Rishi Sunak Family India Connection: कभी ब्रिटेन का भारत पर शासन चला था। आज भारतवंशी ऋषि सुनक (Conservative Party MP Rishi Sunak) वहां के प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने (UK PM Rishi Sunak) ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और अमेरिका के स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी जैसे दुनिया के नामचीन संस्थानों से शिक्षा हासिल की हुई है। ऋषि (Rishi Sunak win pm race) भारतीय मूल के ब्रिटेन के पहले प्रधानमंत्री है।
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ऋषि सुनक पर हर किसी को गर्व है। सबसे ख़ास बात तो ये है कि ऋषि सुनक के दुनिया के पावर सेंटर तक पहुंचने की यात्रा एक दिन या महीने की नहीं बल्कि कई सालों और पीढ़ियों के संघर्ष की कहानी है। तकरीबन 90 साल जब भारत का बंटवारा नहीं हुआ था तब इस यात्रा की शुरुआत पंजाब से हुई और अब ये यात्रा उस जगह पूरी हो रही है जहाँ के लोगों ने कई सालों तक हमारे देश पर राज किया था। ये जगह है 10 डाउनिंग स्ट्रीट, यानी ब्रिटेन के पीएम का आधिकारिक आवास है जहाँ से अब ऋषि राज की शुरुआत होगी।
मूल पंजाब का ये परिवार कई दशकों तक भ्रमण करता रहाथा। अच्छी जिंदगी की तलाश में एशिया से अफ्रीका और फिर यूरोप। इन तीनों महादेशों की सफर में सुनक परिवार की 3 पीढ़ियां तक गुज़र गई तब कहीं जाकर यहाँ ऋषि राज की शुरुआत हुई और भारतीय मूल के ऋषि (Rishi sunak family india connection) को प्रधानमंत्री का ताज पहनाया गया।
ये बात क़रीब 90 साल पहले की है तब भारत का बंटवारा भी नहीं हुआ था। 1935 के आस पासभारत के पंजाब प्रांत के गुजरांवाला से एक खत्री युवा रोजगार की तलाश में सात समंदर पार अपना संसार बसाने के लिए के लिए अपना बोरिया-बिस्तर समेट रहा था। खत्री पंजाब का वो समुदाय है जिसका कारोबार में कभी कोई भी दखल नहीं रहा है, ये परिवार उस समय बही-खातें संभालने और क्लर्क का काम करता था।
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ऋषि सुनक (rishi sunak family) के दादा रामदास सुनक का अफ्रीकी महादेश में बसे छोटा से देश केन्या की राजधानी नैरोबी पहुंचे तो यहां भी उनका पुश्तैनी कौशल उनके काम आया और उन्हें क्लर्क की ज़िम्मेदारी सौंपी गई। ऋषि सुनक के दादा रामदास सुनक और दादी सुहाग देवी के तीन बेटे और तीन बेटियां थे। साल 1949 में ऋषि सुनक के पिता का जन्म हुआ तब रामदास सुनक ब्रिटेन पहुँच गए।
ऋषि सुनक (Rishi sunak family india connection) के नाना रघुवीर बेरी भी पंजाब के ही रहने वाले हैं। वो रेलवे इंजीनियर थे, लेकिन करियर की तलाश में वो तंजानिया गए। सुनक की नानी सरक्षा के साथ ये परिवार ब्रिटेन चला गया। सरक्षा और रघुवीर बेरी के तीन बच्चे हुए और इन्हीं में से एक थी ऊषा सुनक थी जिन्होंने ब्रिटेन में फार्मासिस्ट की डिग्री हासिल कीथी।
ब्रिटेन में ब्रिटिश सरकार के राजस्व विभाग में काम करने करते हुए रघुबीर बेरी को ब्रिटिश सरकार द्वारा सम्मानित किया गया और वे ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश अम्पायर के सदस्य भी चुने गए थे।