Supreme Court: एनडीए यानी कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सीटों के आरक्षण के मुद्दे पर इस स्तर से निपटने से इनकार करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यह कहा कि सामाजिक क्रांति रातों-रात नहीं आती, इसमें समय भी लगता है।
Supreme Court जस्टिस संजय किशन कौल एवं जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने एनडीए में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए सीटों के आरक्षण की मांग वाली हस्तक्षेप याचिका पर कहा कि सामाजिक क्रांति रात रात नहीं होती है इसमें समय तो लगता ही है। जस्टिस कौर ने यह कहां कि यहां नागरिक रोजगार के सिद्धांतों को लागू नहीं कर सकते। जबकि सशस्त्र बल एक समरूप इकाई है। आप उन्हें जाति के आधार पर भी अलग नहीं कर सकते।
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शीर्ष अदालत ने भारतीय सशस्त्र बलों में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी की पूर्व महिला कैडेटों को शामिल करने तथा उनकी तैनाती के निहितार्थ का अध्ययन करने के लिए केंद्र को जुलाई तक का समय दिया है। फिलहाल पीठ ने यह कहा है कि वह इस स्तर पर अनुसूचित जाति या जनजाति या फिर अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण से निपटने नहीं जा रही है। बल्कि ये शिक्षण संस्थान महिलाओं के प्रवेश के मुद्दे पर ही विचार करेगी। जो अभी तक सिर्फ लड़कों के लिए ही रही है। हालांकि न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 19 जुलाई को निर्धारित करते हुए यह कहा है कि इस संबंध में किए जाने वाले अध्ययन का विवरण पेश किया जाए।
बता दें कि पीठ ने केंद्र द्वारा दाखिल हलफनामे के विवरण पर संज्ञान लिया जिसमें यह कहा गया है कि एनडीए द्वितीय 2021 तथा एनडीए प्रथम 2022 के लिए शामिल की जाने वाली महिलाओं की संख्या के संबंध में, ये प्रस्तुत किया जाता है। एनडीए में हर पाठ्यक्रम में तीनों सेवओं के लिए 370 रिक्तियां हैं। जिसमें से 208 को थल सेना में कमीशन मिलेगा, वहीं भारतीय वायु सेना में 120 और नौसेना में 42 कैडेट को कमीशन मिलेगा।
Supreme Court केंद्र ने अपने हलफनामे में यह कहा है कि एनडीए में महिला कैडेट को शामिल करना एक बड़ा नीतिगत निर्णय रहा है। प्रतिभागियों को भी भारतीय ससस्त्र बालों में पूर्व एनडीए महिला कैडेट को शामिल करने तथा उनकी तैनाती के लिए दीर्घकालीन प्रभाव पर विचार करने के लिए पर्याप्त समय चाहिए। इसीलिए ये स्तुत किया जाता है कि प्रतिभागियों को इसके लिए कम से कम 3 महीने का अतिरिक्त समय और चाहिए।
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Supreme Court गौरतलब है कि एनडीए 2021 परीक्षा में बैठने वाली महिलाओं के आंकड़ों तथा शामिल की गई महिलाओं की संख्या के बारे में अधिवक्ता कुश कालर द्वारा दायर याचिका पर अदालत के निर्देश के मुताबिक हलफनामा दायर किया। केंद्र ने यह कहा कि ये प्रस्तुत किया जाता है कि कुल 575854 अभ्यर्थियों ने परीक्षा के लिए आवेदन किया था तथा 357197 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। हालांकि नवंबर 2021 के दौरान आयोजित एनडीए लिखित परीक्षा में 1002 महिलाओं समेत 8009 अभ्यार्थी उत्तीर्ण हुए।