RBI: बैंक हमारी जिंदगी में बड़ी भूमिका निभाते हैं जहां हम अपनी बचत बैंक में बचा कर रखते हैं ताकि मुश्किल समय मे हमे सहारा मिल सके । अक्सर हम सबका ही किसी न किसी बैंक में खाता होता है जहां हम पैसे जमा करते और निकालते हैं । ऐसे में अगर हमें पता चले कि जिस बैंक में हमारा खाता है वो बन्द कर दी गयी है और जो पैसा हमने बैंक में जमा कर रखा है वो भी डूब चुका है तो हमें गहरा आघात पहुंचेगा ।
ऐसा ही कुछ केंद्रीय बैंक आरबीआई ने एक बैंक के लिए किया है । आरबीआई ने बड़ा कदम उठाते हुए इस को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है । वहीं ग्राहकों के फंसी जमापूंजी भी अधर में लटक गई है और उसके वापस मिलने की संभावना हाल फिलहाल नजर नहीं आ रही है । ऐसे में आप भी चेक कर लें कि कहीं आपका खाता भी तो इसी बैंक में नहीं था !
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हाल ही में केंद्रीय बैंक ने सख्ती दिखाते हुए कर्नाटक के जाने माने बैंक डेक्कन अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक को बन्द करने का फैसला किया है । आरबीआई ने 18 अगस्त 2022 को डेक्कन अर्बन का लाइसेंस रद्द कर दिया । यही नहीं आरबीआई ने सख्त रुख अपनाते हुए इस बैंक के रजिस्ट्रार को पूरा लेखा जोखा उपलब्ध कराने को कहा है । बता दें कि केंद्रीय बैंक ने इस बैंक के रजिस्ट्रार को बैंक में जितनी भी पूंजी है उसका मैनेज करने के लिए कहा है । इसके लिए आरबीआई ने एक अधिकारी को बतौर पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया है ।
आरबीआई को इस बैंक को बंद करने का फैसला मजबूरी में लेना पड़ा । बता दें कि कर्नाटक में चलने वाले डेक्कन अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की कमाई का कोई साधन नहीं बचा था । इसके अलावा बैंक घाटे में चल रहा था और उसकी आर्थिक हालत चिंताजनक थी । इस बैंक की हालत ये हो गयी थी कि इसमें जिन लोगों ने पैसे डिपाजिट कर रखे थे उन्हें पैसे देने जे लिए भी बैंक के पास पूंजी नहीं बची थी । यही कारण है कि 2 दिन पहले देश की केंद्रीय बैंक को इस बैंक का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लेना पड़ा ।
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RBI द्वारा डेक्कन अर्बन बैंक का लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ग्राहकों के हित को लेकर है । जहां ग्राहकों की रकम अधर में फंस गयी है वहीं आपको बता दें कि आरबीआई द्वारा लाइसेंस रद्द किए जाने के बाद अब इस बैंक के ग्राहक न तो पैसे निकाल पाएंगे न ही जमा कर पाएंगे । बता दें कि आरबीआई ने यह कार्यवाही बैंकिंग अधिनियम,1949 की धारा 56, धारा 11(1), धारा 22(3) D को बैंक द्वारा फॉलो न किये जाने के कारण की है । यही नहीं इसके अलावा आरबीआई ने अन्य बैंकिंग धाराओं जैसे 22(3)A, 22(3) B, 22(3) C, 22(3) D, 22(3) E का पालन न करने के कारण की है ।
डेक्कन बैंक के नियमों के अनुसार जिन ग्राहकों का 5 लाख रुपये तक बैंक में जमा है उन्हें बैंक के नियमों के अनुसार इंश्योरेंस का लाभ मिलेगा । यह इंश्योरेंस डिपाजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन (DICGC) द्वारा ग्राहकों को दी जा रही है । बता दें कि DICGC आरबीआई की सब्सिडियरी है जो ग्राहकों के 5 लाख तक के डिपाजिट पर इंश्योरेंस सुविधा प्रदान करता है ।