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Reserve Bank of India: बैंकों ने आपकी EMI कितनी बढ़ाई, क्या असर पड़ेगा इसका आम आदमी पर

Reserve Bank of India

Reserve Bank of India: आरबीआई(RBI) की रेपो रेट (Repo rate) बढ़ाने के 24 घंटे के भीतर ही बैंकों ने भी अपने रेट बढ़ाने का सिलसिला शुरू कर दिया है कई बड़े बैंकों ने अपने दरों में इजाफा करना शुरू कर दिया है।

किस बैंक ने कितने फीसदी किया रेट में इजाफा

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आईसीआईसीआई बैंक (ICICI BANK) ने एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट में 0.40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। अब आईसीआईसीआई बैंक का एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट 8.1 फ़ीसदी हो गया है। ऐसे ही बैंक ऑफ बड़ौदा(BANK OF BARODA) ने रेपो रेट लेंडिंग रेट में 0.40 प्रतिशत का इजाफा किया है। बैंक ऑफ बड़ौदा का अब रेपो रेट लेंडिंग रेट 6.9 फ़ीसदी हो गया है। एचडीएफसी बैंक (HDFC BANK) ने भी रिटेल पॉइंट लेंडिंग रेट यानी आरपीएलआर(RPLR) में 0.50 प्रतिशत बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है। इससे एचडीएफसी का आरपीएलआर अब 6.75 फ़ीसदी हो गया है।

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होम लोन, कार लोन, बिजनेस लोन और पर्सनल लोन होंगे महंगे

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एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट, रेपो रेट लेंडिंग रेट, रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट भले ही तीनों का नाम अलग-अलग है लेकिन यह वह रेट है, जिन पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन (Loan) देते हैं। अभी 3 बड़े बैंकों ने रेट में इजाफा किया है। धीरे-धीरे सभी बैंक्स अपने दरों में इजाफा कर देंगे। अब से कार लोन, होम लोन, पर्सनल लोन, बिजनेस लोन महंगा हो जाएगा और आगे भी बैंक, दरों में और इजाफा कर सकते हैं। क्योंकि बैंकिंग एक्सपर्ट्स की माने तो रेपो रेट में 40 बेसिस अंको की बढ़ोतरी का मतलब है कि बैंक अपनी दरों में 60 से 70 बेसिस अंको का इजाफा कर सकते हैं।

इसकी वजह यह है कि Reserve Bank of India ने सीआरआर (CRR) भी 0.5 फीसदी बढ़ाकर 4.5 फीसदी कर दिया है। सीआरआर यानी कैश रिजर्व रेश्यो (Cash Reserve Ratio) का मतलब है कि बैंक को अपनी इतनी नकदी आरबीआई के पास सुरक्षित रखनी होगी जिस पर किसी तरह का ब्याज नहीं मिलता है। अब बैंक के पास कर (Tax) देने के लिए कम रकम होगी तो बैंकों की लागत बढ़ जाएगी यानी बैंकों की कॉस्ट ऑफ फंडिंग (Cost of Funding) बढ़ जाएगी जिससे उन्हें लोन ज्यादा महंगा करना होगा।

कितना बढ़ेगा और रेट बढ़ने पर क्या पड़ेगा असर

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एक अनुमान के मुताबिक सीआरआर बढ़ने से बैंकों का 87,000 करोड़ों रुपए आरबीआई के पास चला जाएगा और इस रकम पर बैंकों को ब्याज भी नहीं मिलेगा। अगर बैंक भी 40 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा करते हैं तो आइए देखते हैं आपकी ईएमआई (EMI) कितनी बढ़ जाएगी।

अगर आपने 20 साल के लिए 20लाख रुपए का होम लोन ले रखा है तो अभी आपकी ईएमआई 15,148 रुपए होगी। लेकिन रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद 15,626 हो जाएगी यानी हर महीने ₹478 का बोझ बढ़ जाएगा।

अगर आपने 20 साल के लिए 30लाख का होम लोन ले रखा है और अभी ₹22,722 ईएमआई चुकाते हैं। तो बढ़ोतरी के बाद 23,439 चुकाने होंगे यानी हर महीना₹717 का बोझ बढ़ेगा।

अगर अपने 40लाख रुपए का लोन ले रखा है और आपको ₹30,296 की ईएमआई देनी होती है। तो बढ़ोतरी के बाद₹31,253 चुकाने पड़ेंगे यानी हर महीने ₹957 की बढ़ोतरी।

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ऐसे ही अगर आपने 5 साल के लिए ₹5 लाख का कार लोन ले रखा है तो अभी आपको ₹10,380 की ईएमआई चुकानी होती है। बढ़ोतरी के बाद ₹10,477 देने पड़ेंगे यानी ₹97 महीने का बोझ बढ़ जाएगा।

अगर किसी ने 5 साल के लिए 10 लाख रुपए का कार लोन लिया है तो अभी ₹20,758 की ईएमआई जा रही है। रेट बढ़ने के बाद ₹20,953 चुकाने होंगे यानी ₹195 का बोझ बढ़ जाएगा।

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आम आदमी पर इसका क्या असर देखने को मिलेगा

आरबीआई ने महंगाई को काबू करने के लिए ऐसा एक्शन लिया है। इससे आम आदमी पर महंगे कर्ज का बोझ बढ़ जाएगा। खास बात यह है कि जिस महंगाई को थामने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं। उसके बावजूद महंगाई कम होने के आसार नहीं है। इससे केवल महंगाई बढ़ने की रफ्तार धीमी होगी यानी लोगों को जल्द महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।

CHANDRA PRAKASH YADAV

Why So Serious??

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