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Old Monk Rum: कहानी उस ‘बूढ़े साधु’ की, जिसकी वजह से बनी मशहूर OLD MONK रम

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Old Monk Rum

Old Monk Rum के शौकीन लोगों के बीच OLD MONK की अलग पहचान है। बहुत लोग इसे प्यार से ‘बूढ़ा साधु’ भी कहते हैं। आइए जानते हैं इस रम का नाम कैसे पड़ा “ओल्डमंक”

इस शराब के हैं सभी लोग दीवाने

Old Monk Rum सिर्फ एक शराब नहीं, बल्कि एक एहसास है।अमीर हों या गरीब,सभी वर्ग के लोग इसके दीवाने रहे हैं।यह इतनी सस्ती है कि आम आदमी भी आसानी से खरीद सकता है। यह हिंदुस्तानियों के दिल के इतनी नजदीक है कि हर उम्र और वर्ग प्रशंसक इसे प्यार से ‘बूढ़ा साधु’ कहते हैं। 1954 से लेकर आजतक इसकी लोकप्रियता बरकरार है।इसके प्रशंसक कहते हैं कि इसमें मौजूद वनीला, किशमिश और दूसरे चीजों का स्वाद कुछ ऐसा है कि यह आज भी किसी उम्रदराज शराब प्रेमी को नॉस्टॉलजिक कर दे। इसकी एक घूंट आपको अपनी जवानी याद दिला सकती है।

Old Monk Rum

कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि जैसे डेटॉल शरीर के बाहरी चोटों को ठीक करता है, वैसे ही दिल के अंदरूनी जख्मों पर ओल्ड मंक असर करती है।आश्चर्य की बात ये है कि हद की लोकप्रियता को पाने के लिए  कंपनी ने कभी  विज्ञापनों का सहारा नहीं लिया। सिर्फ ,ओरल पब्लिसिटी के सहारे ओल्ड मंक को बरसों तक भारत में ‘नेशनल ड्रिंक’ का दर्जा मिलता रहा। पचास,और साठ के दशक में जब हरक्यूलिस जैसे रम ब्रांड का जलवा था, तब ओल्ड मंक ने मार्केट में धमाकेदार एंट्री मारी। ओल्ड मंक आर्मी के कैंटीन में भी उपलब्ध था।

एक  दौर वह भी था, जब बार में एलीट क्लास की पसंद कॉस्टली सिंगल मॉल्ट्स के बगल में ओल्ड मंक की खुरदुरी बोतल भी अपनी चमक बिखेरती थी। लेकिन बीते दशक में दूसरी वाइन कंपनियों के  विज्ञापन के वजह से ओल्ड मंक का मार्केट सिमट गया। हालांकि, कुछ पुराने प्रेमियों के दिल में आज भी ओल्ड मंक के लिए वही खास जगह है। 2019 की  कंज्यूमर सर्वे में माना गया कि हाई नेटवर्थ इंडियंस के बीच सबसे लोकप्रिय शराब ब्रांड ओल्ड मंक  है।  इस रम से जुड़े लोगों के  बहुत से अनुभव हैं, जिनको  शब्दों में समेट पाना बहुत मुश्किल है।

कपिल मोहन

Old Monk Rum का जनक कौन है

ओल्ड मंक रम के COMPANY का नाम है मोहन मीकिन लिमिटेड। वर्ष 2018 में जब मोहन मीकिन लिमिटेड के चेयरमैन  रिटायर्ड ब्रिगेडियर कपिल मोहन का निधन हुआ तो लोगों ने उन्हें ही OLD MONK रम का जन्मदाता बताया। जबकि इसके असली जन्मदाता कपिल मोहन नहीं, बल्कि कर्नल वेद रतन मोहन थे। ये राज्यसभा सांसद और 2 बार लखनऊ शहर के मेयर भी रहे। 1969 में अपने पिता नरेंद्र नाथ मोहन से COMPANY की बागडोर लेने वाले कर्नल मोहन ने वर्ष 1954 में OLD MONK रम को लॉन्च किया था।

OLD MONK की प्रेरणा  बेनेडिक्टिन संत से लिया

Old Monk Rum

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कहते हैं कि बेनेडिक्टिन संतों के सम्मान में इस रम का नाम ‘ओल्ड मंक’ रखा गया। ज्ञान शंकर की पुस्तक ‘OLD MONK’ में इसके बारे में कई जानकारी मिलती है। इन संतों की जीवनशैली और पहाड़ों में रहकर बेहतरीन वाइन तैयार करने की तकनीक से वेद रतन बहुत प्रभावित थे। बेनेडिक्टिन मिशनरियां कई यूरोप के देशों में पहुंचीं और उनके साथ पहुंचा शराब बनाने का बेहेतरीन तरीका। कहा जाता है कि शराब निर्माण के क्षेत्र में यूरोप की आज जो लोकप्रियता है, उसमें बहुत बड़ा योगदान इन्हीं बेनेडिक्टिन मंक्स के वजह से है। इंडिया की भी सबसे मशहूर रम की प्रेरणा इन्ही बेनेडिक्टिन संत से ली थी।

Old Monk Rum के बोतल की कहानी  दिलचस्प है

कर्नल मोहन को OLD MONK के उस चौकोर खुरदुरे बॉटल की सोच कहां से आई? कहते हैं कि कर्नल को ओल्ड पार स्कॉच व्हिस्की की बोतल बहुत ज्यादा पसंद थी। मोहन ने ओल्ड मंक रम के लिए भी ऐसी ही बोतल इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। लेकिन इस आकार के बॉटल में उस वक्त रम को पैक करना बहुत मुश्किल था। दूसरी तरफ ओल्ड पार के निर्माताओं ने मोहन मीकीन को बोतल के मुद्दे को लेकर उन्हें कोर्ट में घसीटा।

Old Monk Rum

कोर्ट के फैसले के बाद में दोनों कंपनियां इस बात पर सहमत हुईं कि, ओल्ड पार गहरे रंग के बोतल में वाइन बेचना जारी रखेगी, जबकि ओल्ड मंक ट्रांसपेरेंट यानी आर पार दिखने वाली शीशे  बोतल में बेचेगी। मोहन मीकिन ओल्ड मंक रम के लिए आज भी यही बॉटल का प्रयोग कर रही है। ओल्ड मंक की बोतल पर छपे गोलमटोल से शख्स का जो फोटो है, वह हंसता हुआ चेहरा एचजी मीकिन का है, जिन्होंने एक अंग्रेज से इस वाइन COMPANY को खरीदा था।

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