PF Account: बीएफ नाम आपने सुना होगा लेकिन आप इसे शायद अच्छी तरह नहीं जानते होंगे तो चलिए आपको बताते हैं कि पीएफ क्या है पी एफ का फुल फॉर्म प्रोविडेंट फंड होता है अर्थात इसे भविष्य निधि कहते हैं जो कर्मचारियों को दिया जाता है पीएफ में हाल ही में सरकार ने ब्याज दर घटाकर अंशु धारकों को भले ही होली से पहले झटका दिया हो लेकिन अब भी यह कई महीने से फायदेमंद हो सकता है..
आपको बता दें पीएफ खाता खोलते ही अंश धारकों को इंटेलाइज डिपॉजिट लिमिट इंश्योरेंस ई डी एल आई योजना के तहत ₹700000 तक मुफ्त बीमा मिलता है तो चलिए अब हम आपको इसके फायदे बताते हैं
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आपको बता दें कि अगर आपका पीएफ खाता नहीं साल से अधिक समय से निष्क्रिय है तो भी आपको ब्याज मिलता रहेगा यह बदलाव 2016 में ईपीएफओ यानी एंप्लॉई प्रोविडेंट फंड ऑर्गेनाइजेशन की ओर से किया गया है इससे पहले खाता निष्क्रिय रहने पर ब्याज नहीं मिलता था
आपको मालूम होगा कि एक पीएफ खाता धारक 58 साल की उम्र के बाद पेंशन पाने का हकदार हो जाता है लेकिन इसके लिए पीएफ खाते हैं मैं कम से कम 15 साल तक हर महीने योगदान करना जरूरी है ईपीएफओ नियमों के तहत कर्मचारी के बेसिक वेतन के साथ डी ए का 12% हिस्सा पीएफ खाते में जाता है
पता नहीं पी एफ में निवेश पर टैक्स भी बच सकता है पुराने टैक्स स्लैब में अपने पीएफ खाते में ₹200000 तक योगदान पर आयकर कानून की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट पा सकते हैं जबकि नए स्लैब में यह सुविधा नहीं है।
आप जरूरत पड़ने पर पीएफ खाते किससे बीच में पैसे निकाल सकते हैं बता दे कर्मचारी अगर किसी कंपनी में 5 साल तक अपनी सेवाएं देता है तो पीएफ खाते से निकासी पर कोई टैक्स नहीं लगता है।
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बता दे इमरजेंसी की स्थिति में खाताधारक जमा राशि से लोन ले सकता है इस पर उसे पीएफ जमा पर मिलने वाले ब्याज से 1% ज्यादा इंटरेस्ट का भुगतान करना होगा यह लोन 3 साल के लिए होता है