Ratan Lal: कुछ दिनों पहले अपने विवादित पोस्ट को लेकर चर्चा में आए, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतन लाल को कल रात गिरफ्तार कर लिया गया। जानकारी के मुताबिक, वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर से मिले शिवलिंग के आकार के पत्थर पर, तंज कसते हुए, रतन लाल ने फेसबुक पर एक विवादित पोस्ट किया था। जिसको लेकर लगातार प्रोफेसर साहब चर्चा का विषय बनें हुए थे। तमाम हिन्दू संगठनों की तरफ से प्रोफेसर साहब को गिरफ्तार करने की मांग भी उठ रही थी। जिसके बाद कल रात तकरीबन 10 बजे गिरफ्तार कर लिया गया है।
इस पोस्ट में
दिल्ली विश्वविद्यालय के हिन्दू कालेज में इतिहास विभाग के प्रोफेसर रतन लाल ने लगभग चार दिन पहले शिवलिंग को लेकर अपने फेसबुक पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए पोस्ट किया था। जिसमें उन्होंने लिखा था कि, “यदि यह शिवलिंग है तो लगता है शायद शिव जी का भी खतना कर दिया गया था” दरअसल यह आपत्तिजनक पोस्ट तब किया गया। जब वाराणसी का ज्ञानवापी परिसर का मामला पूरे देश में तूल पकड़ रहा था। हालांकि बाद में पोस्ट को डिलीट कर दिया गया था। लेकिन तब तक पूरे शोसल मीडिया में यह पोस्ट यात्रा कर चुकी थी। जिसके बाद लोगों का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। और अन्त में पुलिस को प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार करना पड़ा।
“भारत एक नई सोच” के रिपोर्टर के मुताबिक प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ एफआईआर, दिल्ली के वकील विनीत जिंदल ने साइबर थाने में दर्ज कराई है। जानकारी के मुताबिक वकील विनीत जिंदल ने दिल्ली पुलिस को एक पत्र लिखकर, रतन लाल के पोस्ट का जिक्र करते हुए कहा था कि, डा. रतन लाल द्वारा फेसबुक पर किया गया पोस्ट, समाज को न केवल ‘उकसाने और भड़काने वाला’ है, बल्कि हिंदू धर्म के अनुयायियों और हिन्दू संगठनों के बीच भावनाओं को भी भड़का रहा है। जिसका परिणाम यह हुआ कि कल रात तकरीबन 10 बजे दिल्ली पुलिस ने प्रोफेसर रतन लाल को गिरफ्तार कर लिया।
फेसबुक पर विवादित पोस्ट के कुछ ही घंटे बाद प्रोफेसर रतन लाल के फेसबुक पर एक और पोस्ट होता है, जिसमें वह अपनी जान को खतरा बताते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए एक लाइसेंसी AK- 56 की मांग की थी। इसके अलावा उन्होंने दो AK- 47 से लैस सुरक्षा गार्डों की भी मांग की थी। साथ ही उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि मुझे हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी जाए। जिससे मैं अपने जान-माल की रक्षा कर सकूं।
कल जैसे ही शोसल मीडिया के माध्यम से यह खबर फैली कि प्रोफेसर Ratan Lal को गिरफ्तार कर लिया गया है। वैसे ही AISA और SFI संगठन के छात्र सक्रिय हो गए। और जिस थाने में प्रोफेसर रतन लाल को ले जाया गया था। उस थाने का घेराव करके नारेबाजी करने लगे। आप लोगों को बता दें कि AISA और SFI एक ऐसा संगठन है। जो छात्रों के हितों के लिए आवाज उठाते हैं।
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दिल्ली उत्तरी के Deputy Commissioner of Police सागर सिंह कलसी ने बताया कि, ‘ किसी धर्म विशेष के मान्यताओं और देवी देवताओं को अपमानित करने के इरादे से शोसल मीडिया (फेसबुक) पर जानबूझकर की गई एक विवादित और आपत्तिजनक पोस्ट के सिलसिले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रतन लाल के खिलाफ मंगलवार रात्रि को एक वकील द्वारा एक शिकायत मिली थी।
जिसके बाद कानूनी तौर पर रतन लाल पर ‘भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 ए (विभिन्न समूहों के बीच धर्म, नस्ल, जन्मस्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर वैमनस्य को बढ़ावा देना) और धारा 295ए (किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक मान्यताओं को अपमानित कर भावनाएं आहत करने के इरादे से किए गए जानबूझ कर एवं दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत एक शिकायत दर्ज की गई है।’