Ration Card Rules: यूपी में प्रशासन के आदेश के बाद से अब पात्र लोग अपना राशन कार्ड खुद ही सरेंडर करने पहुंच रहे हैं। गाजियाबाद में खाद्य आपूर्ति विभाग में ऐसे लोगों की बड़ी संख्या भी देखी जा सकती है। जो अपना राशन कार्ड जमा कराने आए हैं क्योंकि वह इसके अपात्र हैं। लेकिन इस कार्ड पर पहले राशन ले रहे थे। यूपी सरकार ने दिशा-निर्देश में एक गाइडलाइन तय की है। जिसके अंतर्गत आने वाले लोगों को यह राशन कार्ड से मुक्त राशन मिलेगी। इसके अलावा भी बाकी अपात्र लोगों को अपना कार्ड सरेंडर करने का भी आदेश दिया गया है।
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प्रशासन की तरफ से जारी इस आदेश के बाद से लोग खुद जाकर खाद आपूर्ति विभाग में अपना राशन कार्ड सरेंडर कर रहे हैं। वहीं पर दूसरी तरफ सरकार की इसी फैसले का कई लोग स्वागत भी कर रहे हैं। उनका यह कहना है कि सिर्फ अब उन्हीं लोगों को फ्री राशन मिलेगा जो इसके सही पात्र हैं। गाजियाबाद जनपद में चार लाख 20 हजार राशन कार्ड है। पहले की सरकार में अपात्र लोगों को भी राशन मिलता था लेकिन अभी अपनी स्वेच्छा से लोग राशन कार्ड को सरेंडर कर रहे हैं।
गाजियाबाद की खाद आपूर्ति अधिकारी डॉ सीमा ने यह बताया है कि अभी तक गाजियाबाद में 1914 अपात्र लोगों ने राशन कार्ड सरेंडर कर दिया है। ये उम्मीद है कि बड़ी संख्या में जो लोग अपात्र हैं। वह अपना राशन कार्ड खुद ही सरेंडर कर देंगे। इसके साथ ही उन्होंने यह कहा है कि अभी भी अगर कोई अपात्र अपना राशन कार्ड सरेंडर नहीं करेगा तो उसके ऊपर विधिक कार्यवाही भी की जाएगी।
वहीं पर दूसरी ओर जब सरेंडर करने वाले लोगों से बात की गई तो उन्होंने यह कहा कि हम राशन कार्ड सेरेंडर करने पहुंच रहे हैं, क्योंकि शासन के नियमों के मुताबिक जिन को इसकी जरूरत नहीं है उन्हें राशन कार्ड पर राशन नहीं लेना है। इन लोगों को डर है कि कहीं ऐसा ना हो कि राशन कार्ड के चक्कर में जमीन या फिर नौकरी ही चली जाए। इसीलिए अभी भी लोग अपना राशन कार्ड खुद ही जमा कराने पहुंच रहे हैं।
कोविड-19 में सरकार ने राशन कार्ड (Ration Card Rules) बनवाने में छूट दी तो इसका फायदा सभी ने उठाया। सरकारी नौकरी, कार, घर तथा सुविधा होने के बाद भी अपात्र राशन कार्ड की हकदार बन गए। अब शासन में अपात्र को बाहर करने का निर्देश भी दिया है। जिसकी वजह से पिछले 15 दिनों से अपात्र राशन कार्ड जमा कर रहे हैं। मंगलवार को जिला पूर्ति कार्यालय में भी कार्ड जमा करने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी। यह हाल हो गया की पूर्ति कार्यालय के कर्मचारियों को आगे आना पड़ा। जमा किए गए 2006 राशन कार्ड।
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राशन कार्ड (Ration Card Rules) जमा होने के बाद से कार्ड धारकों के मोबाइल पर संपर्क किया जाएगा और फिर उनमें माली हालत की जानकारी ली जाएगी। वहीं पर पूर्ति विभाग हर तहसील में अलग से सर्वे कराएगा। इसलिए भी ऐसा किया जा रहा है कि यदि किसी भी कार्यवाही के डर से राशन कार्ड सरेंडर कर दिया तथा वह पात्र है तो उसका पता लग सके।
बता दें कि चिलचिलाती धूप में पूर्ति कार्यालय के बाहर खड़े एक शिक्षक यह बात कर रहे थे कि अगस्त 2021 में राशन कार्ड बनवा लिया। यह मालूम नहीं था कि राशन कार्ड (Ration Card Rules) अपात्र हो जाएगा। रिकवरी न हो इसीलिए भी राशन कार्ड जमा कर दिया। शिक्षक ने बताया कि यह लगता है कि शासन स्तर पर राशन का कोटा खत्म करने की भी तैयारी चल रही है।
जिला पूर्ति कार्यालय के बाहर खड़ी एक महिला अन्य लोगों से कार्ड सरेंडर करने के बारे में भी जानकारी ले रही। उसने बताया कि उसका व्यापार है और वह जीएसटी भी भरती है। वो किस प्रकार कार्ड सरेंडर करें, इस पर लोगों ने महिला को बताया कि प्रार्थना पत्र, आधार नंबर की फोटो कॉपी, राशन कार्ड तथा मोबाइल नंबर देना होगा।