PM Svanidhi Yojana के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को अपने काम को शुरू करने के लिए 10 हजार रुपये तक का लोन दिया जाता है. कोविड के समय प्रभावित हुए व्यवसाय को फिर से शुरू करने में सरकार कर रही है मदद.
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत लोन मिलता है
सब्सिडी की व्यवस्था ब्याज पर
लाभ आधार कार्ड के बिना नहीं मिलेगा
देश में छोटे व्यवसाय (Small Business) करने वाले लोगों की सहायता के लिए केंद्र सरकार (Central Government) ने एक स्कीम चलाया है. इस तरह की स्कीम के तहत नया रोजगार शुरू करने के लिए बिना किसी गारंटी के 10 हजार रुपये तक का लोन अमाउंट दिया जाता है. सरकार ने इस स्कीम को खास तौर पर स्ट्रीट वेंडर्स के लिए चालू किया था, जिनका रोजगार कोरोना महामारी के समय में बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. इस स्कीम का नाम पीएम स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Yojana) हैं. सरकार ने अब इस स्कीम को साल 2024 तक के लिए बढ़ा दिया है.
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पीएम स्वनिधि योजना (PM Svanidhi Yojana) के अनुसार रेहड़ी-पटरी वालों को अपने काम को दोबारा चालू करने के लिए 10 हजार रुपये तक का लोन ऑफर दिया जाता है. इसमें खास बात ये है कि कर्ज के ब्याज पर सब्सिडी भी दी जाती है. अगर कोई पहली बार में लिए गए लोन को समय से चुका देता है, तो वह दूसरी बार में 20 हजार और तीसरी बार में रुपये 50 हजार तक के लोन के लिए योग्य भी हो जाता है.
पीएम स्वनिधि योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक के पास आधार कार्ड होना आवश्यक है. इस लोन के लिए किसी तरह की गारंटी देने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती है. आवेदन मंजूर हो जाने पर लोन की रकम 3 महीनों के अंदर ट्रांसफर कर दी जाती है. हर महीने इसे किश्तों में एक साल की अवधि के दौरान चुकाया जा सकता है.
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पीएम स्वनिधि योजना का लाभ पाने के लिए किसी भी सरकारी बैंक में आवेदन किया जा सकता है. किसी भी सरकारी बैंकों में इस स्कीम का फॉर्म लें और भर दें. इसके साथ में आपको अपने आधार कार्ड की फोटाकॉपी भी लगानी होगी. आवेदन मंजूर हो जाने के बाद पहले महीने की किश्त सीधा आपके खाते में आ जाएगी.
रेहड़ी-पटरी वालों के लिए कैश-बैक के सहित डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने हेतु सरकार ने इस स्कीम के बजट में काफी इजाफा किया है. सरकार ने उम्मीद लगाई है कि शहरी इलाकों के लगभग 1.2 करोड़ लोगों को इस स्कीम से लाभ भी मिलेगा. इस स्कीम के तहत 25 अप्रैल 2022 तक 31.9 लाख कर्ज को मंजूरी दी गई. इसके अलावा 29.6 लाख रुपए कर्ज के हिसाब से 2,931 करोड़ रुपये भी जारी किए गए. सब्सिडी ब्याज के रूप में 51 करोड़ रुपये की अमाउंट का भुगतान किया गया.