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Princess Amrit Kaur : हमारा भारतीय संविधान लोकतंत्र की आस्था का प्रतीक माना जाता है। इन संविधान को एक चरम सीमा तक ले जाने में जितना योगदान पुरुषों का है उतना योगदान महिलाओं का भी है और संविधान निर्माण में किसी एक महिला का योगदान नहीं है कई ऐसी नायिकाएं हैं, जिन्होंने संविधान निर्माण राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दिया है। इन महिलाओं में एक महिला अमृत कौर हैं । जिन्होंने राजसी परिवार को और ठाठ बाट को छोड़कर आम आदमियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को खत्म करने के लिए निकल पड़ी । अमृत कौर का जन्म 2 फरवरी 1889 को लखनऊ में हुआ था। इनके पिता हरनाम सिंह पंजाब के कपूरथला राज्य के राजस्व परिवार से थे।
इन्हें किसी भी प्रकार की धन-धान्य की कमी नहीं थी । लेकिन मन में देश प्रेम था। राजकुमारी अमृत कौर की शिक्षा इंग्लैंड में पूर्ण की । शिक्षा इंग्लैंड अपने स्कूल समय में अमृत कौर बहुत अच्छे खिलाड़ी रही। अमृत कौर स्कूली पढ़ाई करने के बाद ऑक्सफोर्ड चली गई और सन 1919 में जलियांवाला हत्याकांड की घटना घटी । अमृत इतनी प्रभावित हुई कि वह स्वाधीनता आंदोलन में शामिल हो गयीं। 1927 में महिला अखिल भारतीय सम्मेलन की शुरुआत कर दी और इसके अध्यक्ष बनी। राजकुमारी अमृत कौर बापू महात्मा गांधी के विचारों से प्रभावित होकर राष्ट्रीय आंदोलन को भी अपनाया।
Princess Amrit Kaur 17 वर्षों तक महात्मा गांधी की सेक्रेटरी रही और गांधी आश्रम में ही वह रहा करती थी। दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन में शामिल होने के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ा था और इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित तमाम आंदोलनों में भाग लेने के साथ-साथ राजकुमारी अमृत कौर ने बाल विवाह, सती प्रथा, देवदासी प्रथा, महिलाओं में असमानता के लिए वे वकालत किया करती थी। अमृत कौर के इसी काम को देख कर अरूणा आसिफ अली ने इन्हें पायनियर नाम से संबोधित किया था।
Princess Amrit Kaur संविधान सभा की सलाहकार और मौलिक अधिकारों की उप समिति के सदस्य बनी। आजादी के बाद अमृत कौर ने यूनाइटेड प्रोविंस के मंडी से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतीं भी । चुनाव के जीतने के बाद अमृत कौर पहली कैबिनेट की पहली स्वास्थ्य मंत्री बनी । अमृत कौर ने अपने जीवन में बहुत सी संस्थाओं की स्थापना की वह एक विलक्षण महिला थी। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री के पद पर रहकर AIIMS की स्थापना की। इसके लिए अमृत कौर ने विदेशों से भी फंड की व्यवस्था की।
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Princess Amrit Kaur ने 2 अक्टूबर 1964 को इस दुनिया से अलविदा कह दिया। इसके बाद न्यूयॉर्क टाइम्स ने इनके देश सेवा की भावना को देखते हुए इन्हें राजकुमारी की उपाधि दी । इसलिए इन्हें राजकुमारी अमृत कौर कहा जाने लगा । सन 2020 में टाइम मैगजीन ने राजकुमारी 8 रही हैं। उसी लिस्ट में अमृत कौर का नाम भी शामिल है किया राजकुमारी अमृत कौर अन्य प्रभावशाली महिलाओं में से एक है । भारतीय इतिहास में इन्हें युगो युगो तक याद रखा जाएगा।