Success Story: देश की बड़ी टेक कम्पनियों में शुमार PAYTM आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है । अरबों डॉलर की कम्पनी Paytm ने कम समय मे नई ऊंचाइयां हासिल की हैं । साल 2021 में यह ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कम्पनी 2.5 खरब डॉलर वाली कम्पनी बन गयी थी । जहां पेटीएम के बारे में बहुत लोग जानते हैं तो वहीं इस कम्पनी को खड़ी करने वाले विजय शेखर शर्मा के बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे ।
हिंदी मीडियम से पढ़ाई कर खरबों की कम्पनी खड़ी कर देने वाले विजय शेखर आज भारत के अरबपतियों की लिस्ट में शामिल हैं । आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि कैसे 10 हजार रुपये कमाने वाले विजय ने 10 साल में अरबों की कम्पनी खड़ी कर दी ।
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उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जन्मे विजय शेखर शर्मा की परवरिश किसी भी मध्यम वर्गीय परिवार जैसी रही । विजय की मां गृहिणी तो पिता अध्यापक थे । विजय ने प्रारंभिक शिक्षा अलीगढ़ के एक छोटे से कस्बे हरदुआगंज के एक हिंदी मीडियम स्कूल से पूरी की । 14 साल की उम्र में उन्होंने इंटरमीडिएट पास कर लिया था । शुरू से ही पढ़ने में तेज रहे विजय शेखर ने इसके बाद दिल्ली के एक इंजीनियरिंग कालेज से बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की ।
हिंदी मीडियम से पढ़ाई करने वाले विजय के लिए दिल्ली में इंजीनियरिंग करना आसान काम नहीं था । वहां क्लासरूम में अंग्रेजी में पढ़ाई होती थी तो वहीं हिंदी मीडियम से पढ़कर गए विजय को अंग्रेजी समझने में भी कठिनाई महसूस होती थी और कई बार उन्हें शर्मिंदा भी होना पड़ा । हालांकि इसी जगह से उनकी किस्मत भी बदल गयी ।
हिंदी मीडियम वाले विजय को इंजीनियरिंग में अंग्रेजी में पढ़ाई करना पड़ता था । पढ़ाई के दौरान वह क्लासेस बंक करने लगे और ज्यादातर समय लाइब्रेरी और कम्प्यूटर सेंटर में बिताने लगे । यहां से उन्होंने काफी कुछ सीखा और किताबों से उन्हें प्रेम हो गया । वह एक दिन दरियागंज के किताब मार्केट भी गए जहां सेकेंड हैंड किताबें सस्ते दामों में मिल जाती थीं । वहीं कुछ मैगजीन्स में सिलिकॉन वैली पर लेख छपे थे जिन्हें पढ़कर विजय को भी लगा कि भारत मे भी सिलिकॉन वैली होनी चाहिए ।
कम्प्यूटर सेंटर में बैठे विजय ने एक दिन मार्क एंड्रीसन का इंटरव्यू पढ़ा जिन्होंने नेटस्केप का बिजनेस मॉडल समझाया था । इसके बाद विजय को भी आईडिया आया और उन्होंने दोस्तों के साथ मिलकर कंटेंट मैनेजमेंट वेबसाइट XS कम्युनिकेशन बनाया । 1997 में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने Indiasite.net नामक वेबसाइट बनाई । बाद में इसे लाखों रुपये में बेच दिया । इसके बाद विजय ने कंटेंट प्रोवाइड करवाने वाली कम्पनी one97 communication limited की स्थापना की ।
यह कम्पनी क्रिकेट स्कोर, जोक्स,रिंगटोन्स और एक्जाम रिजल्ट जैसी खबरें प्रोवाइड करवाती थी । बता दें कि तब इंटरनेट सबकी पहुंच में नहीं था और स्मार्टफोन भी चलन में आये नहीं थे ।
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Success Story, पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर बताते हैं कि उनकी कम आय के कारण उनकी शादी नहीं हो रही थी । लड़की वाले उन्हें नापसंद कर देते थे । जब उन्हें पता चलता था कि लड़का 10 हजार महीने कमाता है तो वह दोबारा आते ही नहीं थे । वहीं उनके माता पिता भी चाहते थे कि 30 हजार महीने तक की कोई भी जॉब यदि मिल जाये तो वह उसे करने लगे । विजय बताते हैं कि तब उनके पास पैसे नहीं होते थे और कई बार दोस्तों से उधार लेकर पेट भरना पड़ता था वहीं पैसे बचाने के लिए वह 14 किलोमीटर तक पैदल चला करते थे ।
44 वर्षीय विजय शेखर बताते हैं कि उनके माता पिता को पता ही नहीं था कि उनका बेटा करता क्या है । वह एक वाकया बताते हैं कि एक दिन उनकी माँ एक हिंदी अखबार पढ़ रही थीं जहां भारत के अरबपतियों की लिस्ट दी गयी थी । उसमें विजय का भी नाम था । इसे पढ़कर उनकी मां ने विजय से पूछा था कि क्या वाकई तेरे पास इतना पैसा है । बता दें कि विजय शेखर 2017 में सबसे कम उम्र के अरबपति बने थे । वहीं फोर्ब्स पत्रिका ने पिछले वर्ष उनकी संपत्ति 2.4 अरब डॉलर आंकी थी ।
2010 में विजय शेखर ने paytm की स्थापना की थी । तब paytm मोबाइल रिचार्ज करवाने वाली कम्पनी थी । हालांकि इस कम्पनी ने तीव्र व्रद्धि दर्ज करते हुए जल्द ही सफलता की ऊंचाइयां छुईं और साल 2021 में यह 2.5 अरब डॉलर की कम्पनी बन गयी । बता दें कि इस कम्पनी के लिए साल 2016 में की गई नोटबन्दी टर्निंग प्वाइंट रही जिसने इस कम्पनी का भाग्य चमका दिया ।
2016 के नवम्बर महीने में सरकार द्वारा बड़े नोट बन्द कर दिए जाने के बाद लोगों का अपने ही पैसे निकालने के लिए घण्टों लाइन में लगना पड़ता था । यहीं से सरकार ने ऑनलाइन पेमेंट को बढ़ावा दिया और Paytm की किस्मत खुल गयी । आज paytm के फाउंडर विजय शेखर शर्मा भारत में तमाम लोगों के लिए प्रेरणा हैं ।