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President Election: शरद पवार के बाद फारूक अब्दुल्ला भी हटे पीछे, तो क्या विपक्ष से ये होंगे राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार?

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President Election: 15 जून 2022 को President Election को लेकर बुलाई गयी बैठक में ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर गोपाल गांधी और फारुख अब्दुल्ला के नाम का प्रस्ताव रखा था।

शरद पवार की अध्यक्षता में हुई थी मीटिंग

राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बुलाई गयी बैठक में ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर गोपाल गांधी और फारुख अब्दुल्ला के नाम का प्रस्ताव रखा था। राष्ट्रपति चुनाव (President Election 2022) के शोरगुल के बीच विपक्ष ने 15 जून 2022 को बुधवार को बैठक की थी। दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया था।

इस बैठक में राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के लिए सबसे पहले शरद पवार का नाम लिया गया था। लेकिन शरद पवार की इंकार कर देने के बाद ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) और गोपाल कृष्ण गांधी (Gopal Krishna Gandhi) के नाम का प्रस्ताव रखा था। किंतु, खबर आई है कि फारुख अब्दुल्ला ने भी President Election से अपना नाम वापस ले लिया है।

फारुख अब्दुल्ला की इंकार की वजह

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जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉफ्रेंस के प्रमुख फारुख अब्दुल्ला ने विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस ले लिया है। शनिवार 18 जून को उन्होंने इस बात का ऐलान कर दिया।

इस बारे में बात करते हुए नेशनल कॉफ्रेंस के प्रमुख ने कहा, “मैं भारत के राष्ट्रपति पद के लिए संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के रूप में अपना नाम वापस लेता हूं। इन दिनों जम्मू और कश्मीर एक महत्वपूर्ण मोड़ से गुजर रहा है और इन अनिश्चित के दौर से बाहर निकालने और यहां लोगों को मेरी जरूरत है।”

फारुख अब्दुल्ला ने कहा, “ अभी मुझे एक्टिव पॉलिटिक्स करनी है। मैं देश और जम्मू-कश्मीर की सेवा में सकारात्मक योगदान देने के लिए तैयार हूं। मेरा नाम राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए प्रस्तावित करने के लिए मैं ममता दीदी का आभारी हूं। साथ ही मैं उन सभी वरिष्ठ नेताओं का भी आभारी हूं जिन्होंने मुझे अपना समर्थन दिया है।”

आखिर क्या है फारूक अब्दुल्ला और शरद पवार के इनकार की वजह

वैसे तो राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी से इनकार करने की कई वजह हो सकती है। लेकिन इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि फिलहाल विपक्ष भी इस मामले में एकजुट नहीं है और बगैर एकजुट हुए विपक्ष कभी भी राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत नहीं सकता है। ऐसे में शरद पवार और फारूक अब्दुल्ला किसी प्रकार का भी रिस्क लेना नहीं चाहते हैं।

इन दिग्गजों के नाम पर लग सकती है मुहर

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गोपाल कृष्ण गांधी : दो दिग्गज हस्तियों के मना करने के बाद विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए गोपाल कृष्ण गांधी का नाम सबसे आगे है। गोपाल कृष्ण गांधी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते हैं। गोपाल कृष्ण पश्चिम बंगाल के गवर्नर और आईएएस अधिकारी भी रह चुके हैं।

मुलायम सिंह यादव : गोपाल कृष्ण गांधी के अलावा मुलायम सिंह यादव का नाम भी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की लिस्ट में आगे चल रहा है। कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी के साथ ही कई पार्टियां भी इसके लिए सहमत हैं। किंतु, मुलायम की तबियत नासाज है, इसलिए ऐसे में विपक्ष मुलायम से संपर्क करने के बाद ही आगे कोई चर्चा करेंगे।

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एनके प्रेमचंद्रन : केरल से सांसद एनके प्रेमचंद्रन के नाम पर भी बैठक में चर्चा हुई थी। एनके प्रेमचंद्रन केरल सरकार में मंत्री रह चुके हैं

यशवंत सिन्हा : एक वक्त के भाजपा के दिग्गज नेताओं में गिने जा रहे यशवंत सिन्हा वर्तमान में तृणमूल कांग्रेस के लिए राजनीतिक बैटिंग कर रहे हैं। यशवंत सिन्हा भी राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर विपक्ष के लिस्ट में है।

यह भी मुमकिन है

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इन सभी राजनीतिक हस्तियों के अलावा इस बैठक में विपक्ष के नेताओं ने हमारे देश के बड़े-बड़े शिक्षाविदों, अर्थशास्त्रियों वैज्ञानिकों और राजनयिकों की लिस्ट भी तैयार की है। इस मामले में यह कहा गया है कि 21 जून को होने वाली अगली विपक्ष की बैठक में इन नामों पर भी चर्चा की जाएगी।

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