Tallest Shiva Temple: इनक्रेडिबल इंडिया… भारत और उसकी प्राचीन विरासत को देखकर अक्सर ही लोगों के मुंह से ये शब्द सुनने को मिलते हैं । आखिर हो भी क्यों न भारत के गौरवशाली अतीत में न जाने कितने ही आश्चर्य छिपे हुए हैं जिनके बारे में हम कम ही जानते हैं । वहीं जब कोई अन्य व्यक्ति भारत में स्थित किसी मंदिर, ऐतिहासिक स्थल की बात करता है तो हमें अनायास ही अपनी सांस्कृतिक विरासत की याद आ जाती है और हम गर्व से भर उठते हैं ।
कुछ ऐसा ही हुआ जब नार्वे के डिप्लोमेट ने ट्विटर पर दुनिया के सबसे ऊंचे मन्दिर का 360 डिग्री व्यू का वीडियो शेयर किया । बताया जाता है कि उत्तराखंड की ऊंची और बर्फ से ढकी चोटियों में स्थित भगवान शिव का यह मंदिर 5000 साल पुराना है ।
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माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर भगवान शिव का एक मंदिर तेजी से वायरल हो रहा है। यह मंदिर उत्तराखंड की बर्फ से ढकी चोटियों पर बना हुआ है जो हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है । पहाड़ों पर बेहद ऊंचाई में बने इस मंदिर को 5000 साल पुराना बताया जा रहा है साथ ही इसकी आर्किटेक्चरल बनावट की भी लोग तारीफ कर रहे हैं क्योंकि कितने ही तूफानों, हिमस्खलन और प्राकृतिक आपदाओं को सह कर भी यह मंदिर सुरक्षित है । लोग इसे भगवान तुंगनाथ का मंदिर कह रहे हैं ।
नार्वे के राजनयिक और अक्सर ट्विटर पर भारत की प्राचीन धरोहरों को शेयर करने वाले एरिक सोलहम ने भगवान शिव के इस प्राचीन मन्दिर का वीडियो शेयर किया है । वीडियो को कैप्शन देते हुए हुए एरिक ने लिखा है “इनक्रेडिबल इंडिया ! दुनिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर। उन्होंने ट्वीट में आगे लिखा कि उत्तराखंड स्थित यह मंदिर 5 हजार साल पुराना माना जाता है। “
नार्वेजियन राजदूत द्वारा शेयर किए गए भगवान शिव के इस प्राचीन मंदिर के वीडियो को अब तक करीब 779 हजार लोगों ने देखा है जबकि इस ट्वीट को 56 हजार से ज्यादा लाइक्स मिल चुके हैं ।
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चारों ओर बर्फ से आच्छादित और पहाड़ों के बीच उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग स्थित भगवान शिव के इस मंदिर को नॉर्वे के डिप्लोमेट एरिक द्वारा शेयर किए जाने के बाद तमाम यूज़र्स ने अपनी प्रतिक्रिया दी है । जहां कई यूज़र्स ने एरिक सेल्हम द्वारा भारतीय धरोहरों को विश्व पटल पर पहचान दिलाने के लिए आभार जताया तो कई यूज़र्स ने भगवान भोलेनाथ के इस अति प्राचीन मंदिर की विशेषताएं भी बतायीं । जहां एक यूजर ने इस प्राचीन मंदिर को पंच केदार में से चतुर्थ केदार तुंगनाथ मन्दिर बताते हुए इसे सबसे प्राचीन मंदिर कहा ।
उत्तराखंड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में तुंगनाथ पर्वत पर स्थित यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है । इस मंदिर को 5000 साल पुराना माना जाता है । हिमालय के प्राकृतिक छटाओं के बीच बने इस मंदिर में तमाम श्रद्धालु दर्शन करने प्रतिवर्ष आते हैं । चारधाम की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी यह मंदिर महत्वपूर्ण है ।
बता दें कि तुंगनाथ मन्दिर दुनिया के सबसे ऊंचाई पर स्थित शिव मंदिर के रूप में विख्यात है । इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 3680 मीटर है । सबसे प्राचीन मंदिर के बारे में माना जाता है कि यह 1 हजार साल पुराना मन्दिर है । बता दें कि इस मंदिर में भगवान शिव की पंचकेदार के रूप में पूजा की होती है ।