RRR movie : आदिवासियों ने अंग्रेजों के अत्याचारों के खिलाफ रंपा विद्रोह किया, जिस पर यह मूवी आधारित है।

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रंपा विद्रोह (RRR movie) :-

इस मूवी में दिखाया गया है कि आदिवासियों और अंग्रेजी सरकार के बीच विद्रोह भड़का हुआ है । यह फिल्म एक सच्चे विद्रोह की कहानी है । यह कहानी इतिहास के पन्नों में रंपा विद्रोह के नाम से वर्णित है ।ब्रिटिश शासन काल में ऐसे तो कई विद्रोह हुये है। उनमें से एक था रंपा विद्रोह ।  यह विद्रोह ब्रिटिश शासन के अत्याचार के विरोध में शुरू हुआ  और अंग्रेजों द्वारा आदिवासियों के मुख्य व्यवसाय छीने गए । अंग्रेजों द्वारा वन संसाधनों और जमीनों का दोहन करने के मकसद से यहां के निवासियों को उनके ही संसाधनों के इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यहां के आदिवासियों को जलाऊ लकड़ी के पेड़ भी काटने पर रोक लगा दिया गया । इस कानून की वजह से वहां के आदिवासी समुदाय पारंपरिक पोडू कृषि पद्धति के तहत खेती नहीं कर पा रहे थे । पोडू कृषि पद्धति एक प्रकार की झूम खेती ही है । यही वन कानून रंपा विद्रोह की वजह बन गई ।

अंग्रेजी सरकार और आदिवासियों के बीच रंपा विद्रोह

बहरी अंग्रेजी सरकार ने जब आदिवासियों की प्रार्थना नहीं सुनी तो उठा लिए हथियार :-

रंपा विद्रोह की शुरुआत में इनकी प्रमुख नेता अल्लूरी सीताराम राजू और कोमाराम भीम का नाम प्रमुख है। यह नेता गांधीवादी तरीकों का प्रयोग किया करते थे । जब बहरी ब्रिटिश सरकार को यह भाषा समझ नहीं आई तो ब्रिटिश शासन के खिलाफ क्रांतिकारियों ने हथियार उठा लिया । इस प्रकार रंपा विद्रोह जिससे मान्यम विद्रोह भी कहते हैं  ।  ब्रिटिश भारत के अधीन ‘ मद्रास प्रेसिडेंसी की गोदावरी शाखा में’ यह विद्रोह शुरू किया गया। यह एक आदिवासी विद्रोह था। इस विद्रोह की शुरुआत अगस्त 1922 से हुई और 1924 में राजू को  कैद करने और उनकी हत्या करने तक जारी रहा।

रंपा विद्रोह के प्रमुख नेता अल्लूरी सीताराम राजू

रंपा विद्रोह में विद्रोही के तौर पर रामा राजू का भी नाम आता है :-

विद्रोह के नेताओं में से एक और नेता रामाराजू का जन्म 1897 में विशाखापट्टनम जिले के पांडरंगा में हुआ था। उनके माता पिता वेंकटराम राजू और सूर्यनारायणम्मा मूल रूप  से पश्चिम गोदावरी जिले के मोगल्लू के रहने वाले थे। रामाराजू ने 27 साल की उम्र में सीमित संसाधनों के साथ सशस्त्र विद्रोह की अगुवाई की । रामा राजू गरीब अनपढ़ आदिवासियों को शक्तिशाली ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ प्रेरित किया। रामाराजू को इनकी वीरता के लिए इन्हें ” मांथम वीरूड़ू” यानी जंगल के नायक की उपाधि दी गई। यहां कोमाराम भीम का जन्म 1901 मे तेलंगना के आदिलाबाद हुआ था। जिले में गोंड समुदाय में हुआ था। वह चंदा और बल्लालपुर के जंगलों में बसी आबादी के बीच पले बड़े थे । युवावस्था में कोमाराम जेल से भागकर असम के एक चाय बागान में काम करने लगे । यहां उन्हें अल्लूरी सीताराम राजू की अगुवाई में चल रहे विद्रोह के बारे में पता चला इससे प्रेरित होकर अपने गोंड जनजाति की रक्षा के लिए इस विद्रोह में कूद पड़े । इस प्रकार ब्रिटिश सरकार के दौरान देशभर में करीब 40 प्रमुख आदिवासी विद्रोह हुए ।

रंपा विद्रोह के प्रमुख नेता अल्लूरी सीताराम राजू थे जिनकी हत्या के बाद विद्रोह खत्म हो गया :-

अल्लूरी सीताराम राजू की गोली मारकर कर दी गई हत्या और हो गया विद्रोह समाप्त

  अल्लूरी सीताराम राजू का जन्म 4 जुलाई 1897 में आंध्र प्रदेश की भीमावरम के पास एक गांव मुगालू में हुआ था। अल्लूरी सीताराम राजू को  इस रंपा विद्रोह में बहुत बड़ा योगदान रहा। कह सकते हैं कि रंपा विद्रोह के ये हीरो थे। इन्होंने अपने गांव में ही शिक्षा ली और 15 साल में विशाखापट्टनम में हाईस्कूल और यूनिवर्सिटी की शिक्षा पूरी की और फिर यह सन्यासी बन गए थे। इन्होंने लोगों को जागरूक किया और अंग्रेजो के खिलाफ खड़ा किया और आशा की ज्योत जगाई। आदिवासियों में स्वतंत्रता का आक्रोश जागा और अंग्रेजों को पकड़ कर मारा। 1922 से लेकर 1924 तक के समय में यह अभियान चला। अंग्रेजो के पुलिस स्टेशन और उनके सामान जला दिए गए। और कई अंग्रेजों को भी मार गिराया । इस अभियान का नेतृत्व अल्लूरी सीताराम राजू कर रहे थे पर यह अभियान 1924 तक ही चला अपने अंजाम तक नहीं पहुंच सका । 7 मई 1924 को अंग्रेजों ने अल्लूरी सीताराम राजू की गोली मारकर हत्या कर दी।

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