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Protection Act 1988: देश में प्रधानमंत्री की सुरक्षा हमेशा से ही एक गंभीर मुद्दा रही है । वक्त के साथ-साथ प्रधानमंत्री पद की सुरक्षा जरूरतों में भी बदलाव हुए हैं। बीते 10 वर्षों में हमें प्रधानमंत्रियों की सुरक्षा में यह मामला समाप्त करना पढ़ा। फरवरी 1967 बीते समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भुवनेश्वर में एक चुनाव की रैली में सीट से हमला किया गया था और 31 अक्टूबर में 1984 प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सैनिकों द्वारा हत्या कर दी गई थी । ऐसे ही 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री राजीव गांधी की राजघाट यात्रा के दौरान उन पर गोलियों से हमला किया गया था। उन पर गोलियां चलाई गई थी । इन्हीं घटनाओं के चलते ही विशेष सुरक्षा समूह को एक विशेष सुरक्षा बल दिया (SPG) यानी भारत के प्रधानमंत्री व उनका परिवार तथा पूर्व प्रधानमंत्री गण पूर्व राष्ट्रपति की सुरक्षा एक्ट 1988 पारित किया गया।
अगर प्रधानमंत्री की सुरक्षा या योजना की बात करें तो प्रधानमंत्री की किसी भी यात्रा के समय उनकी सुरक्षा के लिए एक व्यापक योजना बनाई जाती है। बात करें तो केंद्रीय खुफिया एजेंसी CIA बहुत ही शक्तिशाली है और राज्य पुलिस बल दोनों शामिल होते हैं । प्रधानमंत्री की किसी भी नियोजित यात्रा से 3 दिन पहले SPG जिसके बिना काम ना चल सकता । जिसके द्वारा अग्रिम सुरक्षा संपर्क (ASL) रखता है। जिसमें SPG अधिकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी राज्य पुलिस अधिकारी और संबंधित अधिकारी जिला मजिस्ट्रेट सहित कार्यक्रम की सुरक्षा से जुड़े सभी लोग शामिल होते हैं। इन अधिकारियों के बीच प्रधानमंत्री की यात्रा के हर मिनट का विवरण और आवश्यक सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा की जाती है ।
Protection Act 1988 सुरक्षा बैठक समाप्त होने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाती है और इस में भाग लेने वाले सभी लोगों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं। अगर योजनाओं में अचानक कोई बदलाव आ जाए तब ऐसी स्थिति से निपटने के लिए एक आकस्मिक योजना हमेशा से पहले बनाई जाती है जैसे कि मौसम खराब हो जाए तो प्रधानमंत्री कार्यक्रम स्थल के लिए उड़ान नहीं भर सकते। तब सड़क मार्ग से जाने की योजना पहले से ही बना ली जाती है। मार्ग को साफ किया जाता है और सड़क सुरक्षा की जाती है।
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Protection Act 1988: प्रधानमंत्री की सुरक्षा कई लेयर में होती है। प्रधानमंत्री के पास SPG के कमांडो होते हैं। कमांडो हमला करने वाले होते हैं और कुछ SPG बुलेट प्रूफ बैग लिए होते है । प्रधानमंत्री के ऊपर कोई गोलियों से हमला न कर सके इसलिए वह अपने बैग को खोल देते हैं और प्रधानमंत्री की गोलियों से सुरक्षित कर लेते हैं और हमला करने वाले SPG कई आधुनिक हथियारों से लैस होते हैं और हमला करने वालों के ऊपर वह जवाबी हमला करते हैं। एसपीजी कमांडो के बाद पैरामिलिट्री के कमांडो रहते हैं जो प्रधानमंत्री को सुरक्षित रखने के लिए होते हैं । इनके पास भी हथियार होते हैं। पैरामिलिट्री के बाद पुलिस होती है और पुलिस के बाद ट्रैफिक पुलिस की प्रोटेक्शन लेयर होती है।