Sri Lanka Crisis: श्रीलंका में जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा । कभी शांति के लिए जाना जाने वाला यह छोटा सा पड़ोसी देश आजकल बुरी स्थितियों में फंसा हुआ है । श्रीलंकाई सरकारों की लचर नीतियों और कोविड-19 की मार से यह देश ऐसे जाल में फंसा कि अब तक वह इससे निकलने का रास्ता नहीं खोज पा रहा । आर्थिक रूप से बुरी तरह से चरमराई अर्थव्यवस्था, जरूरी चीजों की बेतहाशा कमी ,सरकार के कुप्रबंधन और विदेशी कर्ज में फंसे इस देश की आजकल दयनीय स्थिति है । देश मे आपातकाल लगा हुआ है । सड़कों पर जनता एक दूसरे के खिलाफ संघर्ष कर रही है।
न बिजली है न डीजल-पेट्रोल, गैस। खाने के भी लाले पड़े हुए हैं । सरकार से कोई उम्मीद जनता को रही नहीं। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे इस्तीफा देकर अपने कर्तव्यों से मुक्त हो चुके हैं । ये अलग बात है कि पद में रहते हुए भी वह देश को इस संकट से निजात नहीं दिला सके हैं। यही कारण है कि श्रीलंकाई राजनीति में प्रभावशाली शख्सियत रहे महिंदा राजपक्षे इस वक्त जनता के सबसे बड़े विलेन बने हुए हैं ।
इस पोस्ट में
सोमवार को महिंदा राजपक्षे के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देते ही बड़े पैमाने पर हिंसा भड़क गई है । महिंदा राजपक्षे समर्थक और विरोधी सड़कों पर एक- दूसरे के खिलाफ उतर आए हैं । घोषित कर्फ्यू लगे होने के बावजूद कल रात पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आवास को उग्र भीड़ ने घेर लिया । मुख्य गेट को तोड़ कर अंदर खड़े वाहनों में आग लगा दी ।
जवाब में पूर्व प्रधानमंत्री आवास की सुरक्षा में तैनात सेना और पुलिस के जवानों ने उग्र भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे और हवाई फायरिंग भी की । AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इन प्रदर्शनों में कई लोगों के घायल होने की खबर है । महिंदा के गांव मेदा मुलाना में भी उग्र प्रदर्शकारियों ने राजपक्षे संग्रहालय पर तोड़फोड़ की । इस विवादित संग्रहालय में रखे महिंदा राजपक्षे के माता-पिता के मोम के पुतले को तोड़कर नष्ट कर दिया गया ।
वहीं महिंदा राजपक्षे के निर्वाचन क्षेत्र हम्बनटोटा स्थित उनके घर पर भी भीड़ ने हमला किया। बता दें कि श्रीलंका में आजादी के बाद से आये इस सबसे बड़े संकट का दोषी श्रीलंकाई जनता राजपक्षे परिवार को ही मानती है । प्रधानमंत्री के बाद अब राष्ट्रपति पद में काबिज महिंदा के छोटे भाई गोतबया राजपक्षे के इस्तीफे की भी मांग तेज हो गयी है ।
राजपक्षे सरकार से ऊबी जनता अब उग्र हो गयी है । देश को इस स्थिति में पहुंचाने का जिम्मेदार राजपक्षे परिवार को मान रही जनता अब हिंसक प्रदर्शनों के जरिये आक्रोश प्रदर्शित कर रही है । श्रीलंकाई मीडिया के अनुसार कल रात सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे कई नेताओं के घरों को निशाना बनाया गया ।
सत्ताधारी दल श्रीलंका पोदुजना पेरुमना (SLPP) के पुट्टलम जिले से विधायक सनथ निशांत के घर पर भी उग्र भीड़ ने हमला किया और घर को आग लगा दी।
प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफा देते ही अब सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है । कल सोमवार को अपना इस्तीफा सौंपते हुए महिंदा राजपक्षे ने कहा-
” मैं सर्वदलीय अंतरिम सरकार के गठन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूँ। मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि मैंने तत्काल प्रभाव से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है. ये छह मई को हुई कैबिनेट की विशेष बैठक में आपके अनुरोध के अनुरूप है, जिसमें आपने कहा था कि आप एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार बनाना चाहते हैं। मैं देश के भले के लिए पद छोड़ रहा हूँ । आशा है कि नई सरकार देश मे जारी संकट को खत्म करने के लिए काम करेगी । ”
बता दें कि श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल ने दबाव बनाकर राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे की मांग की थी।
श्रीलंका में जारी आर्थिक और राजनीतिक गतिरोध को लेकर अमेरिका ने चिंता जाहिर की है । श्रीलंका में अमेरिका के राजदूत द्वारा ट्वीट करते हुए कहा गया है कि अमेरिका श्रीलंका के हालातों पर करीब से नजर रखे हुए है। ट्वीट में प्रदर्शकारियों और सरकार के बीच हो रही झड़प और हिंसक वारदातों को लेकर भी चिंता जाहिर की गई है । अमेरिका ने श्रीलंकाई जनता से हिंसा न करने और देश को इस विषम परिस्थिति से निकालने में सरकार की मदद करने का आह्वान किया है ।
कितने अच्छा गा-गा कर और डांस करके ये मैडम बच्चों को पढ़ती हैं
आधुनिक दुनिया में मोबाइल प्रौद्योगिकी की परिभाषा..
राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे ने देश के नागरिकों से हिंसा प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी नहीं करने का अनुरोध किया है । उन्होंने कहा-
” मैं लोगों द्वारा हिंसा, आगजनी,तोड़फोड़ करने की कड़े शब्दों में निंदा करता हूँ। जो लोग भी इस तरह की देश विरोधी घटनाओं में शामिल हैं उनसे आग्रह है कि देश को शांतिपूर्ण स्थिति में लाने में मदद करें । हिंसा किसी भी चीज का हल नहीं है । मैं सभी नागरिकों से शांत रहने की अपील करता हूँ और लोगों से आग्रह करता हूँ कि वह देश को इन कठिन हालातों से निकालने के प्रयास करें। “
बता दें कि राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे पर भी इस्तीफा देने का दबाव है । सड़कों पर प्रदर्शन कर रही जनता राष्ट्रपति के इस्तीफे की भी मांग कर रही है ।