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Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के युद्ध से गेहूं की कीमतों में आया उछाल, भारत ने लगाई निर्यात पर रोक..

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Russia Ukraine War

देश के अंदर बड़ी गेहूं की कीमतें जानिए इसके बारे में सरकार ने क्या कहा

Russia Ukraine War: गेहूं को प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है जिसके बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गेहूं की खरीद को लेकर सरकार पर हमला बोला है उन्होंने कहा है कि आम जनता की थाली पर आटा माफिया का गैरकानूनी कब्जा हो रहा है “बुलडोजर तैयार है ना” अखिलेश यादव ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा गेहूं की सरकारी खरीद की जगह उद्योगपतियों को गेहूं बिकवाने के पीछे बीजेपी सरकार की मंशा यह है कि गरीब तक अनाज ही ना पहुंचे,

सरकार गेहूं खरीदी धांधली की मुनादी कब पिटवा रही है। दरअसल गेहूं की बढ़ती कीमतों के बाद केंद्र सरकार ने शनिवार से गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से बैन लगा दिया गया।सरकार की तरफ से कहा गया कि देश के खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर से की तरफ से यह कदम उठाया गया है ।

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पड़ोसी देश का भी रखना है ख्याल

साथ ही पड़ोसी देश के समर्थन करने और उनकी खाद्य सुरक्षा को पूरा करने के लिए जरूरी था ।हालांकि जरूरतमंद देश और जिन देशों को पहले ही गेहूं के निर्यात की अनुमति दी जा चुकी है उन्हें इसका निर्यात जारी रहेगा। विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने 13 मई को जारी अधिसूचना में कहा जिस तारीख से पहले जिस खेत के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र यानी एलओसी जारी किए गए हैं उनके निर्यात की अनुमति होगी।

गौरतलब है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग के चलते पूरी दुनिया में गेहूँ की कीमतों में जोरदार इजाफा हुआ है। भारत में भी घरेलू स्तर पर गेहूं की कीमत बढ़ी है। राज्य में सरकारी खरीद की प्रक्रिया काफी धीमी है लक्ष्य से काफी कम की खरीदारी हुई है। इस बात पर  चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि चुनाव के बाद रोजमर्रा के इस्तेमाल का हर समय महंगा होने के कारण आम आदमी के लिए गुजर-बसर करना बेहद मुश्किल हो गया है। देश और प्रदेश की स्थिति से बीजेपी की सरकार की गरीब और किसान हितैषी होने के झूठे दावों की पोल खुल गई है ।

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Russia Ukraine War से गेहूं की कीमतों पर पड़ा असर

विदेशी व्यापार महानिदेशालय ने नोटिफिकेशन में कहा है कि कई कारणों से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गेहूं की कीमतें अचानक तेजी आई है। इस कारण भारत के साथ-साथ पड़ोसी देशों और अन्य देशों की खाद्य सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है जिसके चलते सरकार को गेहूं का निर्यात रोकने पड़ रहा है। गेहूं की लगातार बढ़ती कीमतों को देखते हुए सरकार को इसके निर्यात पर राष्ट्रद्रोह तक लगानी पड़ी है।

तेल की कीमतें पहले ही आग लगा चुकी है गाड़ी में डालने वाला हो या खाने वाला दोनों की कीमत आसमान पर है। खाने पीने की कई चीजों के दामों में उछाल है। रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ा दिया है।लोगों के मन में एक ही सवाल है क्या सरकार आसमान छूती महंगाई से निजात नहीं दिला सकती? पर रोक लगा दी के बढ़ते दामों को लेकर सरकार गंभीर है और युद्ध उठने के बाद पूरी दुनिया में गेहूं के दाम बढ़े है।

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सरकार ने नागरिकों और पड़ोसी देशों की खाद्य सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।  युद्ध से जुड़ी एक बड़ी खबर आई कि सरकार ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगा दी है क्योंकि जब से यूक्रेन और रूस का युद्ध चल रहा है पूरी दुनिया में गेहूं के दाम बढ़े हैं ।

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भारत ने कहा, जल्द सुधरेंगे हालात

भारत ने एक फैसला लिया और गेहूं के निर्यात पर भारत ने रोक लगा दी जो आपको बताते हैं कि आखिर गेहूं एक्सपोर्ट रोकने का फैसला क्यों लिया गया ।फिर कौन से कारण थे जिसकी वजह से तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया। क्योंकि दुनिया भर में गेहूं की बढ़ती कीमत के बाद यह फैसला लिया गया है जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से गेहूं के दाम बढ़े हैं गेहूं की मांग ज्यादा होने की वजह से और ज्यादा तेजी आई है।

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