देश भर में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्या और उन पर आई विपदा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। शीर्ष अदालतों ने अपनी अंतिम आदेश में कहा है कि प्रवासी मजदूरों से बस और ट्रेन का किराया नहीं लिया जायेगा। कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य सरकारें मजदूरों का किराया देंगे और उनको घर पहुंचाने की व्यवस्था करेगी, शीर्ष अदालतों में कहा गया है कि मजदूरों की वापसी में तेजी लाए |
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह कहा, की प्रवासी श्रमिकों से ट्रेन या बस का कोई किराया नहीं लिया जाएगा | अदालत ने कहा कि विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए सभी प्रवासी कामगारों को संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा उन स्थानों पर भोजन उपलब्ध कराया जाएगा इसके अलावा मजदूरों को ट्रेन या बसों में चढ़ने की समय भी बताया जाएगा |
जिस राज्य में प्रवासी मजदूर चलेंगे वहां स्टेशन पर उनके भोजन और पानी का इंतजाम किया जाएगा, राज्य प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण की देखरेख करेगा और यह सुनिश्चित करने के लिए की पंजीकरण के बाद वह एक प्रारंभिक तिथि पर ट्रेन या बस में चढ़ी पूरी जानकारी सभी संबंधित लोगों को बताया जाएगा | बेंच ने साफ किया कि वह केंद्र सरकार नहीं बल्कि राज्य सरकारों को निर्देश जारी कर रही है |