Pradeep Mehra: हिमालय की छांव में बसा हुआ उत्तराखंड देवभूमि के भूमि होने साथ ही देश सेवा की रक्षा के लिए मर मिटने वाले वीरों को पैदा करने वाली भूमि भी है। चाहे फिर वह स्व. सीडीएस रावत हों या एनएसए डोभाल हो। अब ऐसे ही 19 साल के अल्मोड़ा निवासी प्रदीप मेहरा अपनी कठिन परिस्थितियों के बावजूद सेना में जाने का जुनून जगाए हुए है।
महज 19 साल का एक बच्चा देर रात नोएडा की सड़क पर बिना किसी की परवाह किए दौड़ रहा था, वह बच्चा पसीने से लथपथ था, लेकिन फिर भी उसके भोले से चेहरे पर जरा शिकन नहीं थी। उस समय ही कार से जा रहे फिल्म जाने माने पत्रकार व फिल्म निर्माता विनोद कापड़ी (filmmaker Vinod Kapri) की उस पर नजर उस भागते हुए बच्चे पर पड़ी और उन्होंने फौरन ही गाड़ी की स्पीड स्लो कर उस भागते हुए बच्चे से घर छोड़ने का ऑफर दिया,
लेकिन विनोद के कई बार अनुरोध करने के बावजूद भी वो उभरता हुआ युवा लिफ्ट लेने के लिए राजी नहीं हुआ। दरअसल, 19 साल के प्रदीप मेहरा मैकडोनाल्ड कंपनी में अपनी ड्यूटी पूरी कर दौड़ का अभ्यास कर रहे था, क्योंकि वह सेना में भर्ती होना चाहते है।
इस पोस्ट में
इस वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ ही विनोद कापड़ी ने प्रदीप से उसके परिवार के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वो घर जाकर अपने और बड़े भाई के लिए खाना बनाएगा। उसके भाई की नाईट ड्यूटी होने के कारण वह अपने लिए खाना नहीं बना पाता। उसे सुबह आठ बजे तक उठकर अपने भाई के लिए खाना तैयार करना होता है। वो हर रोज ही नोएडा सेक्टर 16 से बरौला स्थित अपने घर तक यूं ही दस किलोमीटर की दौड़ लगाता है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के रहने वाले प्रदीप अपने बड़े भाई के साथ नोएडा में रहते हैं।
पीहू फिल्म के निर्देशक कापड़ी खुद भी उत्तराखंड राज्य के पिथौरागढ़ जिले के ही मूल निवासी हैं और उनके पिता भी सेना में रह चुके हैं। प्रदीप के सेना में भर्ती होने के जज्बे को देखकर विनोद खुद भी कुमाऊंनी में बात करने लगे और प्रदीप के परिवार के बारे में पूछते हैं।
कुमाऊंनी में प्रदीप ने बताया कि उसकी मां की तबीयत खराब होने के कारण वह अस्पताल में भर्ती हैं। उनका इलाज चल रहा है।
प्रदीप का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट होते ही वायरल हो गया। विनोद कापड़ी ने मेहरा को बताया कि उसकी ये वीडियो जल्द ही वायरल होने वाली है। इस पर प्रदीप ने हंसते हुए कहा, मुझे कौन पहचानेगा, लेकिन अगर यह वायरल होती भी है तो ठीक है, मैं तो कुछ भी गलत नहीं कर रहा हूं। विनोद कापड़ी ने उसे साथ बैठकर डिनर का ऑफर भी किया, लेकिन अपने लक्ष्य और जिम्मेदारियों को लेकर अडिग प्रदीप ने जवाब दिया कि अगर वो उनके साथ डिनर पर जाता है, तो उसका भाई तो भूखा ही रह जाएगा।
इस पर भी कापड़ी ने कहा कि प्रदीप तुम लाजवाब हो। उन्होंने प्रदीप फिर एकलिफ्ट देने के लिए रिक्वेस्ट की, लेकिन वो जरा टम से मस नहीं हुए। प्रदीप ने साफ कहा कि अगर ऐसा करेगा तो उसकी दौड़ बेकार हो जाएगी।
लगे रहो मुन्नाभाई व थ्री इडियट्स के लिए नेशनल अवार्ड विजेता सिंगर-राइटर स्वानंद किरकिरे,प्रसिद्ध क्रिकेटर हरभजन सिंह, वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत, केंद्रीय राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर, प्रसिद्ध आरजे, कृष्ण की भूमिका निभा चुके अभिनेता स्वपनिल जोशी, इंडयिन यूथ कांग्रेस के नेशनल प्रेसिडेंट श्रीनिवास, आइएएस, देश के वरिष्ठ पत्रकार और न जाने देश की कितनी ही हस्तियों ने प्रदीप को उसके उज्जवल भविष्य के लिएशुभकामनाएं दी हैं और यह सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है और लिस्ट लंबी ही होती जा रही है।
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अपने जज्बे और जुनून से रातों रात ही इंटरनेट मीडिया की सुर्खियां बनकर लाखों लोगों के दिलों में उतरने वाले प्रदीप मेहरा की मदद के लिए अब लोग सामने आने लगे हैं। इस उत्तराखंड के लाल के मददगारों में जो सबसे बडा और प्रमुख नाम सामने आया है वो हैं सर्जिकल स्ट्राइक के हीरो कहे जाने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतीश दुआ का। जनरल सतीश दुआ ने उभरते युवा प्रदीप की मदद के लिए माऊं रेजिमेंट के कर्नल, पूर्वी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राणा कलिता से बात भी की है। जिसे प्रदीप का भारतीय सेना में जाने का सपना जल्द ही पूरा हो सके।
Pradeep Mehra आज इस खबर पर एक बात कहना तो बनता ही है कि सिर्फ Pradeep Mehra ही नहीं किंतु आज देश में ऐसे करोड़ों उभरते युवाओं मौजूद हैं, जो अपने करियर व परिवार के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। आज देश में बेरोज़गारी का आलम हर दिन बढ़ता जा रहा है। किंतु, सत्ता के लालच में औंधे मुंह पड़े हुए लोगों को इन उभरते हुए युवाओं की भला क्यों कद्र होगी। ना ही उनके लिए किसी ऐसे एनक का आविष्कार हो सकता है जिनसे उन्हें देश के युवाओं की महेनत वह मशक्कत साफ दिखाई जा सकें। ” भारत एक नई सोच” प्रदीप मेहरा और उन जैसे सभी नवयुवाओं को उनके आने वाले भविष्य की शुभकामनाएं देता है।