Sawang Janpram: 102 साल के दादा जी ने कर दिखाया कमाल, 27.08 सेकेंड पूरी की 100 मीटर की दौड़ ,  बनाया दिया रिकॉर्ड

Published by
Sawang Janpram

Sawang Janpram: हमारी उम्र एक संख्या, गिनती से बढ़कर कुछ नहीं है। दुनिया के कई लोगों ने इस बात को वक़्त-बेवक़्त साबित दिखाया है। यदि सीने में आग हो और हमारी इच्छाशक्ति दृढ़ हो तो इंसान नामुमकिन को भी मुमकिन कर सकता है। अपने लक्ष्य को हासिल करने में उम्र भी रुकावट नहीं बनती। थाईलैंड के सौ साल के एक शख़्स ने एक बार फिर इस कथन को साबित कर दिखाया है।

हम से तो सुबह उठना भी सबसे कठिन काम होता है। बड़ा ही मन मारकर हम वर्कआउट करने की आदत भी बनाते हैं। आज इस लेख में हम सभी लोगों को प्रेरित करेगी, 102 साल के सवांग जानप्राम (Sawang Janpram) की अनोखी कहानी।

27.08 सेकेंड में पूरी कर ली 100 मीटर दौड़

102 साल के सवांग ने एक वाकई काबिले तारीफ रिकॉर्ड बना दिया है जिसे देखकर हर एथलीट को गर्व महसूस होगा। सवांग ने महज 27.08 सेकेंड में 100 मीटर की दौड़ पूरी कर ली है। सवांग ने थाईलैंड के सामुत सोन्गख्राम क्षेत्र में ये रिकॉर्ड बना लिया है।

थाईलैंड में अपने ही एज ग्रुप में रच दिया इतिहास

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 102 साल के दादाजी ने 100-105 साल की कैटेगरी में सभी गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिए हैं। इतना ही नहीं ये रिकॉर्ड सवांग का पर्सनल बेस्ट भी है। सवांग 100 मीटर दौड़ के अलावा जैवलीन, डिस्कस थ्रो जैसे खेलों में भी हिस्सा लेते रहते हैं।  वार्षिक थाईलैंड मास्टर एथलीट्स चैंपियनशिप्स में भी उन्होंने चार बार हिस्सा लिया है।

जानिए इस उम्र में भी चुस्ती और फ़ुर्ती का राज़?

Sawang Janpram

सवांग के दौड़ के वीडियो देखकर हमारे दिमाग़ में ये सवाल आता है कि आख़िर इस उम्र के इस पड़ाव में भी वे इतने चुस्त और दुरुस्त कैसे हैं? सवांग ने यह बताया है कि स्पोर्ट्स ने ही उन्हें इस कदर स्ट्रॉन्ग बना दिया है। सवांग ने कहा कि एक्सरसाइज़ करने से हमारी भूख बढ़ती है और हम अच्छा खाना खाते हैं। सवांग ने इसी को अपनी लंबी उम्र का राज़ कहा है।

जब तक योगी जी शपथ नहीं लेंगे ये कुछ खाएंगे नहीं, इनको शक है कि योगी जी मुख्यमत्रीं नहीं बनेंगे

जानें कौन है लाभ सिंह उगोके, जिन्होंने हराया पंजाब के सीएम को

रेस के लिए सवांग क्या तैयारी करते हैं

सवांग हर रोज ही अपनी 70 साल की बेटी के साथ वॉक पर जाते हैं। इसके साथ ही वो घर के छोटे-मोटे काम, बागीचे से पत्ते, झाड़ू करना आदि काम करते रहते हैं। साथ ही खेलों से पहले वे अपनी बेटी के साथ ही स्टेडियम में जाकर ट्रेनिंग भी करते थे।

सवांग हम सभी लोगों के लिए प्रेरणा हैं। अगर सोच में शक्ति शामिल हो तो हम भी किसी भी मकाम को हासिल कर सकते हैं।

Sawang Janpram

Recent Posts