PM Narendra Modi की वरिष्ठ नौकरशाहों के साथ बैठक में कुछ अधिकारियों ने कई राज्यों द्वारा घोषित लोकलुभावन योजनाओं पर भी चिंता जताई तथा यह दावा किया है कि वह आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं है। यहां तक कि वह उन्हें श्रीलंका के रास्ते पर ले जा सकती हैं। ये बात सूत्रों ने रविवार को कहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को ही 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने सिविल कार्यालय में सारे विभागों के सचिव के साथ 4 घंटे की लंबी बैठक भी की। हाला की बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, पीएम मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा तथा कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा भी केंद्र सरकार के अन्य शीर्ष नौकरशाही भी शामिल हुए।
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हालांकि इस बैठक के दौरान ही PM Narendra Modi ने नौकरशाहों से स्पष्ट रूप से यह कहा है कि वह कमयों के प्रबंधन की मानसिकता से बाहर निकल कर अधिशेष के प्रबंधन की नई चुनौतियों का सामना करें। जबकि सूत्रों ने यह भी कहा है कि मोदी ने प्रमुख विकास परियोजनाओं को नहीं लेने के बहाने के तौर पर ‘गरीबी’ का हवाला देने की पुरानी कहानी को छोड़ने तथा उनसे एक बड़ा दृष्टिकोण अपनाने के लिए कहा।
कोरोना महामारी के दौरान ही सचिवों ने जिस प्रकार से साथ मिलकर एक टीम की तरह काम किया। उसका उल्लेख करते हुए भी मोदी ने यह कहा है कि उन्हें भारत सरकार के सचिव के रूप में कार्य करना चाहिए ना कि केवल अपने संबंधित विभागों के सचिवों के रूप में तथा उन्हें एक टीम के रूप में भी काम करना चाहिए। फीडबैक देने तथा सरकार की नीतियों में खामियों पर सुझाव देने के लिए भी कहा जिसमें वह भी शामिल है जो उनके संबंधित मंत्रालयों से संबंधित नहीं है।
सूत्रों ने यह भी कहा कि 24 से अधिक सचिवों ने अपने विचार व्यक्त किए तथा PM Narendra Modi के साथ अपनी प्रतिक्रिया भी साझा की। जिन्होंने उन सबको ध्यान से सुना। वर्ष 2014 के बाद से ही पीएम की सचिवों के साथ यह नौवी बैठक थी। सूत्रों ने यह भी कहा कि 2 सचिवों ने हाल ही के विधानसभा चुनाव में एक राज्य में घोषित एक लोकलुभावन योजना का भी उल्लेख किया है। जो कि आर्थिक रूप से खराब स्थिति में है। इसके साथ ही उन्होंने अन्य राज्यों में इस तरह की योजनाओं का हवाला देते हुए यह कहा है कि वह आर्थिक रूप से टिकाऊ नहीं है तथा राज्यों को श्रीलंका के रास्ते पर ले जा सकती हैं।
बता दें कि श्रीलंका वर्तमान में इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। लोगों को रसोई गैस, इंधन के लिए लंबी लाइनों में लगना पड़ रहा है। हाला की आवश्यक चीजों की आपूर्ति भी बहुत कम है। इसके साथ ही लोग लंबे समय तक बिजली कटौती की वजह से हफ्तों से परेशान हैं। ऐसी बैठकों के अलावा भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शासन में समग्र सुधार के लिए नए विचारों का सुझाव देने के लिए सचिवों के छह-क्षेत्रीय समूह का भी गठन किया है।
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PM Narendra Modi ने बैठक में जिस तरह कोरोना महामारी के दौरान ही सचिवों ने साथ मिलकर एक टीम की तरह काम किया है वैसी ही भारत सरकार के सचिव के रूप में काम करना चाहिए। जबकि बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा एवं कैबिनेट सचिव राजीव गौबा के अलावा भी केंद्र सरकार के अन्य शिक्षा अधिकारी भी मौजूद रहे।