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Solar Stove For Cooking: नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) कालीकट ने एलपीजी की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने का एक वेहतरीन उपाए खोज निकाला है। संस्थान ने ऐसा चूल्हा बनाया है, जो सौर ऊर्जा से चलेगा , साथ ही आपके बजट में आने वाला है और एलपीजी की बढ़ती कीमतों से भी राहत दिलाने वाला है ये सोलर पैनल स्टोव।
देश में एलपीजी की बढ़ती कीमतों के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है , राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ( NIT ) कालीकट ने सौर ऊर्जा से चलने वाला स्टोव विकसित किया है , इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग, एनआईटी कालीकट (एनआईटीसी) के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस सौर स्टोव की लागत बहुत कम है और साथ ही एलपीजी स्टोव की तुलना में इसका उपयोग करना भी काफी आसान है।
रिपोर्ट की माने तो सोलर स्टोव बनाने वाली टीम का नेतृत्व प्रोफेसर एस.एन. , अध्यक्ष , एनआईटी कालीकट कर रहे हैं। आपको बता दे की इससे पहले इसका नेतृत्व प्रो. एस. अशोक कर रहे थे। संस्थान के औद्योगिक ऊर्जा अनुसंधान प्रयोगशालाओं में ‘स्मार्ट सोलर स्टोव’ का परीक्षण किया गया है। कुछ घरों और रेहड़ी-पटरी वालों द्वारा वास्तविक सेटिंग्स में उपकरण का परीक्षण करने के लिए तथा उपयोग के लिए सौर स्टोव प्रदान किए गए थे। डेवलपर्स का कहना है कि परिणाम दिखाते हैं कि यह दोनों सेटिंग्स में बेहतर काम करता है। उन्हें विश्वास है कि ‘स्मार्ट सोलर स्टोव बाजार में सस्ती कीमतों पर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
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स्टोव दो मॉडलों में पेश किया जाता है , सिंगल और डबल स्टोव उत्पादों को बिना किसी बिजली आपूर्ति के सीधे सौर ऊर्जा से इस्तेमाल किया जा सकता है। और रिपोर्ट की माने तो यह घर में खाना पकाने के लिए उपयुक्त है। यह मॉडल उन लोगों के लिए भी उपयुक्त है जो सड़क किनारे खाना बनाते और बेचते हैं। इस चूल्हे के सोलर पैनल सड़क किनारे प्रतिष्ठानों की छत पर लगाए जा सकते हैं। इस प्रोडक्ट की खास बात यह है कि इससे घर का अंधेरा भी दूर होगा ,
इसमें लगी एलईडी घर को रोशन करेगी। सोलर पैनल वाले सिंगल स्टोव की कीमत करीब 10 हजार रुपए है, जबकि डबल स्टोव 15 हजार में मिलने वाली है। दूसरे मॉडल में कंट्रोल पैनल के साथ बैटरी भी मिलती है। यानी यह सूर्य की किरणों से चार्ज होगा और बाद में भी आप इसे किसी भी समय इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको बता दें की बैटरी वाले एक चूल्हे की कीमत करीब 15 हजार है।
स्टोव डेवलपर्स का कहना है कि इस चूल्हे से प्रदूषण का खतरा भी बहुत कम होता है। यह न तो धुआं उत्सर्जित करता है और न ही कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस स्मार्ट सोलर स्टोव का उपयोग करके एक परिवार अपने वार्षिक खर्च में लगभग 12,000 रुपये बचा सकता है। इस स्टोव का टच पैड बिल्कुल इंडक्शन कुकर की तरह ही होता है, लेकिन इसमें रेडिएशन का कोई खतरा नहीं होता है,
इसलिए यह बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए भी सुरक्षित है। इस सोलर स्टोव को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने आर्थिक मदद की है। डेवलपर्स का कहना है कि इस सोलर स्टोव की तकनीक को बड़े पैमाने पर बनाने के लिए कई कंपनियों ने NITC से संपर्क भी स्थापित किया है।