Prison Statistics India: बिना दोष सिद्ध हुये जेल में बंद रहते हैं लोग…देखिये क्या है स्थिति

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Prison Statistics India: आमतौर पर जब जेल की बात की जाती है तो यह समझा जाता है कि जेल में बंद व्यक्ति एक अपराधी है और वह अपने अपराध की सजा काटने के लिये जेल ने बन्द है और इस प्रकार लोगों की सहानुभूति खत्म हो जाती है पर वास्तविकता कुछ और भी है,जेल में बंद हर व्यक्ति अपराधी नहीं होता कुछ तो सिर्फ संदेह के आधार पर जेल भेज दिये जाते हैं और उनकी ज़िंदगी बर्बादी के मुहाने पर आ जाती है,आज हम आपको ऐसे सभी कैदियों की रिपोर्ट देने वाले हैं,ध्यान से पढ़ें।

Prison Statistics India ने जारी की रिपोर्ट

हम आपकी विश्वसनीयता के लिये यह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि हम जो आँकड़े आपको दे रहे हैं वह आँकड़े प्रिजन स्टेटिस्टिक्स ऑफ इंडिया ने जारी किये हैं इस रिपोर्ट में 2015 से 2020 तक ऐसे विचाराधीन कैदियों का प्रतिशत दिया गया है जिनपर दोष सिद्ध नही हो सकता था पर वह जेल में थे।

2015 में एक प्रतिशत से ज्यादा रहा आँकड़ा..

सबसे पहले 2015 की बात करते है तो आपको बता दें कि 2015 में भारतीय जेल में कैद कुल कैदियों में से एक प्रतिशत से भी अधिक कैदी ऐसे थे जो विचाराधीन थे,आंकड़ों की बात करें तो यह आँकड़ा 1.28% था,यह आंकड़ा पढ़ने में भले ही छोटा लग रहा हो पर वास्तव में यह बहुत बड़ी संख्या है।

2016 में और बढ़ा ग्राफ़

2015 के बाद 2016 आते आते इन कैदियों की संख्या का ग्राफ़ और बढ़ गया,जो आँकड़ा वर्ष 2015 में 1.28% था वह 2016 में बढ़कर 1.3% हो गया,0.02 % की वुद्धि ही सही पर यह चिंताजनक है और एक बड़ी संख्या है।

2017 और 2018 में समान रहा आँकड़ा

2016 के बाद अगर 2017 के आंकड़े उठाकर देखे जायें Prison Statistics India तो इसमें वृद्धि देखने को मिलती है और यह वृद्धि पूरी 0.3% दर्ज की जाती है इस प्रकार विचाराधीन कैदियों के आँकड़ा वर्ष 2017 में बढ़कर 1.6% हो जाता है तो वर्ष 2018 में भी बना रहता है अर्थात 2018 में भी विचाराधीन कैदियों का आँकड़ा 1.6% ही रहता है,यह थोड़ा सा सुखद इसलिये है कि इस वर्ष यह ग्राफ़ स्थिर रहता है और इसमें वृद्धि नहीं होती है।

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Prison Statistics India 2019 में गिरा ग्राफ़ 2020 में फिर से उछले आँकड़े..

वर्ष 2018 के बाद वर्ष 2019 में विचाराधीन कैदियों के आंकड़ो में काफी कमी देखी गयी और आँकड़े 0.1% घटकर 1.5% पर आ गया,लेकिन वर्ष 2020 में इन आंकड़ो में पुनः वृद्धि दर्ज की गई और विचाराधीन कैदियों का ग्राफ 0.4% बढ़कर 1.9% पहुँच गया,अर्थात मोटे मोटे तौर पर कह सकते हैं कि प्रत्येक 100 कैदियों में से 2 कैदी विचाराधीन कैदी हैं,इस प्रकार यह आँकड़े लगातार बढ़ रहे हैं जिस पर ध्यान देने की जरूरत है।

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