता के गुजर जाने के बाद अपनी मां के साथ ही रह रही थीं।
• हमारे देश में शादियों एवं तलाक से जुड़े मामले विभिन्न धर्मों के अलग-अलग कानून है। जैसे- हिंदुओं की शादी के लिए हिंदू मैरिज एक्ट। वहीं मुस्लिमों की शादी के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ। हिंदुओं के अलावा भी हिंदू मैरिज एक्ट ही सिख, जैन एवं बौद्ध धर्म के लोगों पर लागू होता है।
• सन् 1955 के हिंदू मैरिज एक्ट की धारा 5 में उन शर्तों को बताया गया है जिसमें कि शादी को वैलिड माना जाएगा।
• लड़के की उम्र 21 साल व लड़की की उम्र 18 वर्ष से ज्यादा होनी चाहिए। हिंदू मैरिज एक्ट के अन्तर्गत शादी के लिए दूल्हा एवं दुल्हन दोनों की सहमति होनी चाहिए।
• हिंदू धर्म में पहले पति या फिर पत्नी की जीवित रहते दूसरे शादी नहीं कर सकते। वहीं दूसरी शादी तभी होगी, जब पहले पति या फिर पत्नी की मौत हो चुकी हो। या अगर 7 वर्ष तक पति या फिर पत्नी का कुछ पता न चले एवं उसके जीवित रहने का कोई सबूत न हो तभी ऐसे में दूसरी शादी कर सकते हैं।
• हिंदुओं की तरह ही ईसाई धर्म में दूसरी शादी मनाही है। ईसाई भी दूसरी शादी तभी कर सकते हैं। जब पति या फिर पत्नी की मौत हो चुकी हो। जबकि मुस्लिमों को वहीं चार शादी करने की इजाजत है।
• इसके अलावा भी एक स्पेशल मैरिज एक्ट है। जो 1954 में लागू हुआ था। यह कानून दो विभिन्न धर्मों के वयस्कों को शादी करने का अधिकार देता है। स्पेशल मैरिज एक्ट सब पर लागू होता है। इसके अन्तर्गत शादी रजिस्टर्ड कराने के लिए धर्म बदलने की भी जरूरत नहीं होती।
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• दरअसल सोलापुर में दो जुड़वा बहनों से शादी करने पर दूल्हे अतुल पर केस दर्ज हो गया है। यह केस इसलिए दर्ज हुआ, क्योंकि उसने दो शादियां कीं। जब हिंदुओं में दो शादियां करना मनाही है।
• उस पर IPC की धारा 494 के अन्तर्गत केस दर्ज हुआ है। यह धारा कहती है कि अगर पति अपनी पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी करते हैं तो ऐसी स्थिति में यह शादी अमान्य है। ऐसा करने पर 7 वर्ष तक की जेल, जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
• इस धारा में अपवाद है, और वो यह है कि अगर पहली शादी को अदालत अमान्य करार दे चुकी है तभी फिर से दूसरी शादी की जा सकती है।
• हालांकि हिंदू मैरिज एक्ट के दायरे में आने वाले लोग दूसरी शादी तब कर सकते हैं। जब उनकी पहली पत्नी या फिर पति की मौत हो चुकी हो या तलाक हो चुका हो।