Ravish Kumar: रविवार को भारत के चर्चित पत्रकार और NDTV इंडिया न्यूज चैनल के एंकर रवीश कुमार पर बनी डॉक्युमेंट्री फ़िल्म का प्रदर्शन कनाडा में हुआ । टोरंटो में चल रहे इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल-2022(TIFF-22) में बहुचर्चित पत्रकार रवीश कुमार पर बनी डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई । करीब 500 लोगों से भरे खचाखच हाल में इस डॉक्युमेंट्री फ़िल्म को देखने के बाद लोगों का रिएक्शन कैसा रहा है हम इस आर्टिकल में जानेंगे ।
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विनय शुक्ला द्वारा बनाई गई इस डॉक्युमेंट्री की काफी समय से चर्चा हो रही थी वहीं कनाडा के टोरंटो में चल रहे इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल के पहले दिन स्थानीय समयानुसार शाम करीब 6 बजे इस फ़िल्म का प्रीमियर दिखाया गया । भारतीय समयानुसार सुबह करीब 3 बजे दिखाए गए इस फ़िल्म के प्रीमियर को देखने दुनियाभर के कई देशों के लोग आए हुए थे । इसी दौरान एक भारतीय व्यक्ति ने इस फ़िल्म को देखते हुए अपना अनुभव साझा किया है ।
शम्भूनाथ शुक्ला नाम के एक भारतीय दर्शक ने अपना अनुभव साझा करते हुए लिखा है कि टोरंटो के फ़िल्म फेस्टिवल में विनय शुक्ला द्वारा बनाई गई डॉक्युमेंट्री ” नमस्कार मैं रवीश कुमार” देख कर आया । यह फ़िल्म डाउन टाउन में यूनिवर्सिटी एवेन्यू स्थित Scotiabank के थियेटरों में यह फ़िल्म दिखाई जा रही थी । उन्होंने बताया कि यहां कई फिल्में दिखाई जा रही थीं । हमारी फ़िल्म हाल नम्बर 8 पर चल रही थी जब हम पहुंचे तब आगे की सीटें पूरी भरी हुई थीं लेकिन जब हमने ध्यान से देखा तो 500 लोगों की क्षमता वाला हाल खचाखच भरा हुआ था ।
उन्होंने बताया कि शाम 6.05 पर यह फ़िल्म शुरू हुई और 100 मिनट की यह फ़िल्म 7.45 पर खत्म हुई । उन्होंने बताया कि यह फ़िल्म अद्भुत और लाजवाब है ।
उन्होंने फिल्म देखने के बाद का अनुभव बताते हुए कहा कि हम जब हाल से बाहर निकले तो डायरेक्टर विनय शुक्ला से सवाल- जवाब किये ।
दर्शक शम्भूनाथ शुक्ला ने बताया कि कल शाम जब हम टोरंटो डाउन टाउन के scotia बिल्डिंग पहुंचे तो वहां पहले से ही बहुत भीड़ थी । सबकी तरह हम भी लाइन में लग गए । इसी बीच फ़िल्म का समय होता देख हमने मैनेजर से बात की तो उन्होंने हमें जल्दी अंदर पहुंचवा दिया । उन्होंने बताया हाल में सन्नाटा था और हाल पूरा भरा हुआ था जिसके बाद मजबूरी में हम आगे की पंक्ति में बैठे ।
उन्होंने बताया कि जब हमने हाल में देखा तो चीनी, जापानी, अफ्रीकी, गोरों के अलावा हिंदी-पाकी लोग भी मौजूद थे । कुछ देर बाद हाल की लाइट बुझ गईं और कुछ ad के बाद एकदम से आवाज उभरी- नमस्कार मैं Ravish Kumar … उन्होंने बताया कि ऐसा लगा जैसे कानों में किसी ने रस घोल दिया हो, गोरों के देश मे हिंदी जो सुनने को मिल रही थी ।
दर्शक ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि फ़िल्म में NDTV का ग्रेटर कैलाश स्थित ऑफिस दिखा , प्रियदर्शन, निधि कुलपति, सुशील मोहपात्रा और सुशील बहुगुणा दिखे । उन्होंने बताया कि यह फ़िल्म 2014 से 2019 के बीच के समय की है । देश मे न रोजगार की बात न लोक कल्याण की बस हो रहा है तो मोदी के राष्ट्रवाद की जय । और ये करते दिख रहे हैं अमीश देवगन, सुधीर चौधरी, अर्नब गोस्वामी और तमाम एंकर्स ।
वहीं रोजगार की बात करने वाले रवीश कुमार को गालियां मिल रही हैं , कोई भी उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकियां दे रहा है । ऐसे में रवीश धमकियों की परवाह नहीं करते और धमकी देने वाले के फोन पर ही मजे लेते हैं ।
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वह उससे कहते हैं कि अगर तुम देशभक्त हो तो “सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा” सुनाओ। इस बीच वह 2 लाइन भी नहीं सुना पाता । फ़िल्म में पहलू खान और नोएडा की घटना पर सौरभ शुक्ला उन लोगों से बात करते हैं जिन्होंने गाय का मांस रखने के आरोप में इसहाक को मार देते हैं। वहीं इस फ़िल्म में NDTV के निदेशक प्रणब राय और उनकी पत्नी के खिलाफ छापे और NDTV के स्टाफ का भविष्य के प्रति दिख रहे भय को चित्रित किया गया है ।
उन्होंने बताया कि फ़िल्म के डायरेक्टर विनय शुक्ला ने इस फ़िल्म में बारीक से बारीक चीज का भी ध्यान रखा है । उन्होंने बताया कि फ़िल्म जब खत्म हुई तो करीब 5 मिनट तक तालियां बजती रहीं। उन्होंने कहा कि हम फ़िल्म देखने के बाद 72 किलोमीटर की यात्रा कर घर वापस आ गए ।
वहीं अपने ऊपर बनी डॉक्युमेंट्री फ़िल्म WHILE WE WATCHED के टोरंटो में दिखाए गए प्रीमियर पर Ravish Kumar ने प्रतिक्रिया दी है । उन्होने फ़िल्म के डायरेक्टर विनय शुक्ला की तारीफ करते हुए इसे साहसिक कदम बताया है । उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही यह डॉक्युमेंट्री भारत के सिनेमाघरों में भी प्रदर्शित की जाएगी ।